पत्नी के पैर की तकलीफ की वजह से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुष्कर में संसार प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर के दर्शन नहीं कर सके
पर श्रद्धाभाव से की पवित्र सरोवर की पूजा
पत्नी श्रीमती सविता कोविंद के पैर की तकलीफ की वजह से 14 मई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पुष्कर के संसार प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर में दर्शन नहीं कर सके। ब्रह्मा मंदिर में कोई 50 सीढ़ियां हैं। हालांकि प्रशासन ने मंदिर में दर्शन और गर्भगृह में पूजा के इंतजाम किए थे, लेकिन पैर की तकलीफ की वजह से श्रीमती सविता कोविंद 50 सीढ़ियां चढ़ने में असमर्थ थी, ऐसे में राष्ट्रपति कोविंद ने भी मंदिर के दर्शन को टाल दिया।
श्री कोविंद दम्पत्ति ने 10 सीढ़ियां चढ़ने के बाद ही पूजा अर्चना कर ली। मंदिर के पुजारी लक्ष्मी निवास वशिष्ठ ने पूजा करवाई। ब्रह्मा मंदिर पर खड़े मीडिया कर्मियों ने जब मंदिर में दर्शन नहीं करने का कारण पूछा तो राष्ट्रपति ने मुस्कुराते हुए कहा कि हमने तो आपके दर्शन कर लिए और सवाल जवाब होते इससे पहले ही कोविंद ने मीडिया कर्मियों के हाथ जोड़ लिए।
ब्रह्म घाट पर पूजाः
कोविंद दम्पत्ति ने पुष्कर सरोवर के ब्रह्म घाट पर पूजा अर्चना की। श्री कोविंद के परिवार के पुरोहित लाला राजगुरु ने दुग्धाभिषेक के बाद जल का आचमन करवाया। पुरोहित ने अपनी पोथी दिखाते हुए राष्ट्रपति को बताया कि वर्ष 2004 में राज्यसभा के सांसद के तौर पर आप पुष्कर आए थे। लाला राजगुरु चाहते थे कि उनकी पोथी में रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति के तौर पर हस्ताक्षर करे, लेकिन श्री कोविंद ने पोथी पर अपनी पुत्री स्वाति कोविंद के हस्ताक्षर करवाए। श्री कोविंद ने पुरोहित को दक्षिणा के तौर पर 2100 रुपए की राशि दी।
देवनानी और भदेल साथ रहेः
राष्ट्रपति की अजमेर यात्रा में स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल साथ रहे। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर दोनों मंत्रियों की ड्यूटी राष्ट्रपति के साथ लगाई गई। राष्ट्रपति के साथ अधिकारी भी सुरक्षा व्यवस्थाओं में जुटे रहे। घूघरा स्थित हेलीपैड पर राष्ट्रपति ने जिला कलेक्टर आरती डोगरा से हाथ मिला और अजमेर के बारे में जानकारी ली।
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