.श्यामपुर:
उत्तम सिंह
जहां एक ओर सरकार ग्रामीणो क्षेत्र मे ही बैकिंग की सुविधा देने का दावा करती है । वहीं इसके उल्ट
उत्तराखण्ड की अस्थायी राजधानी देहरादून से मात्र 35 किमी दूर बसा गांव छिददरवाला जहां पर चार ग्राम पंचायत की 25 हजार से अधिक आबादी निवासरत है वहीं इतनी बड़ी आबादी के बीच गौर करें तो पूरे क्षेत्र में मात्र एक ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के भरोसे बैकिंग सेवा है। वहीं क्षेत्र मे राष्ट्रीयकृत बैक ना होने से आमजन को कही परेशानी का समाना करना पडता है । पूरे क्षेत्र में एक भी राष्ट्रीयकृत बैंक न होने से लोगों को पैसों की लेनदेन या अन्य कार्यो के लिए या तो लालतप्पड़ या रायवाला जाना पड़ता है। सबसे बड़ी फजीहत युवाओं व छात्रों के लिए है जिन्हें किसी भी फार्म आदि भरते समय लगने वाले बैंक ड्राफ्ट के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इस बाबत क्षेत्र के ग्रामीणअनिल रागँड,सन्दीप जोशी,राकेश गौड, सन्दीप नेगी ,प्रमोद रावत ,सुरेन्द्र रावत, रवि तोपवाल,योगेश,पवनकपिल,मोहित ने कहा कि आज तो लगभग सभी राष्ट्रीय कृत बैंकों में आनलाइन व्यवस्था हो गयी है। ऐसे में कहीं से पैसा मंगाना व भेजना दोनों काफी सुलभ हो गया है। वहीं नौकरी पेशा ,छात्र,ग्रामीणो को इन परिस्थतियों में काफी परेशानी का समाना करना पडता है। इतने बड़ी आबादी के बीच राष्ट्रीयकृत बैंक खुल जाता तो क्षेत्रवासियों को काफी राहत हो जाती। जिससे लोगों की सुविधा के साथ ही उस बैंक को भी अच्छी आय होगी ।
उत्तम सिंह
जहां एक ओर सरकार ग्रामीणो क्षेत्र मे ही बैकिंग की सुविधा देने का दावा करती है । वहीं इसके उल्ट
उत्तराखण्ड की अस्थायी राजधानी देहरादून से मात्र 35 किमी दूर बसा गांव छिददरवाला जहां पर चार ग्राम पंचायत की 25 हजार से अधिक आबादी निवासरत है वहीं इतनी बड़ी आबादी के बीच गौर करें तो पूरे क्षेत्र में मात्र एक ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के भरोसे बैकिंग सेवा है। वहीं क्षेत्र मे राष्ट्रीयकृत बैक ना होने से आमजन को कही परेशानी का समाना करना पडता है । पूरे क्षेत्र में एक भी राष्ट्रीयकृत बैंक न होने से लोगों को पैसों की लेनदेन या अन्य कार्यो के लिए या तो लालतप्पड़ या रायवाला जाना पड़ता है। सबसे बड़ी फजीहत युवाओं व छात्रों के लिए है जिन्हें किसी भी फार्म आदि भरते समय लगने वाले बैंक ड्राफ्ट के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इस बाबत क्षेत्र के ग्रामीणअनिल रागँड,सन्दीप जोशी,राकेश गौड, सन्दीप नेगी ,प्रमोद रावत ,सुरेन्द्र रावत, रवि तोपवाल,योगेश,पवनकपिल,मोहित ने कहा कि आज तो लगभग सभी राष्ट्रीय कृत बैंकों में आनलाइन व्यवस्था हो गयी है। ऐसे में कहीं से पैसा मंगाना व भेजना दोनों काफी सुलभ हो गया है। वहीं नौकरी पेशा ,छात्र,ग्रामीणो को इन परिस्थतियों में काफी परेशानी का समाना करना पडता है। इतने बड़ी आबादी के बीच राष्ट्रीयकृत बैंक खुल जाता तो क्षेत्रवासियों को काफी राहत हो जाती। जिससे लोगों की सुविधा के साथ ही उस बैंक को भी अच्छी आय होगी ।
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