ऋषिकेश:
उत्तम सिंह , सत्यवाणी ब्यूरो
एम्स के निदेशक रविकांत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा स्पष्ट किया कि शुल्क में वृद्धि ज्यादा इसलिए लग रही थी क्योंकि यहां सिंगल विंडो सिस्टम अपनाया गया था , अर्थात एक ही बार में पूरा शुल्क ले रहे थे. जबकि अन्य एम्स में मल्टीविंडो सिस्टम के द्वारा शुल्क लिया जाता है. परन्तु जनता की अपील पर बढे हुए शुल्क में वृद्धि को वापिस लिया जाता है. अब यहाँ इसी प्रकार चार्ज किया जायेगा जैसे कि एम्स दिल्ली में होता है.
राइट टू हेल्थ के द्वारा किये गए अनशन के फलस्वरुप एम्स प्रबंधन को अपना फैसला वापिस लेना पड़ा. इस दौरान एम्स के चिकित्साधीक्षक डॉ. मुकेश त्रिपाठी ने कहा कि प्रशासन ने यहां सीजीएचएस की दरों के आधार पर उपचार और अन्य मदों में शुल्क वृद्धि की थी। लेकिन अब यह वृद्धि वापस ले ली गई है।
वहीं अनशन पर बैठे प्रवीण सिंह ने कहा कि वह एम्स के इस फैसले की विशेषज्ञों की मदद से समीक्षा करेंगे। उसके बाद ही आंदोलन समाप्त करने का फैसला लिया जाएगा। रविवार को चिकित्सकों की टीम ने अनशनकारियों का स्वास्थ्य का परीक्षण किया। अनशनकारियों के स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई है। उप जिलाधिकारी हरिगिरी ने आंदोलनकारियों से अनशन समाप्त करने की अपील की है।
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