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मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदी ,


 सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी   ने कहा कि उन्होंने आधुनिक अखण्ड भारत की नींव रखी थी और देश उत्साह के साथ 31 अक्टूबर को उनकी जयंती मनाएगा।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पटेल की विशेषता ये थी कि वे न सिर्फ़ परिवर्तनकारी विचार देते थे, लेकिन वे, इसको कर दिखाने के लिए जटिल-से- जटिल समस्या का
व्यावहारिक हल ढूंढने में काबिल थे। मोदी ने आगे कहा कि मैं चाहूँगा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की बात सदा- सर्वदा हम लोगों के लिए प्रेरणा देने वाली हैं | उन्होंने कहा था “जाति और पंथ का कोई भेद हमें रोक न सके, सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं, हम सभी को अपने देश से प्यार करना चाहिए और पारस्परिक प्रेम औरसद्भावना पर अपनी नियति का निर्माण करना चाहिए |


प्रधानमंत्री मोदी ने सिस्टर निवेदिता का जिक्र किया जिनकी शनिवार को 150वीं जयंती थी।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा की और वह असाधारण लोगों में से एक थीं।


प्रधानमंत्री मोदी  ने कहा कि सुरक्षा-बल के जवान, न सिर्फ हमारे border पर, बल्कि विश्वभर में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यूएन पीसकीपर बनकर वे दुनिया में हिन्दुस्तान का नाम रोशन कर रहे हैं।


प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत के संविधान की प्रस्तावना और यूएन चार्टर की प्रस्तावना, दोनों ‘वी द पीपल’ इन्हीं शब्दों के साथ शुरू होती है, लेकिन भारत ने नारी समानता पर जोर देते हुए ऑल मेन आर बोर्न फ्री एंड एक्वल
को बदलवाया और आल ह्मूमन बींग्स आर बोर्न फ्री एंड इक्वल करवाया।


प्रधानमंत्री मोदी  ने कहा कि इस बार भी दिवाली उनके लिए विशेष अनुभव लेकर आई। फिर मोदी सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों के साथ मनाई गई दिवाली का जिक्र करते हुए बोले कि यह उनके लिए कभी ना भूलने वाला अनुभव रहा। मोदी ने कहा कि सीमा पर जिन कठिन और विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए हमारे सुरक्षाबल देश की रखवाली करते हैं उस संघर्ष, समर्पण और त्याग के लिए, मैं सभी देशवासियों की तरफ़ से हमारे सुरक्षा-बल के हर जवानों का आदर करता हूं। जहां हमें अवसर मिले, जब हमें मौका मिले- हमारे जवानों के अनुभव जानने
चाहिए, उनकी गौरवगाथा सुननी चाहिए।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दिखता है कि आज युवा, बड़े-बूढ़े, महिलाएं, हर आयु वर्ग के लोग खादी और हैंडलूम को पसन्द कर रहे हैं और इससे बुनकर, हथकरघा पर काम करने वाले परिवारों को लाभ हो रहा है।


मोदी ने कहा कि वह खादी की वकालत करते रहे हैं और इसका परिणाम हुआ कि इस महीने 17 अक्तूबर को ‘धनतेरस’ के दिन दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन स्टोर में लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई

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