बार एसोसिएशन देहरादून के तत्वावधान ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, देहरादून द्वारा "अधिवक्ता अधिनियम 1961 संशोधन बिल 2017" विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया।
मुख्य वक्ता सोमदत्त शर्मा सीनियर अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट , नई दिल्ली और महामंत्री, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, ने कहा कि देश में 3करोड़ मुकदमे विचाराधीन है।
जबकि सरकार 0.1% ही न्याय व्यवस्था पर खर्च करती है। उन्होंने न्यायव्यवस्था के बुनियादी ढांचे को बदलने की आवशयकता पर जोर दिया और कहा सेमिनार में सीनियर अधिवक्ता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ,ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन,पी वी सुरेन्द्रनाथ ने कहा कि संशोधन बिल अधिवक्ताओं के जनतांत्रिक अधिकारों पर कुठारा घात है।
सरकार जस्टिस डेलिवरी सिस्टम ठीक किये बिना धिवक्ताओं पर लगाम लगाए रखना चाहती है। शार्दुल पंवार , जिलाध्यक्ष,ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, ने कहा कि केरल सरकार ने अधिवक्ताओं के हित में कानून बनाकर ऐतिहासिक कार्य किया है।
केरल के अधिवक्ता के रेसोर्सेमेंट/ मृत्यु पर १० लाख रूपये, गंभीर बीमारी में १ लाख रूपये और जूनियर अधिवक्ता को ५००० रूपये प्रतिमाह तीन वर्ष तक स्टीपेन्ड होना चाहिए। अध्यक्षीय भाषण में प्रेमचंद शर्मा ने कहा कि देहरादून के अधिवक्ता संशोधन बिल के लिए संघर्ष करते रहेंगे । सेमिनार का सञ्चालन पूर्व सचिव अनिल गाँधी और शम्भू ममगाईं ने किया
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