देहरादून:
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गांधी पार्क में अम्बेडकर नगर मण्डल के तत्वावधान में पोखरण 11 मई 1998 को हुए परमाणु परीक्षण के आज 20 साल पूरे होने पर शक्तिदिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर परमाणु बम के बिस्फोट के प्रभाव सम्बन्ध में चर्चा भी की गयी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किए गए उस पहल के लिए उनके साहस और हिम्मत को हम कभी नही भूल सकते। पोखरण में वर्ष 1998 में साहस का परिचय देने वाले अपने वैज्ञानिकों व तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व के प्रति हम आभारी रहेंगे। इस सफलता के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ’जय जवान जय किसान जय विज्ञान" का नारा दिया था। यह दिन हमारी प्रौद्योगिकी ताकत को दर्शाता है। इस दिन भारत अपनी उन्नत स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परिचय देते हुए दुनिया के ताकतवर देशों के समूह में शामिल हो गया है।
1945 में जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम से हमला किया, तब दुनिया ने देखा कि असल में तबाही की सूरत कुछ ऐसी भी हो सकती है।
उत्तर कोरिया का ताजा उदाहरण देते हुए कहा कि परमाणु संपन्न देशों को हमेशा इस बात का ख्याल रखना होगा कि बारुद के ढेर में बैठकर आग से खेलना उनके लिए घातक हो सकता है।
परमाणु ऊर्जा आज मनुष्य के हाथों में सबसे बड़ी ताकत है परमाणु ऊर्जा की मदद से, मनुष्य इस दुनिया को समृद्धि और आनंद के स्वर्ग में परिवर्तित कर सकता है। परमाणु ऊर्जा का उपयोग जीवन के कई क्षेत्रों में किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गांधी पार्क में अम्बेडकर नगर मण्डल के तत्वावधान में पोखरण 11 मई 1998 को हुए परमाणु परीक्षण के आज 20 साल पूरे होने पर शक्तिदिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर परमाणु बम के बिस्फोट के प्रभाव सम्बन्ध में चर्चा भी की गयी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किए गए उस पहल के लिए उनके साहस और हिम्मत को हम कभी नही भूल सकते। पोखरण में वर्ष 1998 में साहस का परिचय देने वाले अपने वैज्ञानिकों व तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व के प्रति हम आभारी रहेंगे। इस सफलता के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ’जय जवान जय किसान जय विज्ञान" का नारा दिया था। यह दिन हमारी प्रौद्योगिकी ताकत को दर्शाता है। इस दिन भारत अपनी उन्नत स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परिचय देते हुए दुनिया के ताकतवर देशों के समूह में शामिल हो गया है।
1945 में जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम से हमला किया, तब दुनिया ने देखा कि असल में तबाही की सूरत कुछ ऐसी भी हो सकती है।
उत्तर कोरिया का ताजा उदाहरण देते हुए कहा कि परमाणु संपन्न देशों को हमेशा इस बात का ख्याल रखना होगा कि बारुद के ढेर में बैठकर आग से खेलना उनके लिए घातक हो सकता है।
परमाणु ऊर्जा आज मनुष्य के हाथों में सबसे बड़ी ताकत है परमाणु ऊर्जा की मदद से, मनुष्य इस दुनिया को समृद्धि और आनंद के स्वर्ग में परिवर्तित कर सकता है। परमाणु ऊर्जा का उपयोग जीवन के कई क्षेत्रों में किया जा रहा है।
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