देहरादून:
उत्तराखण्ड की ले. कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में पांच देशों की सागर परिक्रमा पूर्ण कर स्वदेश लौटी टीम तारिणी की सम्पूर्ण टीम कोमुख्यंमत्री ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। विभिन्न देशों की सफल सागर परिक्रमा कर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया
उत्तराखण्ड की ले. कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में पांच देशों की सागर परिक्रमा पूर्ण कर स्वदेश लौटी टीम तारिणी की सम्पूर्ण टीम कोमुख्यंमत्री ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। विभिन्न देशों की सफल सागर परिक्रमा कर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया
सभी महिला टीम तारिणि ने सफलतापूर्वक दुनिया की सागर परिक्रमा को पूरा किया।
254 दिनों में दुनिया भर में - छः सदस्यीय सभी महिला चालक दल ने इसे पूरा किया है! बोर्ड आईएनएसवी तारिणि की छह नौसेना अधिकारियों की टीम गोवा में मंडोवी में आज पंहुची है। यह सभी महिलाओं की भारतीय चालक दल द्वारा दुनिया का पहली परिक्रमा है है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अन्य नौसेना अधिकारियों के साथ टीम का स्वागत किया।
दल में शामिल कप्तान, लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी और उनके चालक दल - लेफ्टिनेंट कमांडर्स प्रतिभा जामवाल, स्वाती पी और लेफ्टिनेंट ऐश्वर्या बोडदापति, एस विजया देवी और पायल गुप्ता के अभियान से वापसी पर 21 मई 2018 को नविका सागर परिक्रमा के बाद रक्षा मंत्री द्वारा स्वागत किया गया.।
. उत्तराखण्ड की ले. कमांडर वर्तिका जोशी के
नेतृत्व में पांच देशों की सागर परिक्रमा पूर्ण कर स्वदेश लौटी टीम तारिणी
की सम्पूर्ण टीम कोमुख्यंमत्री ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यंमत्री ने कहा
कि उनका यह साहसिक प्रयास देश के करोड़ो युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस पूरी टीम पर गर्व है। आपकी उपलब्धियों से यह
बात फिर से साबित हुई है कि बेटियां किसी भे क्षेत्र में किसी से कम नहीं
हैं तथा वे किसी भी मुकाम को छू सकती हैं। ले.वर्तिका के नेतृत्व वाली टीम
तारिणी के सदस्यों ने आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर विभिन्न देशों की सफल
सागर परिक्रमा कर उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया हैै।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन नेवी की इन जाबाज बेटियों को बहुत बहुत बधाई। ज्ञातव्य
है कि इस दल को उत्तराखंड की बेटी लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी लीड कर
रही थी। 6 महिला नौसैनिकों के दल ने 21600 समुद्री मील की दूरी तय कर
विश्वभर में विजय पताका फहराई है। दल के सदस्यों में दून की ही ले. पायल भी
सम्मिलित थी।
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