देवप्रयाग :
उत्तम सिंह
एक तरफ केंद्र सरकार "बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं"
और "पढ़ेंगा इंडिया बढ़ेगा इंडिया" जैसे नारों को गंभीरता से धरातल पर आकार देने की कोशिश कर रही हैं वही दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार वैसे तो पहाड़ों पर शिक्षा सुधारीकरण की बात करती हैं,लेकिन हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही हैं। यह हाल विधानसभा देवप्रयाग के कपरोली गाँव के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा हैं। जहाँ पर प्राथमिक विद्यालय कपरोली गाँव का जर्जर भवन (2011) जहाँ बच्चों को मौत के साये में पढ़ाई करनी पड रही हैं। गाँव में कैसी शिक्षा व्यवस्था हैं जहाँ पर नौनिहालों की जान खतरे में डाली जा रही हैं। वही जूनियर हाईस्कूल कपरोली में पिछले दो सालों से एक मात्र अध्यापक हैं और शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे हैं।
कपरोली 2016 चुनावी मौसम में इंटर कालेज का उच्चीकरण तो हुआ, लेकिन आज तक एक भी प्रवक्ता की नियुक्ति नहीं हो पाई हैं। सरकारी उदासीनता के चलते कैसे छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड हो रहा हैं,ये गंभीर चिंता का विषय हैं। युवा चेतना मंच कपरोली के अध्यक्ष दिनेश राणा द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र मे कहा गया हैं कि प्राथमिक विघालय के जर्जर होते भवन पर ताला लगा दिया जाएँ, एवं जूनियर हाईस्कूल में एक मात्र शिक्षक के भरोसे रहने से विद्यालय को बन्द कर दिया जाएँ। वही राजकीय इण्टर कालेज का उच्चीकरण निरस्तीकरण कर दिया जाये।
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