देहरादून:
मुख्यमंत्री
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में चार धाम आॅल वेदर
रोड
के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्यो की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से भी निर्माण कार्यो की प्रगति तथा इस सम्बंध में आ रही कठिनाईयों की जानकारी प्राप्त की।
के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्यो की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बंधित जनपदों के जिलाधिकारियों से भी निर्माण कार्यो की प्रगति तथा इस सम्बंध में आ रही कठिनाईयों की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बुद्धवार 23
मई को चारधाम आल वेदर रोड परियोजना की ड्रोन कैमरे के माध्यम से समीक्षा
करेंगे। उन्होंने इस सम्बंध में सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारियों से उनके
स्तर पर किये जाने वाले कार्यों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान भू अधिग्रहण, वन भूमि हस्तांतरण, मुआवजा
निर्धारण एवं वितरण जैसे कार्यों को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान सड़क निर्माण की दिशा में हुई प्रगति पर सन्तोष व्यक्त
करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में जहां कोई समस्या हो
उसका आपसी समन्वय के साथ समाधान किया जाय साथ ही स्थिति से शासन को भी अवगत
कराया जाय ताकि समस्याओं का त्वरित गति से समाधान किया जा सके। उन्होने
कहा कि चार धाम आॅल वेदर रोड योजना राज्य सरकार के साथ ही भारत सरकार की
सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इस योजना को निर्धारित अवधि के अन्दर पूर्ण
किया जाना है। इसके लिये सभी विभाग अपनी प्राथमिकतायें भी तय करलें।
मुख्यमंत्री
ने सड़क निर्माण के साथ ही विद्युत व पेयजल लाइनों की शिफ्टिंग के कार्य
में भी तेजी लाने को कहा। सड़क चैड़ीकरण के साथ साथ विद्युत व पेयजल लाइनों
का कार्य भी साथ-साथ ही सुनिश्चित किया जाय। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी संवेदनशील स्थलों पर किये जा रहे
कार्यों का स्लाइड के माध्यम से अवलोकन किया। उन्होने चम्बा व सलियारा बैंड
पर निर्मित होने वाली टनलों, नालूपानी, कलियासौड, नन्द्रप्रयाग, हेलग,
लामबगड में किये जाने वाले स्लाइड प्रोटेक्शन कार्यों की भी जानकारी
प्राप्त की तथा मड डिस्पोजल की दिशा में भी कार्यवाही सुनिश्चित करने को
कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन के लिये मोनिटरिंग कमीटी के
गठन होने से इस क्षेत्र में लैण्ड कन्वर्जन की दिशा में भी शीघ्र कार्यवाही
की जाय। उन्होने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों को कर्णप्रयाग, ग्वालदम सड़क
के पुननिर्माण में भी शीघ्रता करने को कहा।
बैठक में अपर मुख्य
सचिव श्री ओम प्रकाश द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया कि 889
की0मी0 लम्बी रू0 11700 करोड़ लागत की इस चार धाम आॅल वेदर रोड के लिये 814
कि0मी0 वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। जिसके सापेक्ष 652 कि0मी0 की
स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, शेष के लिये कार्यवाही गतिमान है। इस योजना
के अन्तर्गत 15 बड़े तथा 107 छोटे पुलों, 13 बाईपासों के निर्माण के साथ ही
38 लैण्ड स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट किया जाना है।
इस योजना के
अधीन कुल 44776 पेड़ों का कटान होना है जिसके सापेक्ष 34170 पैड़ों का कटान
किया जा चुका है, शेष की स्वीकृति एनजीटी में लम्बित है। इस योजना में 338
कि0मी0 लम्बी विद्युत लाइन को शिफ्ट किया जाना है जिसमें से 170 कि0मी0
विद्युत लाइन शिफ्ट कि जा चुकी है तथा 3015 विद्युत पोलों में से 1947 को
शिफ्ट किया जा चुका है। 286 कि0मी0 नई पेयजल लाइन बिछायी जानी है जो सड़क
चैड़ीकरण के साथ-साथ बिछायी जा रही है। इससे सम्बंधित सामग्री के क्रय की
कार्यवाही कर दी गई है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार
सिंह, सचिव श्री अरविन्द सिंह हयांकी, श्री विनोद प्रसाद रतूडी, निदेशक खनन
श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव ऊर्जा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी,
एम.डी.यूपीसीएल श्री बी.सी.के.मिश्र, कमाण्डेंट बीआरओ एस.सी.श्रीवास्तव,
अनु सचिव श्री दिनेश कुमार पुनेठा सहित सभी सम्बंधित विभागों के
उच्चाधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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