Halloween party ideas 2015

नैनीताल;
नगरपालिकाओं में आरक्षण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय का आदेश है कि आगामी चुनाव में आरक्षण की स्थिति  नए सिरे से  तय की जाए। ऐसे में यह सरकार के लिए एक झटका माना जा रहा  है।उत्तराखंड  हाईकोर्ट ने सरकार को प्रदेश के नगर पालिकाओं में नये सिरे से आरक्षण की स्थिति तय करने के आदेश दिए है।  राज्य सरकार द्वारा घोषित आरक्षण के अनुसार तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को गहरा झटका लग सकता है, वहीं अन्य आरक्षण की उम्मीद पाल रहे उम्मीदवारों की बांछें खिल सकती हैं। साथ ही इससे एक बार फिर निकाय चुनावों के और पीछे खिसकने की संभावना पैदा हो गयी है।
दरअसल सरकार ने 28 अप्रैल 2018 को आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर प्रदेश की 41 नगर पालिकाओं में से 39 नगर पालिकाओं में आरक्षण स्थिति स्पष्ट कर दी थी। सरकार ने प्रदेश की दो नगर पालिकाओं श्रीनगर व बाजपुर को इस परिधि से बाहर कर दिया था।  किच्छा निवासी मुश्ताक अहमद ने सरकार की इस कमी को रिट याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार ने जानबूझकर दो नगर पालिकाओं को आरक्षण की परिधि से बाहर रखा है। जो कि गलत है। सरकार की ओर से इस मामले में कोई संतोषजनक जवाब पेश नहीं किया गया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में हुई।
कोर्ट ने सरकार का 28 अप्रैल 2018 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है और सरकार को श्रीनगर व बाजपुर नगर पालिकाओं को भी सूची में शामिल कर नये सिरे से नगर पालिकाओं में आरक्षण की स्थिति तय करने को कहा है।

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.