मंगलौर;
जिस मासूम 6 वर्ष के बच्चे धैर्य के गायब हो जाने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। और उसकी गुमशुदगी के लिए उसके माता पिता , रिश्तेदार सभी जगह फ़ोटो और संदेश भेजकर धैर्य को ढूंढने या खबर देने की अपील कर रहे थे। उसी बच्चे के पिता ने इंसानियत और पिता के रिश्ते को तार -तार करते हुए अपने बेटे की जान ले ली। मात्र दौलत के सामने एक पिता ने अपने ही पुत्र को मौत के घाट उतार दिया। ऐसे पिता ने गए भी नही सोचा कि उसकी माँ पर क्या बीतेगी।
ऐसा ही मिलता जुलता किस्सा जोधपुर का भी है, जश्न नवाब अली नाम के एक व्यक्ति ने अपनी 2 साल की मासूम बच्ची की बलि दे दी। खुद को बड़ा नमाज़ी बतानेवाला नवाब अली ने अपनी बेटी को प्यार दुलार किया खिलाया पिलाया और उसकी कुर्बानी दी दी। दोनो ही मामलों में मनुष्य के विक्षिप्त होने के प्रमाण मिलते है। धर्म और जाति से परे जाकर जिस प्रकार मानव वहशीपन का परिचय दे रहा है, इसका नतलब यही है कि भौतिकवादी यिग में मनुष्य को संतोष की अत्यंत आवश्यकता है। अपनी इच्छाओं को पूरा करबे के लिये अपने ही संतान को मार देना अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है।
कहानी ऐसे बनी धैर्य की–
मंगलौर के मोहल्ला लाल बाड़ा से 9 जून की दोपहर को 6 साल का मासूम धैर्य अचानक घर के बाहर से गायब हो गया जिसकी तलाश करने के बाद देर रात परिजनों के द्वारा मंगलौर कोतवाली में अपहरण का मामला दर्ज करवाया गया आसपास काफी तलाश की गई ।लेकिन धैर्य का कोई सुराग नहीं लग पाया। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। जिसमें अपहरण की घटना के कुछ देर बाद ही उस वीडियो फुटेज में धैर्य का पिता डॉ शोभित अग्रवाल ही अपने बेटे को बाइक पर ले जाते हुए दिखाई दिया। आज पुलिस के द्वारा दूसरे और सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया जिसमे धैर्य को उसका पिता ही ले जाते दिखाई दिया पुलिस ने धैर्य के पिता को जब साथ में लेकर हिरासत में लेकर जमकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारा राज़ उगल दिया । पहले कई घंटों तक डॉक्टर शोभित अग्रवाल के द्वारा पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई। और अपने आप को पाक साफ बताने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस को पूरा शक शोभित पर हो गया था जिसके बाद शोभित ने अपहरण से लेकर अपने बेटे की हत्या का पूरा राज उगल दिया ।पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में लेकर उत्तम शुगर मिल के सामने खेत से मासूम धैर्य का शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद कर लिया ।
एसपी देहात मणिकांत मिश्रा के द्वारा बताया गया कि डॉ शोभित अग्रवाल ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि आर्थिक कारणों के कारण आरोपी पिता डॉक्टर शोभित अग्रवाल ने अपने ही बेटे का अपहरण करने के बाद उसे 9 जून की शाम को ही लिब्बरहेड़ी के सामने खेत में ले जाकर गला घोटने के बाद मौत के घाट उतार दिया था और उसे वहीं छोड़ कर अपने घर वापस लौट आया और आकर मंगलोर कोतवाली में अपने ही बेटे की अपहरण का मामला दर्ज करा दिया गया था।
एक टिप्पणी भेजें