कैंपस में नवनिर्मित रेफरेंस लैब का औपचारिक उद्घाटन व शौर्य दीवार का लोकपर्ण होगा
श्रद्धेय डॉ. स्वामी राम जी का जीवन परिचय
स्वामी राम ने जन सेवा को समर्पित किया था संपूर्ण जीवन
- -साल 1989 में हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) की नींव डाली
- -13 नवंबर 1996 को स्वामी जी ब्रह्मलीन हुए, 21 वें महासमाधि समारोह पर कई कार्यक्रम
स्वामीराम को लोग एक संत, समाजसेवी, चिकित्सक, फिलोसफर, लेखक के रुप में जानते हैं। लेकिन इन सबसे इतर दुनिया उन्हें मानव सेवा के संदेश वाहक के रुप में भी जाना जाता है।
साल 1925 में पौड़ी जनपद के तौली गांव में स्वामीराम का जन्म हुआ। किशोरावस्था में ही स्वामीराम ने संन्यास की दीक्षा ली। 13 वर्ष की अल्पायु में ही विभिन्न धार्मिक स्थलों और मठों में हिंदू और बौद्ध धर्म की शिक्षा देना शुरू किया। 24 वर्ष की आयु में वह प्रयाग, वाराणसी और लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कारवीर पीठ के शंकराचार्य पद को सुशोभित किया। गुरू के आदेश पर पश्चिम सभ्यता को योग और ध्यान का मंत्र देने 1969 में अमेरिका पहुंचे। 1970 में अमेरिका में उन्होंने कुछ ऐसे परीक्षणों में भाग लिया, जिनसे शरीर और मन से संबंधित चिकित्सा विज्ञान के सिद्धांतों को मान्यता मिली। उनके इस शोध को 1973 में इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका ईयर बुक ऑफ साइंस व नेचर साइंस एनुअल और 1974 में वर्ल्ड बुक साइंस एनुअल में प्रकाशित किया गया।
स्वास्थ्य सुविधाओं से महरुम उत्तराखंड में विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थान बनाने का स्वामीराम ने सपना देखा था। उन्होंने अपने सपने को आकार देना शुरू किया 1989 में। इसी साल उन्होंने गढ़वाल हिमालय की घाटी में हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट की स्थापना की। ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्त्य सुविधाओं के पहुंचाने के मकसद से 1990 में रुरल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (आरडीआई) व 1994 में हिमालयन अस्पताल की स्थापना की। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को महसूस करते हुए स्वामी जी ने 1995 में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की। नवंबर 1996 में स्वामी राम ब्रह्मलीन हो गए। इसके बाद स्वामी जी के उद्देश्य व सपनों को साकार करने का जिम्मा उठाया ट्रस्ट के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने। डॉ.धस्माना की अगुवाई में ट्रस्ट निरंतर कामयाबी के पथ पर अग्रसर है।, 2007 में कैंसर रोगियों के लिए अत्याधुनिक अस्पताल कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यट (सीआरआई) की स्थापना की। 2013 में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी (एसआरएचयू) स्थापना की गई। इसके तहत सभी शिक्षण संस्थाएं संचालित की जा रही हैं।
डोईवालाः हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) में संस्थापक डॉ.स्वामी राम के 21 वां महासमाधि वार्षिक समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि जबकि सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे।
एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि संस्थापक डॉ.स्वामी राम के महासमाधि वार्षिक समारोह को भव्य बनाया जाएगा। इसके लिए कैंपस में तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा चुका है। समारोह के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
स्वामी राम सेंटर में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वामी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने साथ समारोह का शुभारंभ होगा। इसके बाद वह कैंपस में नवनिर्मित ‘वॉल ऑफ हीरोज’ नाम से शौर्य दीवार का लोकर्पण व ‘हिमालयन निदान एवं अनुसंधान केंद्र’ लैबोरेट्री भवन का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा।
इसी कड़ी में स्वामी राम मानवता पुरस्कार से इस बार गुजरात की सामाजिक संस्था सेवा रुरल को सम्मानित किया जाएगा। ‘सेवा रुरल’ को यह सम्मान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में किए गए अहम योगदान के लिए दिया जाएगा। उन्हें गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपये का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रदेशभर के करीब आठ जनपदों के 176 विद्यालयों के 368 छात्र-छात्राओं को करीब 70 लाख रुपये की छात्रवृति बांटी जाएगी। इस दौरान 19 कर्मचारियों को बेस्ट इंप्लवाई अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
इन्हें विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है। इसके बाद दोपहर में भंडारा आयोजित किया जाएगा। जिसमें पांच से छह हजारों लोगों के शिरकत करने की उम्मीद है। शाम को ‘एक शाम कान्हा के नाम’ भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में देश-विदेश से स्वामी जी के हजारों अनुयायी भी शिरकत करेंगे।
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