देहरादून:
.
.
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को ओ.एन.जी.सी. आॅडिटोरियम में
भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद तथा अखिल भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित
राज्य प्रगतिशील किसान सम्मेलन में प्रदेश के 18 प्रगतिशील किसानों को
पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रो.बी.एस.बिष्ट
को राज्य कृषि परिषद का चेयरमैन नामित करने के साथ ही परिषद की विवरणिका
एवं वेबसाइट का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
ने आई.सी.एफ.ए. तथा ए.आई.एफ.ए. द्वारा प्रगतिशील किसानों को सम्मान देने
के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे किसानों को खेती से जोड़ने तथा कृषि के
क्षेत्र में अभिनव प्रयोग वाला बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयासों
से खेती व किसानी के प्रति लोगों को जागरूक करने में भी मदद मिलेगी तथा इस
क्षेत्र में काम कर रहे किसानों के प्रति लोगों का ध्यान भी आकर्षित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास में
महिलाओं की अग्रणी भूमिका है। तमाम घरेलू जिम्मेदारियों के निर्वह्न के बाद
भी खेती व कृषि विकास में उनके द्वारा दिये जा रहे योगदान की जितनी सराहना
की जाय कम है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेती से हटकर कार्य
करने की दिशा में भी पहल की जा रही है, इसके लिये ग्रोथ सेंटरों की स्थापना
की जा रही है। परम्परागत उत्पादों, प्राकृतिक फलों आदि की प्रोसेसिंग,
गे्रडिंग, मार्केटिंग के साथ ही रेडीमेड गारमेंट्स, एल.ई.डी. बल्बों के
उत्पादन आदि को इन ग्रोथ सेंटरों से जोड़ा जा रहा है। इन ग्रोथ सेंटरों में
पूंजी निवेश पर सब्सिडी, ट्रांसपोर्ट पर रियायत आदि का भी ध्यान रखा गया है
ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को भी आर्थिक रूप से मजबूत होकर शहरी विकास की गति
से जुड़ने में मदद मिल सकें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में
रेडीमेड गारमेंट्स तैयार करने के सिलाई सेंटर स्थापित होने व एल.ई.डी.
उत्पादन केन्द्रों के विकसित होने से गांव आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र
बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास गांवों को आबाद कर जबरदस्ती के पलायन
को रोकना है। इसके लिये हम एक नीति के तहत कार्य कर रहे है।
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें अपने उत्पादों में व्यवसायिक गुण विकसित
करने की जरूरत है। हमारे लोग स्वभाव में संस्कारिक है। यदि हम केरल की
पहाड़ियों के टी गार्डनों में खोले गये छोटे-छोटे होटलों की तरह चैकोड़ी व
अन्य क्षेत्रों में ऐसे प्रयोग करें, तो इस ओर पर्यटक निश्चित रूप से
आकर्षित होंगे। यहां पर ग्रीन टी के एक कप का भी अच्छा मूल्य मिल सकता है।
इसके लिये सरकार द्वारा प्रोत्साहन नीति लागू की जा रही है।
हाॅर्टि-टूरिज्म की दिशा में भी पहल की जा सकती है। यदि हमारे यहां
पर्यटकों की संख्या बढे़गी तो राजस्व भी बढेगा तथा जनता को भी उसका फायदा
मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 18 किसानों को प्रगतिशील
किसान पुरस्कार-2018 से सम्मानित किया। इसमें एग्रीबिजनेस लीडरशीप के लिये
पौड़ी गढ़वाल के . दिनेश चन्द्र चमोली, बेस्ट एफ.पी.ओ. के लिये बागेश्वर
की कपकोट सेवा समिति, कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिये देहरादून के .
सन्तराम, डेयरी फार्मिंग के लिये चमोली के . किशन सिंह नेगी, फार्म
एंटरप्रेन्योर के लिये रूद्रप्रयाग की . हर्सी देवी, फार्म लेवल
प्रोसेसिंग के लिये रूद्रप्रयाग के . रघुवीर सिंह कण्डवाल, फार्म
मैकेनाईजेशन के लिये देहरादून के . नित्यानन्द भट्ट, फार्म लीडरशिप के
लिये नैनीताल के . नरेन्द्र सिंह मेहता, फिशरीज फार्मिंग के लिये
अल्मोड़ा के .महेश चन्द्र काण्डपाल, हाई-टैक हार्टीकल्चर के लिये
अल्मोड़ा के . बिपिन चन्द्र जोशी, इनोवेशन इन फाॅर्मिंग के लिये
उत्तरकाशी के श्री दलबीर सिंह चैहान, इंटीग्रेटेड फाॅर्मिंग के लिये
नैनीताल के. प्रकाश चन्द्र बेलवाल, मेडीशनल एण्ड एरोमैटिक के लिये
देहरादून के अर्जुन सिंह, मोर क्राॅप पर ड्राॅप के लिये रूद्रप्रयाग
के . महावीर सिंह राणा, आर्गेनिक फार्मिंग के लिये नैनीताल की
कौशिका शर्मा, पाॅल्ट्री फाॅर्मिंग के लिये बागेश्वर की . बीना देवी,
प्रेसिजन फाॅर्मिंग के लिये चमोली के .प्रेम सिंह एवं एक्सटेंशन
सर्विस एंड ट्रेनिंग के लिये नैनीताल के .अनिल पाण्डेय शामिल है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 05 अन्य किसानों को भी सम्मानित किया।
कृषि
मंत्री . सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि के विकास पर विशेष
ध्यान दे रही है। इस क्षेत्र में राज्य के वार्षिक बजट में पिछले वर्ष की
अपेक्षा 14 प्रतिशत वृद्धि की गई है। हमारा प्रदेश आर्गेनिक प्रदेश बने
इसके लिये 10 हजार क्लस्टर बनाये जा रहे है। जिसमें 05 लाख किसानों को जोडा
जा रहा है। आर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये 10 करोड़ का काॅरपस
फण्ड बनाया जा रहा है। जिससे किसानों को मार्केटिंग व प्रोसेसिंग का भी लाभ
होगा। इससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने तथा पलायन रोकने
में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार
द्वारा द्वारा 70 से अधिक निर्णय किसानों के हित में लिये गये है। हमारा
प्रयास उत्तराखण्ड को हिमाचल के समक्ष खडा करने का है। कृषि मंत्री ने कहा
कि किसानों के व्यापक हित में कृषि अधिकारियों को प्रतिमाह विकासखण्डों में
चैपाल आयोजित किये जाने के भी निर्देश दिये गये है।
इस अवसर पर
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ साॅयल एंड वाॅटर कन्जर्वेशन के निदेशक
डाॅ.पी.के.मिश्रा, चेयरमैन आई.सी.एफ.ए. डाॅ.एम.जे.खान, निदेशक आई.सी.एफ.ए.
श्रीमती ममता जैन, निदेशक बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ एप्लाईड साईन्सेस
डाॅ.बी.एस.बिष्ट, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर व चीफ इम्पलाॅय रिलेशन, ओएनजीसी
.अलोक मिश्रा सहित, आई.सी.एफ.ए. एवं ए.आई.एफ.ए. के सदस्य, प्रदेश के
कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी एवं किसान आदि उपस्थित थे।
देहरादून:
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आगामी 17-18 अप्रैल को बैंकाक, थाईलैण्ड
में प्रस्तावित इनवेस्टमेंट प्रमोशन इवेन्ट की तैयारियों की समीक्षा की। यह
इवेन्ट थाईलैण्ड में भारतीय दूतावास तथा थाईलैण्ड सरकार द्वारा आयोजित
किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव उद्योग .मनीषा पंवार द्वारा
अवगत कराया गया कि दो दिवसीय थाइलैण्ड भ्रमण में उत्तराखण्ड में निवेश की
संभावनाओं और निवेश नीतियों को निवेशकों के समक्ष रखा जायेगा। दौरे के
प्रथम दिन मुख्यमंत्री एवं अन्य अधिकारियों द्वारा इण्डस्ट्रियल स्टेट का
भ्रमण तथा निवेशकों से मुलाकात तय है। इसी दिन फूड प्रोसेसिंग तथा पर्यटन
के क्षेत्रों में अलग-अलग कोर ग्रुप निवेशकों के साथ बैठकें होंगी। 17
अप्रैल की सायं उत्तराखण्ड टूरिज्म पर आधारित एक रोड शो को आयोजित किया
जायेगा। दौरे के द्वितीय दिन थाईलैंण्ड सरकार द्वारा आयोजित सेमिनार
‘इण्डिया योर डेस्टिनी, योर न्यू डेस्टिनेशन (फोकस आॅन उत्तराखण्ड)’ आयोजित
किया जायेगा। इस सेमिनार के उदघाटन सत्र में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
का संबोधन होगा। सेमिनार का प्रथम सत्र उत्तराखण्ड पर आधारित होगा।
बैठक
में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव कृषि . डी.सेंथिल
पाण्डियन, अपर सविच पर्यटन ज्योति नीरज खैरवाल सहित अन्य अधिकारी
उपस्थित थे।
देहरादून:
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में
‘‘ग्रोथ सेन्टर्स’’ के लिये एक नीति बनाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि सरकार यह वर्ष रोजगार
वर्ष के रूप में मना रही है। रोजगार के अवसर सृजित करना सरकार की सर्वोच्च
प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेन्टर्स पलायन रोकने और ग्रामीण
क्षेत्रों के सर्व समावेशी विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने
कहा कि ग्रोथ सेन्टरों द्वारा पहाड़ो में प्रति व्यक्ति आय में सुधार होगा
तथा क्षेत्रीय विषमताएं कम होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण
क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिये सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ
सेन्टर्स से आच्छादित किया जायेगा। यह ग्रोथ सेंटर बहुउद्देशीय आर्थिक
गतिविधियों के केन्द्र होंगे। इसके लिये इस वर्ष बजट में एम.एस.एम.ई विभाग
हेतु 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था भी की गई है। एम.एस.एम.ई विभाग के अतिरिक्त
अन्य विभागों को भी अपनी योजनाओ हेतु आवंटित बजट ग्रोथ सेन्टर्स की
अवधारणा के अनुसार सुनियोजित तरीके से प्रयोग करना होगा।
मुख्यमंत्री
ने निर्देश दिये कि सभी विभाग यथा कृषि, उद्यान, डेरी, पशुपालन, आयुष,
एम.एस.एम.ई. आदि अपनी गतिविधियों के अनुसार प्रदेश में ग्रोथ सेन्टर
एक्टिविटी चयनित कर लें।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश
दिये कि पाॅलिसी की प्रतीक्षा किये बिना वे अपनी प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण
कर लें। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेन्टर्स की स्थापना ‘आउटकम’ बेस्ड होनी
चाहिए। ग्रोथ सेन्टर्स के लाभ को देखने के लिये ‘इण्डिकेटर्स’ भी बनाये
जायें।
प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने बताया कि ग्रोथ
सेन्टर्स को लेकर हुई प्रारम्भिक बैठकों में प्रसंस्करण, निर्माण और सेवा
क्षेत्रों में गतिविधियां चिन्हित करने का निर्णय लिया गया है। हर ग्रोथ
सेन्टर में एक लीड एक्टिविटी (प्रमुख गतिविधि) को चिन्हित कर उसके अनुरूप
उत्पादन एवं विपणन ‘चेन’ को प्रोत्साहित किया जायेगा।
बैठक में
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री अमित
नेगी, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
देहरादून
मुख्यमंत्री . त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को ओ.एन.जी.सी. आॅडिटोरियम में
भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद तथा अखिल भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित
राज्य प्रगतिशील किसान सम्मेलन में प्रदेश के 18 प्रगतिशील किसानों को
पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रो.बी.एस.बिष्ट
को राज्य कृषि परिषद का चेयरमैन नामित करने के साथ ही परिषद की विवरणिका
एवं वेबसाइट का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
ने आई.सी.एफ.ए. तथा ए.आई.एफ.ए. द्वारा प्रगतिशील किसानों को सम्मान देने
के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे किसानों को खेती से जोड़ने तथा कृषि के
क्षेत्र में अभिनव प्रयोग वाला बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयासों
से खेती व किसानी के प्रति लोगों को जागरूक करने में भी मदद मिलेगी तथा इस
क्षेत्र में काम कर रहे किसानों के प्रति लोगों का ध्यान भी आकर्षित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास में
महिलाओं की अग्रणी भूमिका है। तमाम घरेलू जिम्मेदारियों के निर्वह्न के बाद
भी खेती व कृषि विकास में उनके द्वारा दिये जा रहे योगदान की जितनी सराहना
की जाय कम है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेती से हटकर कार्य
करने की दिशा में भी पहल की जा रही है, इसके लिये ग्रोथ सेंटरों की स्थापना
की जा रही है। परम्परागत उत्पादों, प्राकृतिक फलों आदि की प्रोसेसिंग,
गे्रडिंग, मार्केटिंग के साथ ही रेडीमेड गारमेंट्स, एल.ई.डी. बल्बों के
उत्पादन आदि को इन ग्रोथ सेंटरों से जोड़ा जा रहा है। इन ग्रोथ सेंटरों में
पूंजी निवेश पर सब्सिडी, ट्रांसपोर्ट पर रियायत आदि का भी ध्यान रखा गया है
ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को भी आर्थिक रूप से मजबूत होकर शहरी विकास की गति
से जुड़ने में मदद मिल सकें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में
रेडीमेड गारमेंट्स तैयार करने के सिलाई सेंटर स्थापित होने व एल.ई.डी.
उत्पादन केन्द्रों के विकसित होने से गांव आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र
बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास गांवों को आबाद कर जबरदस्ती के पलायन
को रोकना है। इसके लिये हम एक नीति के तहत कार्य कर रहे है।
मुख्यमंत्री.त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें अपने उत्पादों में व्यवसायिक गुण विकसित
करने की जरूरत है। हमारे लोग स्वभाव में संस्कारिक है। यदि हम केरल की
पहाड़ियों के टी गार्डनों में खोले गये छोटे-छोटे होटलों की तरह चैकोड़ी व
अन्य क्षेत्रों में ऐसे प्रयोग करें, तो इस ओर पर्यटक निश्चित रूप से
आकर्षित होंगे। यहां पर ग्रीन टी के एक कप का भी अच्छा मूल्य मिल सकता है।
इसके लिये सरकार द्वारा प्रोत्साहन नीति लागू की जा रही है।
हाॅर्टि-टूरिज्म की दिशा में भी पहल की जा सकती है। यदि हमारे यहां
पर्यटकों की संख्या बढे़गी तो राजस्व भी बढेगा तथा जनता को भी उसका फायदा
मिलेगा।
देहरादून:
सोमवार,
09 अपै्रल 2018 को पर्वतीय क्षेत्रों में उप खनिज लाटों के आवंटन ई-निविदा
में प्रतिभागियों द्वारा बोली लगाई गई जो काफी उत्साहवर्धक रही।
पहली
पाली में जनपद पौड़ी गढवाल तहसील सतपुली, क्षेत्रफल 0.840 है0 के आधार
मूल्य रू0 6,79,140/- के सापेक्ष कुल रू0 40,74,140/- जो कि आधार मूल्य का
लगभग 6 गुना प्राप्त हुआ है। वहीं दूसरी ओर जनपद उत्तरकाशी, तहसील बड़कोट के
क्षेत्रफल 0.401 है0 के आधार मूल्य रू0 3,85,000/- के सापेक्ष कुल रू0
4,15,800/- आधार मूल्य का लगभग 1.08 गुना प्राप्त हुआ है, जनपद पिथौरागढ,
तहसील पिथौरागढ के ग्राम घिन्ग्रानी के क्षेत्रफल 1.169 है0 के आधार मूल्य
रू0 4,43,520/- से जबरदस्त परस्पर प्रतिस्पर्धा दिखाते हुए रू0 52,83,231/-
आधार मूल्य का लगभग 11.91 गुना प्राप्त हुआ है।
दूसरी पाली में
जनपद पिथौरागढ़ के ग्राम दिघाड़ा क्षेत्रफल 0.72 है0 के आधार मूल्य रू0
3,11,850/- से जबरदस्त परस्पर प्रतिस्पर्धा दिखाते हुऐ रू0 30,01,125/- जो
कि आधार मूल्य का 9.62 गुना प्राप्त हुआ है। वहीं दूसरी ओर जनपद पौड़ी गढवाल
के ग्राम छोटा मरोड़ा, क्षेत्रफल 0.640 है0 के आधार मूल्य रू0 5,17,440/-
के सापेक्ष कुल रू0 6,13,159/- जो कि आधार मूल्य का 1.18 गुना प्राप्त हुआ
है।
समाचार लिखे जाने तक जनपद उत्तरकाशी, के ग्राम असतल-3 के
क्षेत्रफल 0.40 है0 क्षेत्रफल के आधार मूल्य रू0 2,77,200/- के सापेक्ष
कुल रू0 36,57,654/- ‘‘जो अभी भी चल रही है’।
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