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हरिद्वार:


जनपद के ऐसे पहले डी एम जिन्होंने जिलाचिकित्सालय के खिलाफ कार्यवाही की. वर्ना बरसों बरस बीत गए हरिद्वार का मीडिया और अधिकारी जिलाचिकित्सालय और उससे जुड़े तमाम अस्पतालों की दुर्दशा को छुपाने का ज्यादा और दिखाने का काम कम करतें है. जबकि महिला चिकित्सालय का भी है बुरा हाल । 


जिलाधिकारी दीपक रावत ने जिला चिकित्सालय में रेबिज का टीका बाहर से मंगाये जाने की शिकायत पर  जिला चिकित्सालय पहुंच वहां उपस्थित सीएमएस आरती ढौडियाल तथा फार्मासिस्ट वीपी सिंह रावत से मामले की जानकारी ली। जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सालय सीएमएस का स्पष्टीकरण भी मांगा गया


उन्होंने चिकित्सालय औषधि भण्डार तथा स्टाॅक रजिस्टर की भी जांच की। चिकित्सालय अधिकारियों द्वारा डीएम के आदेशों का उल्लघंन तथा शिकायत सही पाये जाने पर सीएमएस का स्पष्टीकरण मांगा।
कुत्ते के काट लेने के बाद बच्चे को जिला चिकित्सालय में टीका लगाने के लिए माता-पिता को फार्मासिस्ट द्वारा टीका खत्म होने तथा दवा बाहर से खरीदकर लाये जाने की शिकायत डीएम से की गयी थी।


इस पर आज उनके द्वारा जिला चिकित्सालय पहुंच घटना पर संज्ञान लिया गया। फार्मासिस्ट ने डीएम को बताया कि दवा खत्म होने के कारण दवा बाहर से लाने को कहा गया।


जबकि डीएम ने जिला चिकित्सालय में एंटी रेबिज दवाओं का स्टाॅक खत्म होने से पहले इसकी सूचना जिलाधिकारी को दिये जाने तथा समय से दवा मंगाने के लिखित आदेश दिये गये हैं।


चिकित्सालय द्वारा डीएम के इन आदेशों का पालन नहीं किये जाने और दवा खत्म होने के दो माह बाद भी जिलाधिकारी को सूचना न दिये जाने को अधिकारियों की लापरवाही बताया।


स्टाॅक रजिस्टर में दो माह पहले दवा खत्म हो जाने तथा अभी तक दवा न मंगाने पर डीएम ने अधिकारियों को फटकार लागयी। उन्हाने मौके पर ही दवा मंगाने के लिए आदेश और स्वीकृति प्रदान की। जिलाधिकारी ने बाहर से खरीद कर लायी गयी दवा की रकम भी मरीज को वापस करवायी।


संचार लाइनों को बिछाने के लिए दो सौ मीटर सड़क काटने के बाद तार डालने के बाद पहले उसे बंद करे:


जिलाधिकारी दीपक रावत ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में विभिन्न औद्यौगिक व कम्युनिकेशन संस्थानों के द्वारा संचार लाइनों को बिछाने के लिए रोड कंटिग की स्वीकृति प्रदान करने हेतु किये गये आवेदनों के सम्बंध में लोक निर्माण एवं वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली।


डीएम ने इन विभागों को प्राप्त आवेनदनों व दिये जाने वाले शुल्क की अद्यतन जानकारी लेते हुए शुल्क जमा करा देने वाले संस्थानों को दो सौ मीटर रोड कंटिग की स्वीकृति प्रदान किये जाने के निर्देश दिये।


उन्होंने कहा कि कार्य के दौरान उक्त विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी संस्थान एक बार में दो सौ मीटर सड़क काटने के बाद तार डालने के बाद पहले उसे बंद करे उसके बाद आगे से सड़क काटी जाये ऐसा न करने वाले संस्थान की स्वीकृति को रोक दिया जायेगा।
जिन संस्थानों द्वारा केवल आवेदन किया गया है, लेकिन शुल्क जमा नहीं किया उनके आवेदनों को निरस्त करते हुए पुनः आवेदन करने के लिए कहा जाये। बिना शुल्क जमा किये किसी प्रकार की स्वीकृति प्रदान न की जाये।

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