मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय ग्रामीण
विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से उनके आवास पर भेंट की। इस
अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, खनन मंत्री श्री नरेंद्र
सिंह तोमर ने स्टेट इंस्टिट्यूट आॅफ रूरल डेवलपमेंट(एस.आई.आर.डी.) एवं
एक्सटेंशन ट्रेनिंग सेंटर के अन्तर्गत संस्थान की बिल्डिंग, हाॅस्टल, वेतन
एवं फैकल्टी के लिये केंद्रीय अनुदान की सहमति दी।
मुख्यमंत्री
ने केन्द्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड में ग्रामीण विकास के लिये हरिद्वार एवं
ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के लिये आउटलेट खोले
जाने का अनुरोध किया, जिससे की स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों का
सही मूल्य व सही मार्केट मिल सके।
देहरादून:
कैम्पा के अन्तर्गत स्थानीय लोगों
को रोजगार से जोड़ने के लिए वृक्षारोपण और जल संरक्षण आवश्यक
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा
बैठक ली। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबन्धन परियोजना में जो
वन पंचायतें अच्छा कार्य कर रही हैं, उनको जनपद एवं प्रदेश स्तर पर
सम्मानित भी किया जाए। इस परियोजना के तहत वन पंचायतों में स्थानीय स्तर पर
लोगों की आजीविका बढ़ाने, वन क्षेत्रों के लैण्ड स्लाइड से प्रभावित
क्षेत्रों के लिए आवश्यक उपचार एवं वन पंचायतों की क्षमता विकास पर विशेष
बल दिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड
वन संसाधन प्रबन्धन परियोजना के तहत जिन 750 वन पंचायतों का चयन किया गया
है, इनमें जल संरक्षण, उन्नत किस्म के पौध रोपण एवं आर्गनिक उत्पादों को
अधिक बढ़ावा दिया जाए। वन पंचायतों के लिए जो पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं,
उनमें फलदार वृक्ष, चारा प्रजाति, औषधीय वृक्ष उपलब्ध कराये जाएं। वृक्षों
को पानी की उपलब्धता के लिए वर्षा जल संचय की व्यवस्था भी की जाए।
परम्परागत तरीको से जल संरक्षण के लिए चाल-खाल, तालाब एवं चैक डेम बनाये
जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में वहां की
पारिस्थितिकी के अनुसार वृक्षारोपण, मसालों की खेती, एरोमैटिक खेती आदि पर
कार्य किया जाए। जिससे वन पंचायतों को आर्थिक लाभ हो सके एवं लोगों की
आजीविका में वृद्धि हो सके। वन पंचायतों के अन्तर्गत पेयजल स्रोतों के
पुनर्जीवीकरण का कार्य भी किया जाए। उन्होंने कहा कि जितने भी कार्य किये
जा रहे हैं, उनकी जियो टैगिंग की जाए। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए
सभी सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं नियोजन
प्राधिकरण(उत्तराखण्ड कैम्पा) के तहत वनों के संरक्षण, संवर्द्धन, मृदा एवं
जल के संग्रहण तथा सूख रहे जल स्रोतों के पुनरोद्धार के लिए विशेष
कार्ययोजना बनाई जाये। उन्होंने कहा कि कैम्पा के अन्तर्गत स्थानीय लोगों
को रोजगार से जोड़ने के लिए वृक्षारोपण एवं उनका अनुरक्षण, जल संरक्षण से
सम्बन्धित कार्यों पर अधिक बल दिया जाए।
बैठक में वन एवं
पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह,
अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रमुख वन
संरक्षक श्री जयराज, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, अपर सचिव डाॅ. एम.एस
बिष्ट एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून:
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में यमुना बचाओ
अभियान दल द्वारा आयोजित जन चेतना शोभा यात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना
किया। इस अवसर पर विधायक श्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नदियों का संरक्षण हम सबकी सामाजिक जिम्मेदारी
है। उन्होंने कहा कि गंगा और यमुना दोनों का उद्गम स्थान उत्तराखण्ड में
है। इसलिए गंगा और यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाये रखने के लिए सबको मिलकर
प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाएं इस क्षेत्र में
अच्छा कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एवं यमुना की अविरलता
को बनाए रखने के लिए हमें बहुआयामी प्रयास करने होंगे। हमें उन सभी धाराओं
को जीवित रखना होगा जिनसे मिलकर ये नदियाँ बनती है।
यमुना बचाओ
अभियान के तहत अनमोल ग्राम स्वराज संस्थान एवं शिव शक्ति राम चरित्र सेवा
के स्वयं सेवकों द्वारा तीन दिन तक यमुना के सभी घाटों पर स्वच्छता अभियान
चलाया जायेगा।
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