डोईवाला:
डोईवाला शुगर मिल के श्रमिक संगठनों का कहना है कि प्रदेश सरकार श्रमिक विरोधी है .मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र में उनके विरोधी स्वर गरीब मजदूरों के हृदय से निकल कर आ रहे है. चीनी, शीरे और खोइ की समुचित निर्यात पालिसी न होने के कारण कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. यदि यही हाल रहा तो निकाय चुनाव में सरकार को मुश्किलें पैदा हो सकती है
इसी सन्दर्भ में डोईवाला के समस्त श्रमिक सगठनों ने सोमवार को एक ही मंच पर एकत्रित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को चीनी मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा और चेतावनी दी कि उनकी मांग पूरी नही होने पर, नगरपालिका व अन्य चुनावो का बहिष्कार, टूल डाउन, आमरण अनशन, इत्यादि जेसे कदम उठाने मजबूर होना पडेगा।
उन्होंने मांग पत्र में कर्मचारियो ने सरकार पर कर्मचारियो की उपेक्षा का आरोप लगाया श्रमिक नेताओ का कहना है कि 1 साल हो गए है जब से सरकार का गठन हुआ है तभी से चीनी मिल कर्मचारियो के साथ सौतेला वयवहार किया जा रहा है चीनी मिल के कर्मचारियों की समस्याये जस की तस पड़ी हुई है कर्मचारियो के बढ़े हुवे वेतन मान का एरियर भुगतान, फरवरी माह में मिलने वाला कर्मचारियो का बकाया, मेडिकल बिल, ओवरटाइम, अवकाश नगदीकरण आदि कई समस्याये महीनों से देय पड़ी है
जबकि सरकार द्वारा हाल ही में विधयकों व मंत्रियों के वेतन में 120 प्रतिशत की अप्रत्याशित बढ़ोतरी की है जो सामाजिक न्याय के विरुद्ध है जबकि चीनी मिल का कर्मचारी पूर्ण रूप से मिल पर आश्रित है कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है कर्मचारियो ने बताया कि अगर 04 अप्रेल 2018 तक उन्हें पिछले सभी देयो का भुगतान नही किया जाता है तो 5 अप्रेल 2018 को प्रातः 10 बजे से डोईवाला चीनी मिल गेट के पास एक दिवसीय सांकेतिक धरने का आयोजन किया जाएगा जिसकी पूर्णत. जिम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी मांग पत्र में ये भी है कि अगर उसके बाद सरकार ने कर्मचारियो की मांगों को पूरा नही किया गया, तो नगर पालिका चुनाव में चीनी मिल कर्मचारी चुनाव का बहिष्कार, टूल डाउन, आमरण अनशन,इत्यादि को बाध्य होगी
ज्ञापन देने वालो में श्रमिक नेता राम मिलन, अवदेश कुमार, गोपाल शर्मा, प्रताप वर्मा ,सुभाष पाल, विजय शर्मा, कमल बहादुर, राकेश कोठारी, मदन मोहन बिल्जवांन,आदि कई कर्मचारी मौजूद थे।
डोईवाला शुगर मिल के श्रमिक संगठनों का कहना है कि प्रदेश सरकार श्रमिक विरोधी है .मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र में उनके विरोधी स्वर गरीब मजदूरों के हृदय से निकल कर आ रहे है. चीनी, शीरे और खोइ की समुचित निर्यात पालिसी न होने के कारण कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. यदि यही हाल रहा तो निकाय चुनाव में सरकार को मुश्किलें पैदा हो सकती है
इसी सन्दर्भ में डोईवाला के समस्त श्रमिक सगठनों ने सोमवार को एक ही मंच पर एकत्रित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को चीनी मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत के माध्यम से एक ज्ञापन भेजा और चेतावनी दी कि उनकी मांग पूरी नही होने पर, नगरपालिका व अन्य चुनावो का बहिष्कार, टूल डाउन, आमरण अनशन, इत्यादि जेसे कदम उठाने मजबूर होना पडेगा।
उन्होंने मांग पत्र में कर्मचारियो ने सरकार पर कर्मचारियो की उपेक्षा का आरोप लगाया श्रमिक नेताओ का कहना है कि 1 साल हो गए है जब से सरकार का गठन हुआ है तभी से चीनी मिल कर्मचारियो के साथ सौतेला वयवहार किया जा रहा है चीनी मिल के कर्मचारियों की समस्याये जस की तस पड़ी हुई है कर्मचारियो के बढ़े हुवे वेतन मान का एरियर भुगतान, फरवरी माह में मिलने वाला कर्मचारियो का बकाया, मेडिकल बिल, ओवरटाइम, अवकाश नगदीकरण आदि कई समस्याये महीनों से देय पड़ी है
जबकि सरकार द्वारा हाल ही में विधयकों व मंत्रियों के वेतन में 120 प्रतिशत की अप्रत्याशित बढ़ोतरी की है जो सामाजिक न्याय के विरुद्ध है जबकि चीनी मिल का कर्मचारी पूर्ण रूप से मिल पर आश्रित है कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है कर्मचारियो ने बताया कि अगर 04 अप्रेल 2018 तक उन्हें पिछले सभी देयो का भुगतान नही किया जाता है तो 5 अप्रेल 2018 को प्रातः 10 बजे से डोईवाला चीनी मिल गेट के पास एक दिवसीय सांकेतिक धरने का आयोजन किया जाएगा जिसकी पूर्णत. जिम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी मांग पत्र में ये भी है कि अगर उसके बाद सरकार ने कर्मचारियो की मांगों को पूरा नही किया गया, तो नगर पालिका चुनाव में चीनी मिल कर्मचारी चुनाव का बहिष्कार, टूल डाउन, आमरण अनशन,इत्यादि को बाध्य होगी
ज्ञापन देने वालो में श्रमिक नेता राम मिलन, अवदेश कुमार, गोपाल शर्मा, प्रताप वर्मा ,सुभाष पाल, विजय शर्मा, कमल बहादुर, राकेश कोठारी, मदन मोहन बिल्जवांन,आदि कई कर्मचारी मौजूद थे।
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