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*उत्तराखंड समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र की फसलें, हमारी संस्कृति और पोषण का मजबूत आधार: त्रिवेन्द्र*

legislative assembly  MP trivendra singh Rawat


नई दिल्ली:


लोकसभा में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और वाणिज्यिक खेती के कारण पर्वतीय क्षेत्रों की पारंपरिक फसलों के तेजी से विलुप्त होने के गंभीर विषय को उठाया।

उन्होंने केंद्र सरकार से इन फसलों के संरक्षण, पुनर्जीवन और बाजार से जोड़ने संबंधी राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी नीति एवं ठोस कदमों की जानकारी मांगी। श्री रावत ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार को पता है कि जलवायु परिवर्तन और प्रवासन के कारण कई पहाड़ी फसलें विलुप्ति के कगार पर हैं?, आईसीएआर और नेशनल जीन बैंक ने ऐसी किस्मों के संरक्षण और पुनर्प्रचलन के लिए क्या कार्यवाही की है?, क्या पोषक तत्वों से भरपूर “विलुप्त प्राय” फसलों के संवर्धन हेतु कोई विशेष कार्यक्रम प्रस्तावित है? और बीज बैंकों, प्रसंस्करण सुविधाओं और बाजार उपलब्धता के माध्यम से इन फसलों को दोबारा लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?

 

इसपर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने अपने लिखित उत्तर के जवाब में यह अवगत कराया कि आईसीएआर और नेशनल जीन बैंक ने 1,00,086 विलुप्त या संकटग्रस्त किस्मों का संरक्षण, दस्तावेजीकरण और पुनर्प्रचलन किया है। इनमें 85,587 भू-प्रजातियाँ और 14,499 पारंपरिक कृषक किस्में शामिल हैं। सरकार पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट, छद्म-अनाज और औषधीय पौधों के संरक्षण एवं प्रसार को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023’ के जरिए इन फसलों के प्रति जागरूकता और अनुसंधान को विशेष गति मिली है और इससे पर्वतीय क्षेत्रों की जैविक उपज के लिए विशेष FPO, मार्केट लिंकेज, और मंडियों में समर्पित स्थान विकसित किए जा रहे हैं।


श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड एवं पूरे हिमालयी क्षेत्र की पारंपरिक फसलें केवल कृषि नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर, पोषण सुरक्षा और स्थानीय जैव-विविधता का आधार हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते इनका तेजी से गायब होना गंभीर चिंता का विषय है। संरक्षण, बीज बैंकिंग, प्रसंस्करण और विपणन सहायता को और सुदृढ़ करना समय की आवश्यकता है।


उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे संरक्षण प्रयासों की सराहना करते हुए यह भी कहा कि मिलेट, छद्म-अनाज और औषधीय फसलों को मुख्यधारा में लाने के लिए और व्यापक कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए, ताकि पर्वतीय कृषि को नई दिशा और नए अवसर मिल सकें।



*हरिद्वार से 88 और देहरादून से 36 ट्रेनें होती हैं संचालित: श्री अश्विनी वैष्णव केंद्रीय रेल मंत्री* 

- केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रश्न का लोक सभा दिया उत्तर

* देहरादून/हरिद्वार वारणसी, गया, पुरी, पटना और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से कई ट्रेन पेयर्स के माध्यम से जुड़ा हुआ है 

* भारतीय रेलवे त्यौहारों, अवकाशों एवं धार्मिक आयोजनों के दौरान ट्रैफिक की मांग और परिचालनिक स्थिति के आधार पर विशेष ट्रेनें भी संचालित करता है।

केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों के लिए रेल सेवाओं से संबंधित पूछे गए अतारांकित प्रश्न का उत्तर दिया।




केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि रेलवे नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और ट्रेनें नेटवर्क की आवश्यकता के अनुसार राज्य सीमाओं के पार भी चलाई जाती हैं। वर्तमान में देहरादून/हरिद्वार वारणसी (03 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), गया (01 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), पुरी (01 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), पटना (02 जोड़ी गाड़ियों द्वारा) और कोलकाता (03 जोड़ी गाड़ियों द्वारा) आदि शहरों से जुड़ा हुआ है।


वर्तमान में, हरिद्वार स्टेशन 88 रेलगाड़ी सेवाओं तथा देहरादून स्टेशन 36 रेलगाड़ी सेवाओं द्वारा निम्नानुसार सेवित किए जा रहे हैं:

हरिद्वार स्टेशन को सेवित करने वाली रेलगाड़ियां:

क्र. सं. रेलगाड़ी सं. रेलगाड़ी का नाम

1 22457/22458 आनंद विहार (ट.) – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

2 22545/22546 लखनऊ – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

3 12017/12018 नई दिल्ली – देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस

4 12053/12054 हरिद्वार – अमृतसर जन शताब्दी एक्सप्रेस

5 12055/12056 नई दिल्ली – देहरादून जन शताब्दी एक्सप्रेस

6 12091/12092 देहरादून – काठगोदाम जन शताब्दी एक्सप्रेस

7 12171/12172 लोकमान्य तिलक (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

8 12327/12328 हावड़ा – देहरादून उपासना एक्सप्रेस

9 12369/12370 हावड़ा – देहरादून कुंभ एक्सप्रेस

10 12401/12402 कोटा – देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस

11 12911/12912 वलसाड – हरिद्वार एक्सप्रेस

12 13009/13010 हावड़ा – योग नगरी ऋषिकेश दून एक्सप्रेस

13 14041/14042 दिल्ली – देहरादून मसूरी एक्सप्रेस

14 14113/14114 सूबेदारगंज – देहरादून एक्सप्रेस

15 14119/14120 काठगोदाम – देहरादून एक्सप्रेस

16 14229/14230 प्रयागराज संगम – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

17 14303/14304 दिल्ली – हरिद्वार एक्सप्रेस

18 14305/14306 दिल्ली – हरिद्वार एक्सप्रेस

19 14309/14310 लक्ष्मी बाई नगर - योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

20 14317/14318 लक्ष्मी बाई नगर - योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

21 14605/14606 योग नगरी ऋषिकेश – जम्मू तवी एक्सप्रेस

22 14609/14610 योग नगरी ऋषिकेश - श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा एक्सप्रेस

23 14625/14626 हरिद्वार – फिरोजपुर कैंट एक्सप्रेस

24 14631/14632 देहरादून – अमृतसर एक्सप्रेस

25 14717/14718 बीकानेर – हरिद्वार एक्सप्रेस

26 14815/14816 श्री गंगानगर – ऋषिकेश एक्सप्रेस

27 14887/14888 ऋषिकेश – बाड़मेर एक्सप्रेस

28 15001/15002 मुजफ्फरपुर – देहरादून एक्सप्रेस

29 15005/15006 गोरखपुर – देहरादून एक्सप्रेस

30 15019/15020 देहरादून – टनकपुर एक्सप्रेस

31 15119/15120 बनारस – देहरादून एक्सप्रेस

32 18477/18478 पुरी – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

33 19019/19020 बांद्रा (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

34 19031/19032 साबरमती – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

35 19271/19272 भावनगर (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

36 19565/19566 ओखा – देहरादून एक्सप्रेस

37 19609/19610 उदयपुर सिटी – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

38 22659/22660 तिरुवनंतपुरम उत्तर – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

39 22917/22918 बांद्रा (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

40 54341/54342 सहारनपुर – देहरादून पैसेंजर

41 54463/54464 चंदौसी – ऋषिकेश पैसेंजर

42 54481/54482 हरिद्वार – ऋषिकेश पैसेंजर

43 54483/54484 हरिद्वार – ऋषिकेश पैसेंजर

44 64511/64512 हरिद्वार – अंब अंदौरा मेमू


देहरादून स्टेशन को सेवित करने वाली रेलगाड़ियां:


क्रम सं. रेलगाड़ी सं. रेलगाड़ी का नाम

1 22457/22458 आनंद विहार (ट.) – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

2 22545/22546 लखनऊ – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

3 12017/12018 नई दिल्ली – देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस

4 12055/12056 देहरादून – नई दिल्ली जन शताब्दी एक्सप्रेस

5 12091/12092 देहरादून – काठगोदाम जन शताब्दी एक्सप्रेस

6 12327/12328 हावड़ा – देहरादून उपासना एक्सप्रेस

7 12369/12370 हावड़ा – देहरादून कुंभ एक्सप्रेस

8 12401/12402 कोटा – देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस

9 14041/14042 दिल्ली – देहरादून मसूरी एक्सप्रेस

10 14113/14114 सूबेदारगंज – देहरादून एक्सप्रेस

11 14119/14120 काठगोदाम – देहरादून एक्सप्रेस

12 14631/14632 देहरादून – अमृतसर एक्सप्रेस

13 15001/15002 मुजफ्फरपुर – देहरादून एक्सप्रेस

14 15005/15006 गोरखपुर – देहरादून एक्सप्रेस

15 15019/15020 देहरादून – टनकपुर एक्सप्रेस

16 15119/15120 बनारस – देहरादून एक्सप्रेस

17 19565/19566 ओखा – देहरादून उत्तरांचल एक्सप्रेस

18 54341/54342 सहारनपुर – देहरादून पैसेंजर


केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेल नियमित सेवाओं के अतिरिक्त परिचालनिक व्यवहार्यता और यातायात औचित्य के आधार पर त्योहारों, छुट्टियों और धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए विशेष रेलगाड़ियों का संचालन भी करती है। किसी भी मार्ग या खंड पर नई रेलगाड़ियों की शुरुआत कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें उस खंड की क्षमता, पथ की उपलब्धता, अपेक्षित चल स्टॉक की उपलब्धता, चल स्टॉक के लिए उपयुक्त अवसंरचना की उपलब्धता तथा रेलपथ और अन्य परिसंपत्तियों की अनुरक्षण संबंधी आवश्यकताएँ शामिल हैं।


*मुख्यमंत्री ने वन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए डीएफओ पौड़ी को हटाने के निर्देश*

*गांव के आस पास  झाड़ियों को भी साफ करने के निर्देश, सूचना के 30 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचे टीम*  



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानव वन्यजीव संघर्ष को खत्म करने के लिए वन विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन के स्तर पर भी प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलने के 30 मिनट के अन्दर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच जाए। इसके लिए संबंधित डीएफओ और रेंजर की जिम्मेदारी तय की जाए। प्रभावितों को आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए।


 मुख्यमंत्री ने पौड़ी में मानव -वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के दृष्टिगत पौड़ी के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से वहां से हटाने के निर्देश दिये हैं। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का अधिक भय है, ऐसे क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक लाने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट की व्यवस्था की जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष में किसी परिवार से कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग प्रभावित परिवार की आजीविका को सहायता देने के लिए दो सप्ताह के अंदर नीति बनाकर प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जिन भी उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाए। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली जिम्मेदारी वन्यजीवों से लोगों के जीवन को बचाना है, इसके लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में न आये, इसके लिए स्थाई समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के माध्यम से निरंतर नजर बनाये रखें। वन कर्मी लगातार निगरानी रखें, साथ ही ग्रामीणों के साथ अपना संवाद मजबूत रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तियों के आस पास जंगली झाडियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए, साथ ही बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर आस पास वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर जागरुक किया जाए। 


बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पांडेय, सी रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक श्री रंजन मिश्रा, अपर सचिव हिमांशु खुराना शामिल हुए।


कल  10 दिसंबर को पौड़ी जनपद के गजेल्ड (गजल्ड) गांव में पिछले कुछ समय से आतंक मचा रहे नर-भक्षी गुलदार को आखिरकार ढेर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के त्वरित, स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बाद वन विभाग ने विशेष शिकारियों की टीम तैनात की थी। लगातार निगरानी, ट्रैकिंग और सघन अभियान के बाद टीम ने बीती रात गुलदार को सफलतापूर्वक मार गिराया।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और शिकार विशेषज्ञों ने समन्वित प्रयास करते हुए यह कार्रवाई पूरी की।


सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्र में सतर्कता और गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।



*धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के प्रतीक हैं पी आर डी जवान : मुख्यमंत्री*

PRD uttarakhand


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को ननूरखेड़ा, देहरादून स्थित निदेशालय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल परिसर में प्रान्तीय रक्षक दल के 'स्थापना दिवस' के अवसर पर आयोजित रैतिक परेड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि एवं पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति के चेक भी प्रदान किए। 


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा कि की पी.आर.डी जवानों के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी।पीआरडी जवानों को भी अब ड्यूटी के दौरान चिकित्सालय में भर्ती होने की स्थिति में उपचार के दौरान ड्यूटी पर ही माना जाएगा और उन्हें अधिकतम छह माह का मानदेय प्रदान किया जाएगा। ग्राम अस्थल रायपुर में खेल मैदान का निर्माण भी किया जाएगा। 


मुख्यमंत्री ने प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पी.आर.डी जवान, धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश में सुरक्षा और जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। पीआरडी जवान, प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने, सुरक्षा व्यवस्था, लिपिकीय कार्यों और विभिन्न विभागीय का दायित्वों, प्राकृतिक आपदाओं में चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में कार्य कर प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। चार धाम यात्रा के दौरान भी जवानों ने धैर्य, संवेदनशीलता और सजगता के साथ लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराने में सहयोग किया। 


मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने पीआरडी जवानों के कल्याण के लिए अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राज्य गठन के समय  पीआरडी जवानों को मात्र 65 रुपये प्रतिदिन भत्ता मिलता था। अब उसमें 10 गुना वृद्धि करते हुए उसे 650 रुपये प्रतिदिन किया गया है। पीआरडी जवानों के आश्रित बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने मृत एवं घायल PRD जवानों और उनके आश्रितों को 70 लाख रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की है।


मुख्यमंत्री ने कहा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त हुए पीआरडी जवानों को 18 लाख रुपये का एकमुश्त सेवा-भत्ता भी प्रदान किया है। साम्प्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को मिलने वाली राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर ₹ 2 लाख किया गया है। पीआरडी जवान की अति- संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु होने पर देय राशि 75 हजार रुपये से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की है। सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने की दशा में मिलने वाली राशि को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि साम्प्रदायिक दंगों और अति-संवेदनशील ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले स्वयंसेवकों के अंतिम संस्कार के लिए नई नियमावली में अलग से प्रावधान किया है। प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान के लिए भी संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर अधिकतम 50 हजार रुपये तक की सहायता का प्रावधान भी PRD जवानों के लिए किया है। जवानों की सेवा के प्रति निष्ठा और समर्पण का सम्मान करते हुए हमनें वर्ष 2023 में मृत एवं अपंग जवानों के आश्रितों को पीआरडी जवान के रूप में पंजीकृत करना प्रारंभ किया था। जिसके पश्चात अब तक पंजीकृत 190 आश्रितों में से 133 आश्रितों को रोजगार भी प्रदान किया जा चुका है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माह 149 पंजीकृत आश्रितों को विभागीय अर्द्ध सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे वे  अपने कौशल में वृद्धि कर सकेंगे और भविष्य में पीआरडी सेवा के विभिन्न दायित्वों को और अधिक दक्षता और तत्परता के साथ निभाने में सक्षम होंगे। 


कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि पीआरडी जवान, हर स्थिति में प्रदेश की सेवा करते हैं। चुनावों , पर्व त्यौहारों, आपदा से लेकर आम दिनों तक पीआरडी जवान हमेशा आगे रहते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीआरडी जवानों के हितों में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। 2022 से इस स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाया जा रहा है।  आज हमारे 7500 से अधिक पीआरडी जवान अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, अपर निदेशक युवा कल्याण श्री राकेश डिमरी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 आज का राशिफल

 दिनांक 11 दिसंबर 2025

 दिन गुरुवार

rashifal today 11 dec 2025


अ, आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें। पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।



कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।



कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। शत्रु परास्त होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।



वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें।

धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है।


मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

आज लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।



मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें।


नैनीताल:



आज दिनांक 09 /12/2025 को रात्रि पोस्ट नैनीताल से उपनिरीक्षक मनीष भाकुनी को आपदा कंट्रोल रूम नैनीताल से समय 19:40 बजे सूचना प्राप्त हुई कि चीना बाबा के पास स्थित शिशु मंदिर स्कूल में आग लग गई है। सूचना मिलते ही टीम तुरन्त आवश्यक उपकरणों सहित रवाना हुई,घटनास्थल पर पहुँचने पर ज्ञात हुआ कि आग स्कूल परिसर की ऊपरी मंजिल पर लगी थी। टीम द्वारा फायर सर्विस के साथ समन्वय स्थापित कर तेजी से आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया, जिसके फलस्वरूप थोड़े समय में आग पूरी तरह बुझा दी गई। संचालन के दौरान किसी प्रकार की जनहानि की सूचना प्राप्त नहीं हुई तथा स्थिति पूर्णतः सुरक्षित पाई गई।

SDRF नैनीताल की त्वरित रेस्क्यू कार्रवाई — पंचवटी बैंड, मल्ला रामगढ़ में वाहन दुर्घटना* 


आज दिनांक 09/12/2025 की रात्रि को SDRF पोस्ट नैनीताल से सब इंस्पेक्टर मनीष भाकुनी को जिला नियंत्रण कक्ष नैनीताल से सूचना प्राप्त हुई कि मल्ला रामगढ़ के पंचवटी बैंड में एक वाहन XUV 700 (UP 14 FK 1616) दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।


सूचना प्राप्त होते ही SDRF टीम आवश्यक तत्काल घटनास्थल के हेतु रवाना हुई।

घटनास्थल पर पहुँचकर पाया गया कि वाहन में कुल 8 व्यक्ति सवार थे, जिनमें सभी घायल पाए है। SDRF टीम द्वारा सभी घायलों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर एम्बुलेंस से रामगढ़ अस्पताल भेजा गया। 

घायलों के नाम इस प्रकार हैं—


1. निष्ठा, 14 वर्ष

2. शमा, 8 वर्ष

3. लवीया, 7 वर्ष

4. नितिन

5.सचिन (वाहन चालक — स्थिति गंभीर)

6.कंचन

7.रुचि, लगभग 35 वर्ष


*मुख्यमंत्री के कार्यकाल को बताया बेमिसाल।* 



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बुधवार को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कुलपति सतपाल सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इस गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों के विषय-विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, उद्यमियों, जनप्रतिनिधियों तथा बुद्धिजीवियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के चार वर्ष से अधिक के कार्यकाल को राज्य हित में उनके द्वारा लिये गए निर्णयों को बेमिसाल बताया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मदन मोहन सती द्वारा लिखित पुस्तक नायक से जननायक तथा धामी की धमक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुशल नेतृत्वकर्ता हैं। वें समूचे राज्य को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रहे हैं। उनके कार्यकाल के बीते 4 साल वाकई बेमिसाल हैं। इन सालों में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इन उपलब्धियों से हमारा छोटा सा राज्य बड़े निर्णय लेने वाले राज्य के रूप से जाना जाने लगा है।


सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के गणित विभाग के ऑडिटोरियम में आयोजित इस गोष्ठी का उद्देश्य बीते चार वर्षों में राज्य में हुए विकास कार्यों की समीक्षा, जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन तथा भविष्य की प्राथमिकताओं पर सार्थक विमर्श करना रहा। गोष्ठी में राज्य सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों को लेकर विचार साझा किये गए। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केंद्र सरकार से बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए राज्य को आगे बढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं। 


गोष्ठी में राज्य के सतत विकास लक्ष्यों तथा खनन सुधारों से राजस्व प्राप्तियों में अव्वल स्थान लाना, समान नागरिक संहिता को लागू करना, सख्त भू कानून के जरिए जमीनों की धोखाधड़ी को रोकना, नकल विरोधी कानून, ऋषिकेश कर्णप्रयाग और टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन, सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, घटती बेरोजगारी आदि विषयों पर वक्ताओं ने सरकार की प्रशंसा की।


वक्ताओं ने  कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में राज्य ने कई प्रमुख क्षेत्रों में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने चार वर्षों को बेहद प्रभावी, जनहितकारी और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर बताया। विशेषज्ञों ने रेखांकित किया कि इन चार वर्षों में राज्य ने शिक्षा क्षेत्र में मॉडल स्कूलों की स्थापना, स्मार्ट क्लासरूम, ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के विस्तार, छात्रवृत्ति योजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति की है।


रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में भर्ती प्रक्रियाओं के सरलीकरण, पारदर्शी परीक्षाओं, स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहन, होमस्टे और पर्यटन आधारित रोजगार में वृद्धि दर्ज की है। गोष्ठी में यह भी चर्चा हुई कि बीते 4 वर्षों में 26 हजार से अधिक नियमित सरकारी नौकरियां दी गई हैं, जो पूरी पारदर्शिता और स्पष्टता के साथ चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से संपन्न की गई।


सुशासन के तहत सरलीकरण समाधान और निस्तारण की नीति को प्रभावी रूप से लागू किया गया, जिससे लोगों की शिकायतों के समाधान में तेजी आई है। सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन पोर्टल, ई-ऑफिस प्रणाली और तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली ने प्रशासन को अधिक जवाबदेह बनाया है। इसका सीधा लाभ आम जन को मिला है।


वक्ताओं ने कहा कि महिला उत्थान में  महिला सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूहों और स्वास्थ्य योजनाओं ने मजबूत परिवर्तन को जन्म दिया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में लखपति दीदी योजना एक गेम चेंजर के रूप में विकसित हो रही है। महिलाओं की आर्थिकी और सामाजिक तरक्की को सुनिश्चित करने के लिए लगातार नए प्रयास किए जा रहे हैं।


गोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाओं, पर्यटन स्थलों के विकास, कृषि व बागवानी संवर्धन, ग्रामीण आजीविका और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं ने आम जनजीवन को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाया है। साथ ही अंत्योदय की भावना के साथ सरकार कमजोर वर्गों, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए बहुआयामी कल्याणकारी कार्यक्रम चला रही है। गोष्ठी के दौरान प्रतिभागियों ने जनहित को केंद्र में रखकर अनेक रचनात्मक सुझाव भी प्रस्तुत किए गए। 


मीडिया समन्वयक मुख्यमंत्री उत्तराखंड मदन मोहन सती ने कहा कि सभी सुझावों का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा  तथा उपयुक्त तथा आवश्यक सुझावों को आगामी सभी कार्यक्रमों तथा नीतियों में शामिल किए जाने हेतु मुख्यमंत्री के सम्मुख प्रस्तुत किए जाएंगे।


गोष्ठी का समापन प्रतिभागियों द्वारा राज्य सरकार की उपलब्धियों की व्यापक सराहना तथा विकास की अगली पंक्ति के लिए सामूहिक सुझावों के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।


कार्यक्रम का संचालन नीरज बवाड़ी ने किया। इस अवसर पर महिला उद्यमिता विकास परिषद की उपाध्यक्ष गंगा बिष्ट, मेयर अल्मोड़ा अजय वर्मा, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, कुल सचिव एस एस जे डी एस बिष्ट सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

 

*मंत्रिमण्डल के निर्णय दिनांक 10 दिसंबर 2025*




1. पारेषण लाईनों के निर्माण में मार्गाधिकार सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण हेतु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं अनुपूरक दिशा-निर्देशों को पिटकुल हेतु अंगीकार किये जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन। 

उपरोक्त के फलस्वरूप पिटकुल द्वारा निर्मित की जाने वाली 66 के.वी. एवं इससे अधिक क्षमता के अंतर्राज्यीय पारेषण लाइनों के निर्माण हेतु भू-स्वामियों को न्यायसंगत मुआवजा प्रदान कर Right of Way  से संबंधित विवादों के समाधान एवं परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करते हुए मुआवजे की राशि में वृद्धि की गई है। अब पारेषण लाईनों के लिए बनाए जाने वाले टावर के चारों कोने के नीचे के क्षेत्र एवं इसके एक मीटर की परिधि के अंतर्गत आने वाली भूमि के लिए मुआवजा की राशि सर्किल रेट का दो गुना की गई है। पारेषण लाईन के नीचे अवस्थित खेतांे के लिए भी निर्धारित सर्किल दर के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में 30 प्रतिशत, अर्द्ध नगरीय में 45 प्रतिशत एवं नगरीय क्षेत्र में 60 प्रतिशत की दर पर मुआवजा देय होगा। सर्किल रेट एवं मार्केट रेट के दर पर बहुत अधिक अंतर होने की दशा में जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति देय मुआवजे की दरों का निर्धारण करेगी। इस समिति में भूमि के स्वामियों का प्रतिनिधि भी बतौर सदस्य सम्मिलित किया जाएगा।



2. उत्तराखंड जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025“ के प्रख्यापन को मंत्रिमण्डल की स्वीकृति।


विभागों के अन्तर्गत छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, कानूनों में छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक खामियों के लिये नागरिक दंड एवं प्रशासनिक कार्यवाही आंरभ करने एवं कानूनों के अप्रचलित एवं अनावश्यक प्रावधानों को हटाये जाने आदि उद्देश्यों हेतु भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के क्रम में ’उत्तराखण्ड जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025’ को यथाप्रक्रिया प्रख्यापित किये जाने की मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमति प्रदान की गयी है। इस अध्यादेश की प्रमुख विशेषतायें निम्नवत् हैंः-

(1) छोटे / विनियामक/प्रासंगिक अपराधों के लिए कारावास को मौद्रिक दंड से प्रतिस्थापित किया गया है।

(2) जहाँ निवारण की आवश्यकता थी, वहाँ दंड बढ़ाए गए या आनुपातिकता सुनिश्चित करने के लिए पुनर्गठित किए गए।

(3) स्वतः संशोधनः निवारक मूल्य बनाए रखने के लिए सभी जुर्माने / दंड हर तीन साल में 10 प्रतिशत बढ़ाए जाएंगे।

(4) प्रशासनिक / सुधारात्मक कार्रवाई पर जोर (उदाहरण के लिए, अनिवार्य उत्पाद वापसी, अनुपालन का शपथ पत्र)।

(5) गंभीर या बार-बार किए गए अपराधों के लिए अभी भी कारावास हो सकता है, लेकिन सख्त सीमाओं के भीतर।



3. भारत सरकार द्वारा Scheme for Special Assistance to States for Capital Investment 2025-26 (SASCI 2025-26)  में प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्य में नवीन भवनों के निर्माण में ग्रीन बिल्डिग के मानको को प्रोत्साहित किये जाने हेतु अतिरिक्त FAR दिए जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन।


उक्तानुसार पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ी शैली एवं मैदानी क्षेत्रों में पारम्परिक श्रेणी के भवन निर्माणों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु अतिरिक्त FAR देयता हेतु भवन निर्माण एवं विकास उपविधि/विनियम, 2011 में ग्रीन बिल्डिंग/हरित निर्माण तथा अन्य से संबंधित प्रावधानों का समावेश किये जाने के उद्देश्य से कतिपय संशोधन करने, मुख्यतः ऊर्जा दक्षता और स्थिरता मानकों का पालन सुनिश्चित करने तथा नवीन भवनों में शीत छत (Cool Roof) / हरित छत (Green Roof) एवं नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का समावेश किए जाने से संबंधित प्राविधानों को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई।


4. भारत सरकार द्वारा SASCI 2025-26 में प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्यान्तर्गत लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को युक्तिसंगत किए की मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति।

उक्तानुसार राज्य में प्रचलित भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अन्तर्गत मार्ग चौड़ाई, व्यावसायिक विकास के अन्तर्गत व्यावसायिक/कार्यालय के सैट बेक, भू-आच्छादन एवं FAR होटल की ऊँचाई एवं रिजोर्ट एवं इको-रिजोर्ट हेतु भू-आच्छादन एवं FAR, पहुँच मार्ग, पार्किंग में स्टिल्ट की ऊँचाई के वर्तमान प्रावधानों में संशोधन कर इन्हें युक्तिसंगत किए जाने का अनुमोदन। 

राज्य में पर्यटन विकास की संभावनों के दृष्टिगत इको-रिजोर्ट की भांति ही अब रिजॉर्ट निर्माण के लिए भी भू-उपयोग परिवर्तन के बिना कृषि भूमि का उपयोग किया जा सकेगा। इसके साथ ही रिजॉर्ट निर्माण हेतु पहुंच मार्ग की चौड़ाई के मानकों को भी घटाकर पर्वतीय क्षेत्र के लिए 6 मीटर और मैदानी क्षेत्र के लिए 9 मीटर किया गया है।


5. विषयः-Uttarakhand Town Planning Scheme (Implementation) Rules, 2025 के प्रख्यापन किए जाने को कैबिनेट की स्वीकृति।


राज्य के शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत नियोजित शहरी क्षेत्र के विकास के लिए सभी आय वर्ग के लोगों के लिए इंटीग्रेटेड रोड नेटवर्क एवं आवासों के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से टाउनशिप को विकसित किये जाने हेतु संबंधित मानकों को विनियमित किए जाने के निमित्त Uttarakhand Town Planning Scheme (Implementation) Rules, 2025 प्रख्यापित किए जाने का अनुमोदन।


6. राज्य के शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत योजनाबद्ध विकास को सुव्यवस्थित किए जाने के उद्देश्य से बिना किसी अड़चन के भूमि प्राप्त करने सम्बन्धी मानकों को विनियमित किए जाने हेतु Uttarakhand Land Pooling Scheme (Implementation) Rules,2025  प्रख्यापित किए जाने की मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकृति दी गई है।


7. उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय में भी अन्य विश्वविद्यालयों की भांति फैकल्टी की भर्ती लोक सेवा आयोग की जगह अब विश्वविद्यालय के स्तर से किए जाने को कैबिनेट ने दी मंजूरी। 


8. उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग, अधीनस्थ अभियन्त्रण (कनिष्ठ अभियन्ता सिविल, प्राविधिक, विद्युत तथा यांत्रिक) सेवा नियमावली, 2007 में संशोधन को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति।


वर्तमान नियमावली, 2018 के नियम-5 ’क’ (1) (ब) में कनिष्ठ अभियन्ता के पद पर भर्ती के स्रोत में 05 प्रतिशत विभाग में मौलिक रूप से नियुक्त समूह ’ग’ के कर्मचारियों, (मानचित्रकार, लिपिक, व्यक्तिक सहायक, लेखा संवर्ग, मोटर चालक आदि अन्य संवर्ग) जिन्होंने विभाग से अनुज्ञा प्राप्त करने के पश्चात् अथवा सेवा में आने से पूर्व नियम 8 में विहित अर्हताएं अर्जित की हों और भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को विभाग में दस वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण कर ली हो, में से अपने-अपने संवर्ग के स्वीकृत पदों की संख्या के अनुपात“ में लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदोन्नति द्वारा भरे जाने का प्राविधान है। अब उक्त  नियम में “... अपने-अपने संवर्ग के स्वीकृत पदों की संख्या के अनुपात“ को विलोपित करते हुये “... भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को विभाग में दस वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण कर ली हो, में से लोक सेवा आयोग के माध्यम से पदोन्नति से भरे जाने की व्यवस्था की गई है।


9. पिथौरागढ़ में स्थित नैनी-सैनी एयरपोर्ट को वाणिज्यिक एवं नागरिक विमानों के संचालन, बुनियादी ढांचे के विकास, निर्माण, आधुनिकीकरण तथा रख-रखाव एवं प्रबन्धन के उद्देश्य से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण AAI को स्थायी रूप से हस्तान्तरित किये जाने एवं इस निमित राज्य सरकार व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण AAI के मध्य MoU हस्ताक्षरित किये जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।


10. जनपद उधमसिंहनगर के तहसील सितारगंज अन्तर्गत कल्याणपुर में भूमिहीनों, आपदा या अन्य कारणों से विस्थापित खेतिहर मजदूरों को आवंटित भूमि के विनियमितीकरण हेतु निर्धारित सर्किल दर को शिथिल किये जाने के संबंध मे. मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया।


जनपद उधमसिंहनगर के तहसील सितारगंज अन्तर्गत कल्याणपुर में भूमिहीनों, आपदा या अन्य कारणों से विस्थापित खेतिहर मजदूरों को आवंटित भूमि के विनियमितीकरण हेतु वर्ष-2016 की सर्किल दर को शिथिल करते हुए शुल्क निर्धारण वर्ष-2004 के सर्किल रेट के आधार पर एक वर्ष के लिए किये जाने तथा तदोपरांत प्रचलित सर्किल रेट के अनुसार शुल्क निर्धारित किये जाने निर्णय। सर्किल रेट शिथिल किये जाने से प्रभावित / विस्थापित परिवार अपनी भूमि को विनियमित करा सकेंगे तथा भूमि का मालिकाना हक मिलने से उन्हें ऋण, बीमा और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त हो सकेंगे।


11. राज्य में गतिमान मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अन्तर्गत सायलेज पर वर्तमान में स्वीकृत 75 प्रतिशत अनुदान को घटाकर 60 प्रतिशत अनुदान स्वीकृत किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। 

सायलेज की मांग में निरन्तर हो रही वृद्धि के दृष्टिगत एवं मांग के सापेक्ष पर्याप्त सायलेज की आपूर्ति करते हुए अधिक से अधिक पशुपालकों को लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से सहकारिता विभाग की मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना में सायलेज पर वर्तमान में दिये जा रहे 75 प्रतिशत अनुदान को घटाकर 60 प्रतिशत किये जाने का लिया गया निर्णय।


12. डेरी विकास विभाग की साईलेज एवं दुधारू पशुपोषण योजना के अन्तर्गत साईलेज पर अनुदान दर 60 प्रतिशत किये जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन।

डेरी विकास विभाग की साईलेज एवं दुधारू पशुपोषण योजना (सामान्य) के अन्तर्गत साईलेज की मांग में निरन्तर वृद्धि होने के दृष्टिगत एवं अधिक से अधिक पशुपालको को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डेरी विकास विभाग की साईलेज एवं दुधारू पशुपोषण योजना तथा सहकारिता विभाग की घस्यारी कल्याण योजना में साईलेज पर वर्तमान में दिये जा रहे 75 प्रतिशत अनुदान को घटाकर 60 प्रतिशत किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।


13. देहरादून शहर में प्रस्तावित रिस्पना एवं बिंदाल एलिवेटेड परियोजनओं (4 लेन) के निर्माण कार्यों हेतू जी.एस.टी.एवं परियोजनाओं में प्रयुक्त होने वाली सामग्री पर देय होने वाली रॉयल्टी के व्यय भार हेतु छूट प्रदान किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

देहरादून शहर में बढ़ते यातायात दवाब को कम करने हेतु प्रस्तावित रिस्पना एवं बिन्दाल ऐलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना का निर्माण एन.एच.ए.आई. द्वारा निष्पादित कराया जाना है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उक्त दोनों परियोजनाओं के सिविल निर्माण का पूर्ण व्यय भार भारत सरकार द्वारा वहन किये जाने पर इस प्रतिबन्ध के अधीन सहमति व्यक्त की गयी कि राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण, यूटीलिटी शिफ्टिंग का व्यय भार स्वयं वहन किया जायेगा एवं डी.पी.आर. में आंकलित होने वाली जीएसटी तथा परियोजना में प्रयुक्त होने वाली सामग्री पर देय होने वाली रायल्टी को राज्य सरकार द्वारा छूट दिये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। 


14. सगन्ध पौधा केन्द्र (कैप), सेलाकुई का नाम परिवर्तित कर परफ्यूमरी एवं सगन्ध अनुसंधान संस्थान (Institute of Perfumery and Aromatic Research)  (IPAR) करने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

15. स्क्रैप वाहनों के सापेक्ष समान श्रेणी के नये वाहनों के पंजीयन के समय मोटरयान कर में छूट प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।


वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूँजीगत निवेश हेतु राज्यों के लिए विशेष सहायता योजना 2025-26 के अनुसार Initiative-A  के माइलस्टोन 1 के अन्तर्गत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार बीएस-1 एवं बीएस-2 प्रकार के परिवहन एवं गैर परिवहन यानों को स्क्रैप किये जाने की स्थिति में समान श्रेणी के नये वाहनों के पंजीयन के समय देय मोटरवाहन कर में 50 प्रतिशत छूट दिये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। 

16. मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योेजना को कैबिनेट ने दी मंजूरी

राज्य विश्वविद्यालयों एवं शासकीय तथा अनुदानित महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को, जो विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सिविल सर्विसेज (, रक्षा सेवाएं, बैंकिंग, रेलवे, एस०एस०सी० अथवा समान प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा तथा विभिन्न प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश हेतु तथा योग्यता निर्धारण के लिए होने वाली परीक्षाओं (CAT, MAT, GATE, NE, CSIR  आदि) की तैयारी कर अपना भविष्य निर्माण करना चाहते हैं, उनके लिए निःशुल्क ऑन लाईन कोचिंग हेतु मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना के संचालन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। 

उक्त कोचिंग सुविधा राष्ट्रीय स्तर की किसी अनुभवी संस्थान के माध्यम से प्रदान की जायेगी, जिनका चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया से किया जायेगा। ऑनलाइन माध्यम से प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों द्वारा पाठ्यवस्तु पढ़ाई जायेगी। अध्ययन सामग्री, ऑनलाइन वीडियों, प्रैक्टिस पेपर चयनित संस्थान द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। विभिन्न प्रकृति के प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिगत विभिन्न कोचिंग संस्थाओं को एम्पैनल किया जाएगा जिनकी सुविधाएं छात्रों को प्राप्त हो सकेंगी।

उक्त योजना के अन्तर्गत लाइव क्लास, लर्निंग टूल्स AI-आधारित, पर्सनलाइज्ड संदेह समाधान, रीयल-टाइम प्रदर्शन विश्लेषण, अनुकूल मूल्यांकन, प्रत्येक छात्र के लिए सुरक्षित लॉगिन (डेस्कटॉप, टैबलेट, या मोबाइल ऐप के माध्यम से), लर्निंग संसाधन बहुभाषी अध्ययन सामग्री (अंग्रेजी, हिंदी, हिंग्लिश), डाउनलोड करने योग्य नोट्स, रिकॉर्डेड वीडियो, ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग छात्रों की उपस्थिति, परीक्षा स्कोर, वीडियो की उपलब्धता और प्रगति ट्रैकिंग के लिए डैशबोर्ड, प्रत्येक छात्र हेतु साप्ताहिक मेंटर सत्र, सामूहिक वार्तालाप, परामर्श और वर्षवार तैयारी ट्रैकिंग तथा कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों को नियमित रूप से मेन्टरिंग सुविधा प्रदान की जाएगी।

17. माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत भी मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

इस योजना के अन्तर्गत 11वीं तथा 12वीं के छात्रों को CLAT, NEET, JEEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जायेगी। 

18. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्राविधानों के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में अभियोजन निदेशालय की स्थापना देहरादून में किए जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। 

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के लागू होने के बाद प्रभावी एवं निष्पक्ष अभियोजन की दृष्टि से राज्य में अवर न्यायालय से उच्च न्यायालय तक अभियोजकों की नियुक्ति के प्रचलित समस्त तरीके एकीकृत करते हुए उक्त संहिता की धारा 18 के अन्तर्गत नियुक्त लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजक (या जिस भी नाम से वो ज्ञात हो), धारा 19 के अन्तर्गत नियुक्त सहायक लोक अभियोजक (या जिस भी नाम से वो ज्ञात हो) एवं धारा 20 के अन्तर्गत नियुक्त अभियोजन निदेशक, अभियोजन उप निदेशक एवं अभियोजन सहायक निदेशक (या जिस भी नाम से वो ज्ञात हो) एवं अन्य अधिकारियों के समस्त कार्य पर प्रभावी नियन्त्रण एवं पर्यवेक्षण हेतु पृथक से अभियोजन निदेशालय स्थापित किए जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया। 

अभियोजन निदेशालय का प्रधान अभियोजन निदेशक होगा, जो राज्य में गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कृत्य करेगा। 

19. उत्तराखण्ड वित्त विभाग के अन्तर्गत माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश को प्रख्यापित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

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