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हरिद्वार (विश्व हिन्दू परिषद) :

bajrang dal memorendum


विश्व हिन्दू परिषद–बजरंग दल हरिद्वार द्वारा प्रतिवर्ष की भांति आयोजित शौर्य जागरण यात्रा गत वर्ष निर्धारित कार्यक्रमानुसार सैनी आश्रम, ज्वालापुर हेतु निकाली जा रही थी। यात्रा की पूर्व सूचना हरिद्वार प्रशासन को विधिवत लिखित रूप में प्रदान की जा चुकी थी। निर्धारित समय पर कार्यकर्ता दुर्गा चौक, ज्वालापुर से शोभा यात्रा लेकर कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस की उपस्थिति में ही यात्रा पर सुनियोजित तरीके से अचानक पथराव किया गया। इस अप्रत्याशित हमले में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता घायल हुए, किंतु कार्यकर्ताओं ने धैर्य एवं संयम का परिचय देते हुए शांति पूर्वक सैनी आश्रम पहुँचकर कार्यक्रम पूर्ण किया। संगठन का कहना है कि यह पथराव स्पष्ट रूप से हरिद्वार की देवभूमि की सामाजिक–सांप्रदायिक शांति भंग करने और नगर को तनाव की आग में झोंकने की एक सोची-समझी साजिश प्रतीत होती है। इस कायराना घटना से न केवल हरिद्वार बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखण्ड का संत समाज एवं हिन्दू समाज आक्रोशित है।


संगठन की ओर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय, हरिद्वार को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि—

घटना में सम्मिलित सभी दोषियों की पहचान कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

संपूर्ण प्रकरण की उच्च अधिकारियों द्वारा गहन, निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच कराई जाए।

पूर्व सूचना के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न कर पाने व लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

विश्व हिन्दू परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो विश्व हिन्दू परिषद–बजरंग दल, संत समाज एवं हिन्दू समाज हरिद्वार सहित संपूर्ण प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से व्यापक आंदोलन प्रारम्भ करेगा।


ज्ञापन सौंपने के अवसर पर प्रांत सहसंयोजक बजरंग दल उत्तराखण्ड सौरभ चौहान के नेतृत्व में प्रांत सुरक्षा प्रमुख नवीन तेश्वर, विभाग मंत्री भूपेंद्र सैनी, जिला संगठन मंत्री अर्जुन कुमार, जिला मंत्री विहिप जीवेंद्र तोमर, जिला संयोजक बजरंग दल अमित मुल्तानिया, जिला सहमंत्री दीपक तालियान, अंगद सक्सेना, विक्की बिष्ट सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।



 *उत्तराखण्ड की 184 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने मंजूर की रू. 1700 करोड़ रुपये की धनराशि*

*मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री से की भेंट*

*कृषि, ग्रामीण विकास एवं आपदा प्रभावित अवसंरचना से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा*



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर प्रदेश की कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने, ग्रामीण विकास को गति देने तथा हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित अवसंरचना के पुनर्निर्माण से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। बैठक के दौरान राज्य की 184 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 1700 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की गई, जिनकी कुल लंबाई 1228 किलोमीटर होगी।


मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) से जुड़े विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल की प्राकृतिक आपदा में प्रदेश की 946 सड़कें और 15 पुल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनके पुनर्निर्माण के लिए लगभग 650 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों वाले पर्वतीय राज्य के लिए यह क्षति अत्यंत चुनौतीपूर्ण है और ऐसी स्थिति में केंद्र से विशेष सहयोग अपेक्षित है, ताकि प्रभावित अवसंरचना का त्वरित पुनर्निर्माण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने हाल की आपदा से क्षतिग्रस्त लगभग 5900 घरों की मरम्मत के लिए भी उत्तराखण्ड को आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया।


मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य के लगभग 90 प्रतिशत किसान लघु एवं सीमांत श्रेणी के हैं और फसलों को जंगली जानवरों से होने वाली क्षति एक गंभीर चुनौती है। इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.)-डी.पी.आर. योजना के तहत घेराबंदी कार्यों को शामिल किए जाने पर केंद्र सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही उन्होंने फसलों की सुरक्षा और उत्पादन वृद्धि के लिए अलग से बजट की व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए आगामी पाँच वर्षों तक प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था करने का आग्रह किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने शीघ्र ही अग्रिम धनराशि आवंटित करने का आश्वासन दिया, जिससे घेराबंदी कार्य व्यापक स्तर पर शुरू किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने पीएम-आरकेवीवाई योजना के अंतर्गत स्वच्छता एक्शन प्लानदृनमामि गंगे क्लीन अभियान हेतु वर्ष 2025-26 के लिए स्वीकृत 98 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया।


केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य की आवश्यकताओं को प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान में लिया जाएगा तथा केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।


इस अवसर पर सांसद श्री महेन्द्र भट्ट, कृषि एवं किसान कल्याण सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आलोक कुमार पाण्डेय और उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 *प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के सहयोग से हमारी 184 ग्रामीण सड़कों के निर्माण हेतु ₹1700 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। मैं प्रधानमंत्री जी और केंद्रीय मंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। यह स्वीकृति राज्य के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाएगी, कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेगी। हमारी सरकार ‘समृद्ध ग्राम–समृद्ध उत्तराखण्ड’ के संकल्प को लेकर प्रतिबद्ध है। यह स्वीकृति निश्चित रूप से उत्तराखण्ड के ग्रामीण विकास को नई गति देगी और विकसित भारत @2047 के लक्ष्य की दिशा में राज्य की प्रगति को और अधिक सुदृढ़ करेगी।*

*पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड*

मुख्यमंत्री की जन नीतियों से प्रेरित, डीएम जनदर्शन; जनभावना अनुरूप समाधान; एक्शन*

*बेटी ने ही कर दी धोखाधड़ीः असमर्थ 93 वर्षीय बुजुर्ग पिता के बैंक खाते से ही कर दिए 10 लाख गायब,*

*बेटे ने धोखे से बनाई वसीयत! माता मुन्नी देवी की शिकायत पर भरण-पोषण एक्ट में वाद दर्ज करने के निर्देश*

*पिता के निधन के बाद बेटी का छल! विधवा मां के दिए घर पर कब्जा, जांच के आदेश*

*5 लाख के ऋण ने बढ़ाई मुश्कििलें! पति की मौत के बाद नेहा ने प्रशासन से मांगी राहत,*

*दिव्यांग वकील साहनी के चेहरे पर लौटी मुस्कान, मौके पर पेंशन स्वीकृत, बुजुर्ग राजवंशी को भी मिली मदद*

*गरीबी व इलाज संकटः विधवा एकादशी देवी व पिंकी देवी को प्रशासन ने आर्थिक सहायता के लिए बढ़ाए कदम*

*दुर्घटना में अपना पैर गवां चुकी दिव्यांग रेखा देवी को पेंशन स्वीकृत, बेटी के विवाह हेतु आर्थिक सहायत

देहरादून :

janta darshan by DM Dehradun


जिलाधिकारी सविन बसंल ने सोमवार को ऋषिपर्णा सभागार में जनता दर्शन कार्यक्रम में जन समस्याएं सुनी। दूर दराज से भारी संख्या में पंहुचे लोगों ने घरेलू व जमीन विवाद, सीमांकन, ऋण माफी, आर्थिक अनुदान, भरण पोषण, प्रमाण पत्र आदि से जु़ड़ी 176 समस्याएं रखी। जिलाधिकारी ने मौके पर ही कई मामलों का ऑन द स्पॉट निस्तारण किया साथ ही कुछ प्रकरणों को इससे जुड़े विभागों को अग्रसारित करते हुए विधि सम्मत त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उच्च प्राथमिकता पर उनका समाधान करना सुनिश्चित करें।


बेटी ने ही कर दी घोखाधडी। चलने फिरने में असमर्थ 93 वर्षीय बुजुर्ग प्रेम सिंह ने अपनी ही बेटी पर धोखाधडी कर उनके बैंक से ही 10 लाख निकालने की शिकायत पर लीड बैंक अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। वहीं बुजुर्ग मुन्नी देवी ने बताया कि पति की मृत्यु की बाद उनके छोटे बेटे ने घर की सारी संपत्ति एवं बैंक खातों में जमा पूंजी धोखे से वसीयतनामा बनाकर अपने नाम कर दी है। इस पर डीएम ने भरण पोषण एक्ट में वाद दायर करते हुए वसीयतनामा की विधिक जांच कराने के निर्देश दिए। पंडितवाडी निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला लता त्यागी ने बहू द्वारा घर कब्जा करने और घर से निकालने की शिकायत पर भी भरण पोषण एक्ट में वाद दायर कराया गया। दुर्गा नगर निवासी बजुर्ग राधा ने बताया कि उन्होंने एमडीडीए चन्द्रनगर कॉलोनी में अपनी बेटी को रहने के लिए घर दिया था, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद बेटी ने उस धोखे से उस घर ही कब्जा कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा दी है। इस पर डीएम ने एडीएम को सब रजिस्ट्रार से रिपोर्ट तलब कराई।

 

विधवा नेहा ने ऋण माफ करने की गुहार लगाते हुए बताया कि उनके पति ने बैंक से 5 लाख का ऋण लिया था। करंट लगने से उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई है। तीन साल तक बैंक किस्त नियमित जमा की है। परंतु उनके पास कोई काम नहीं होने के कारण वो किस्त भरने में असमर्थ है। जिस पर लीड बैंक अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए।

 

 शारीरिक रूप से दिव्यांग वकील साहनी ने बताया कि उनकी अभी तक दिव्यांग पेंशन नहीं लगी है। इस पर 80 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति की मौके पर ही पेंशन स्वीकृत की गई। वहीं 70 वर्षीय बुजुर्ग इन्दु राजवंशी ने वृद्धावस्था पेंशन की लगने की समस्या पर उनका आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए मौके पर ही आवेदन कराया गया।  


विधवा पिंकी देवी ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए आर्थिक सहायता चाहने पर एसडीएम को जांच कर प्रकरण प्रस्तुत करने को कहा गया। अपना इलाज कराने में असमर्थ विधवा एकादशी देवी ने उपचार के लिए आर्थिक सहायता की गुहार पर एसडीएम को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया। गरीब महिला सर्वेश एवं माहेश्वरी देवी ने प्रधानमंत्री आवास की गुहार लगाई। परिवार की कमजोर आर्थिकी का हवाला देते हुए सपना ने नर्सिंग की पढ़ाई जारी रखने के लिए आर्थिक सहायता की मांग की। जिस पर डीपीओ को प्रकरण की जांच करने को कहा गया।

 

एक पैर से दिव्यांग रेखा देवी ने पुत्री की शादी के लिए आर्थिक सहायता की गुहार पर ओसी क्लेक्ट्रेट को जांच करवा के प्रकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। साथ ही समाज कल्याण अधिकारी को महिला का दिव्यांग प्रमाण पत्र भी बनाने को कहा गया।

 

अठूरवाला निवासी अनीता चौहान ने जिलाधिकारी से गुहार लगाएगी दैवीय आपदा के दौरान उनका मकान ध्वस्त हो गया है उन्होंने पुनर्विस्थापन की टीम से गुहार लगा जिस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी एवं निदेशक टीडीसी पुनर्वास को कार्रवाई के निर्देश दिए।

 

देहरादून से भानिवयावाला, जौली होते हुए थानों तक परिवहन निगम, स्मार्ट सिटी या इलेक्ट्रिक बस सेवा न होने से क्षेत्रवासियों को हो रही परेशानी की शिकायत पर डीएम ने एडीएम से अभी तक बस सेवा शुरू न किए जाने की रिपोर्ट तलब की है।

 थानों में अवैध मस्जिद एवं अवैध रूप से चल रहे मदरसा की शिकायत पर अपर जिलाधिकारी ने एडीएम को जांच कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। 

कुडियाल के सदस्य क्षेत्र ने थानों क्षेत्र में फलदार एवं हरे भरे पेड़ों को अवैध तरीके से काटे जाने की शिकायत पर एडीएम को जांच कराने के निर्देश दिए। 

जोलियो के समस्त ग्राम वासियों ने ग्राम समाज, वन पंचायत की जमीन पर भू माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा मुक्त करवाने पर तहसीलदार को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। 

ग्राम पंचायत झाझरा की भूमि पर अवैध रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर किए गए अतिक्रमण की शिकायत पर जांच के निर्देश दिए गए। कारगी ग्रंाट में ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत पर अपर नगर आयुक्त को त्वरित कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए। लोनिवि द्वारा दारागाड-कथियान मोटर मार्ग पर अनियमितता के साथ अवैध अतिक्रमण की शिकायत पर एसडीएम चकराता व अधिशासी अभियंता को संयुक्त जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। सुन्दरवाला निवासी ओमकार शर्मा ने 33 केबी विद्युत पोल एवं तारें भवन के ऊपर से हटवाने का अनुरोध पर अधिशासी अभियंता को नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया।


पुनीत अग्रवाल ने घर से चोरी हुए आभूषण एवं नकदी की बरामदगी कराए जाने पर सीओ पुलिस को प्रकरण की स्वयं समीक्षा करते हुए तत्काल आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। मौ0 इकबाल, शाहिद, फहीम, फुरकाना, खुर्शीद अहमद, अगस्त में अतिवृष्टि व बाढ़ से घर क्षतिग्रस्त एवं बाथरूम टूट जाने आर्थिक अनुदान सहायता की गुहार लगाई।

 

इस दौरान पीडित लोगों ने भूमि का सीमांकन, रजिस्ट्री, अवैध कब्जा हटवाने से जुड़ी तमाम शिकायतें और समस्याएं जिलाधिकारी के समक्ष रखी। 

जनता दरबार में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम हरिगिरी, एसडीएम विनोद कुमार, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।                

         



जनपद पौड़ी में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में शासन स्तरीय अधिकारियों का दल पहुंचा पौड़ी*

*मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के हर सम्भव प्रयास जारी: प्रमुख वन सचिव*

*गुलदार के हमले के बाद उच्चाधिकारियों का दौरा, प्रभावित परिवार को राहत और क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई*

*प्रमुख सचिव ने की गजल्ड घटना को लेकर जिला प्रशासन द्वारा की गयी त्वरित कार्यवाही और ग्रामीणों के सहयोग की सराहना*

पौड़ी:



जनपद में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उच्चाधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण तथा आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। इन्हीं निर्देशों के क्रम में प्रमुख वन सचिव आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक तथा आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तहसील पौड़ी के गजल्ड गांव का दौरा किया और गुलदार के हमले में मृत राजेन्द्र नौटियाल के परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की। प्रमुख वन सचिव ने प्रभावित परिवार को सांत्वना दी और मुआवजे की अग्रिम राशि का चेक भेंट किया। 


प्रमुख सचिव वन ने गजल्ड घटना को लेकर जिला प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही और ग्रामीणों के सहयोग की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान सरकारी तंत्र और जनसहभागिता के संयुक्त तंत्र और आपसी सहयोग में निहित है। 


उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण कर आदमखोर गुलदार के निस्तारण के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने के उपरांत सत्यखाल गांव में स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर उनकी वन्यजीव संबंधी शिकायतें सुनीं और उन्हें शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया।


दौरे के बाद प्रभावित क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने विकास भवन में प्रमुख वन सचिव से भेंट कर मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रभावी न्यूनीकरण हेतु अपने सुझाव प्रस्तुत किये। इनमें क्षेत्र से परिचित स्थानीय निवासियों को निस्तारण दल में शामिल करने, तेंदुए को न्यूट्रलाइज करने हेतु दो निजी शूटरों की अनुमति देने तथा प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो संदेशों के माध्यम से जनजागरुकता प्रसारित करने की मांगें शामिल थीं। प्रमुख वन सचिव ने इन बिंदुओं पर तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये और मौके पर ही सभी महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान सुनिश्चित किया।


इसके उपरांत उन्होंने विकास भवन सभागार में मानव वन्यजीव संघर्ष पर सभी प्रमुख विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में प्रमुख सचिव वन ने निर्देश दिए कि मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण हेतु प्रत्येक रेंज स्तर पर नियमित रूप से प्रभागीय दिवस आयोजित किया जायेगा। उन्होंने विभाग को निर्देशित किया कि ‘क्या करें-क्या न करें’ आधारित जनजागरुकता सामग्री तैयार कर शीघ्र वितरित की जाय तथा रेंज एवं वन पंचायत स्तर पर व्हाट्सएप समूहों के साथ-साथ प्रभागीय स्तर पर विभागीय सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग वन्यजीव गतिविधियों से संबंधित सूचनाओं के प्रसार के लिए किया जाये। उन्होंने प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने के निर्देश भी दिये।


जनपद क्षेत्र में झाड़ी कटान अभियान को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए प्रमुख वन सचिव ने लोक निर्माण विभाग, जिला पंचायत और नगर पालिका को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने आश्वस्त किया कि यदि इस कार्य हेतु अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी, तो उसे शासन स्तर से उपलब्ध कराया जायेगा। 


आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष एक संवेदनशील विषय है, जिसमें त्वरित कार्रवाई के साथ-साथ समुदाय का सतत सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन, वन विभाग और स्थानीय जनसमुदाय मिलकर कार्य करें तो इस चुनौती को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हमारी प्राथमिकता यही है कि जनजीवन सुरक्षित रहे और हर परिवार को समय पर आवश्यक सहायता एवं संरक्षण मिले।


जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने स्पष्ट किया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में पशुपालकों के लिए नियमित चारा व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पशुपालन विभाग को भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही प्रभावित तथा संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालय तथा आंगनबाडियों में समय परिवर्तन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग के साथ मिलकर जागरुकता प्रसार, झाड़ी कटान तथा गुलदार संकट हेतु अन्य न्यूनीकरण उपाय लिए जा रहे हैं।


बैठक एवं क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) रंजन कुमार मिश्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य वन संरक्षक धीरज पांडे, वन संरक्षक  आकाश वर्मा, डीएफओ गढ़वाल अभिमन्यु सिंह, डीएफओ लैंसडौन जीवन मोहन दगाड़े, डीएफओ कालागढ़ तरुण एस, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीक्षिता जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 


-भारत के युवा नवाचारकर्ताओं ने प्रौद्योगिकी आधारित राष्ट्र-निर्माण के सप्ताह की शुरुआत की


-आईआईटी रुड़की, शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल (MIC) एवं AICTE द्वारा नामित नोडल केन्द्र


-अति-विपरीत मौसम निगरानी, सैटेलाइट-संपृक्त संचार, फसल परिपक्वता पूर्वानुमान, कम लागत वाली कपास-तोड़ तकनीक, तथा उन्नत जूट रेटिंग समाधान

रुड़की:



भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने रीथिंक! द टिंकरिंग लैब में स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (एस.आई.एच.) 2025 – हार्डवेयर संस्करण के ग्रैंड फिनाले का शुभारम्भ किया, जिसमें देशभर के 150 छात्र और 36 संकाय मार्गदर्शक एकत्र हुए। शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल (एम.आई.सी.) तथा ए.आई.सी.टी.ई. के अंतर्गत नामित नोडल केन्द्र के रूप में आईआईटी रुड़की देश के भावी हार्डवेयर नवोन्मेषकों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


कार्यक्रम का शुभारम्भ विशिष्ट अतिथियों, संकाय समन्वयकों तथा प्रतिभागी टीमों की उपस्थिति में हुआ। इसके उपरान्त एस.आई.एच. 2025 के केन्द्रीय शुभारम्भ से वर्चुअल रूप से जोड़ा गया। समारोह में प्रो. वरुण शर्मा (एस.पी.ओ.सी., एस.आई.एच. 2025) का स्वागत भाषण तथा शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल के नोडल केन्द्र प्रतिनिधियों के उद्गार शामिल थे।


कार्यक्रम में ए.आई.सी.टी.ई. के नोडल केन्द्रों के प्रमुख श्रीकांत संगलुडकर तथा विकास वर्मा की उपस्थिति ने भी गरिमा प्रदान की। इसके उपरांत केन्द्रीय शुभारम्भ ऑनलाइन सम्पन्न हुआ, जिसमें ए.आई.सी.टी.ई. के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने देशभर के 60 नोडल केन्द्रों को एक साथ संबोधित किया।


इस वर्ष आईआईटी रुड़की में आयोजित हार्डवेयर संस्करण में 25 टीमें पाँच महत्त्वपूर्ण समस्या-वक्तव्यों पर कार्य कर रही हैं, जो गृह मंत्रालय (एम.एच.ए.) तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एम.ओ.ए. एवं एफ.डब्ल्यू.) द्वारा प्रदान किए गए हैं। इनमें अति-विपरीत मौसम निगरानी, उपग्रह-संपृक्त हैण्डहेल्ड रेडियो, फसल परिपक्वता पूर्वानुमान उपकरण, कम लागत वाली कपास-तोड़ मशीन तथा जूट रेटिंग प्रक्रिया में सुधार हेतु यंत्र सम्मिलित हैं—जो आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत@2047, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया तथा कृषि 4.0 जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों में प्रत्यक्ष योगदान देते हैं।


उद्घाटन सत्र में बोलते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पन्त ने कहा,

“स्मार्ट इंडिया हैकथॉन भारत की प्रौद्योगिकी-संचालित समस्या समाधान के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आईआईटी रुड़की को गर्व है कि वह ऐसे नवाचारकर्ताओं की मेज़बानी कर रहा है, जो सुरक्षा, कृषि तथा ग्रामीण आजीविका जैसे राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को सीधे सशक्त करने वाले हार्डवेयर समाधान विकसित कर रहे हैं। यह हैकाथॉन आत्मनिर्भर भारत की उस भावना को दर्शाता है—भारत से उभरने वाले विचार, भारत के लिए।”


नवाचार के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता रेखांकित करते हुए प्रो. वरुण शर्मा (एस.पी.ओ.सी., एस.आई.एच. 2025) तथा टिंकरिंग लैब के संकाय समन्वयक ने कहा,

“एस.आई.एच. विद्यार्थियों को चुनौतियों को व्यवहार्य, वास्तविक दुनिया के समाधान में बदलने का अनूठा परिवेश प्रदान करता है। आईआईटी रुड़की इस राष्ट्रीय मिशन का समर्थन करने और शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल के साथ मिलकर देश के लिए सुदृढ़ नवाचार पाइपलाइन विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध है।”


सप्ताहभर चलने वाले इस हैकथॉन के दौरान टीमें आईआईटी रुड़की की टिंकरिंग लैब की पारिस्थितिकी में गहन रूप से कार्य करेंगी। उन्हें मैकेनिकल एवं इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, भौतिकी, ई.सी.ई., डिज़ाइन तथा टिंकरिंग लैब के तकनीकी विशेषज्ञों सहित विभिन्न विभागों के सदस्य-न्यायाधीशों एवं विशेषज्ञ मार्गदर्शकों का सहयोग प्राप्त होगा।


ग्रैंड फिनाले के दौरान विकसित किए गए समाधान भारत के दीर्घकालीन नवाचार लक्ष्यों—प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता, युवा सशक्तिकरण, कृषि आधुनिकीकरण तथा अगली पीढ़ी के हार्डवेयर नवाचार—में उल्लेखनीय योगदान देंगे।


आईआईटी रुड़की सभी प्रतिभागी टीमों को शुभकामनाएँ देता है और राष्ट्रीय विकास हेतु नवाचार को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता पुनः व्यक्त करता है।


देहरादून:


 नियमों से खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई* 


*एमडीडीए का लक्ष्य है- एक स्वच्छ, संगठित और पारदर्शी शहरी विकास मॉडल तैयार करना, जिसमें जनता की सुरक्षा और हित सबसे ऊपर हों- बंशीधर तिवारी*



मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई को और तेज कर दिया है। नियोजित एवं सुरक्षित शहरी विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एमडीडीए की टीम ने विकासनगर, सहसपुर, सेलाकुई, होरोवाला रोड सहित विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की। प्राधिकरण का स्पष्ट संदेश है कि नियमों से खिलवाड़ करने वालों के लिए किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। अवैध कॉलोनाइज़रों के खिलाफ यह अभियान शहरी विकास को अनुशासित और पारदर्शी दिशा देने की कड़ी में महत्वपूर्ण कदम है।


मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण की अवैध लॉटिंग पर सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। विकासनगर, सहसपुर, सेलाकुई, होरोवाला रोड सहित विभिन्न क्षेत्रों में आज व्यापक अभियान चलाते हुए सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। जिशान खान द्वारा होरोवाला रोड, देहरादून में लगभग 40-45 बीघा में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया। इसी प्रकार परमजीत रिखोल द्वारा खैरी गांव, मुर्गी निगम रोड, सेलाकुई में लगभग 05 बीघा क्षेत्र में की गई अवैध प्लॉटिंग पर भी कार्रवाई की गई। राहुल धनोला एवं अन्य द्वारा ग्राम शंकरपुर, नवोदय विद्यालय निकट, कैचीवाला रोड, सहसपुर में लगभग 22 बीघा में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को भी ध्वस्त किया गया। उक्त कार्यवाही में अवर अभियन्ता शिद्धार्थ सेमवाल, अमन पाल, सुपरवाइज़र एवं पुलिस बल मौजूद रहा।


*उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी का बयान*

एमडीडीए का मूल उद्देश्य सुव्यवस्थित, सुरक्षित और योजनाबद्ध शहरी विकास को लागू करना है। इसी भावना के तहत प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माणों और अवैध प्लॉटिंग के विरुद्ध शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई गई है। हमने बीते कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर ऐसी गतिविधियों पर निर्णायक कार्रवाई की है। अवैध कॉलोनाइज़रों द्वारा बिना मानचित्र स्वीकृति, बिना बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था किए प्लॉटिंग करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि भविष्य में नागरिकों के लिए गंभीर जोखिम भी पैदा करता है। एमडीडीए की ओर से साफ निर्देश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नियमों से खिलवाड़ करेगी, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम जनता से भी अपील करते हैं कि किसी भी भूखंड या प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी विधिक स्थिति अवश्य जांच लें और एमडीडीए की स्वीकृत कॉलोनियों में ही निवेश करें। हमारा लक्ष्य है-एक स्वच्छ, संगठित और पारदर्शी शहरी विकास मॉडल तैयार करना, जिसमें जनता की सुरक्षा और हित सबसे ऊपर हों।


*सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया का बयान* 

प्राधिकरण अवैध निर्माणों पर लगातार निगरानी रख रहा है और जहां भी अवैध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है, तत्काल कार्रवाई की जाती है। विकास क्षेत्रों की भौतिक रूप से जांच की जा रही है ताकि किसी भी स्तर पर अवैध प्लॉटिंग या निर्माण पनप न सके। नागरिकों एवं निवेशकों से अनुरोध है कि मानचित्र स्वीकृति एवं विधिक प्रक्रिया की पुष्टि कर ही भूमि खरीदें। एमडीडीए का प्रयास है कि विकास कार्य नियमों के अनुरूप और पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ें।



 सूत्रों के अनुसार गोवा के अरपोरा क्षेत्र में हुए गंभीर नाइटक्लब अग्निकांड को लेकर प्राप्त मीडिया रिपोर्टों एवं स्थानीय स्तर की सूचनाओं के अनुसार, इस घटना में उत्तराखंड के 5 युवकों  की मृत्यु हो गयी है।

 कल मुख्यमंत्री ने संभावित रूप से  कुछ उत्तराखंड वासियों के प्रभावित होने की आशंका  के चलते फोन पर ही  जानकारी ली थी। इस विषय मे उन्होंने गोवा सरकार से भी बात की थी। ताकि संबंधित  लोगों के परिजनों से संपर्क किया जा सके।

 कल ही मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड सरकार के सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया था कि वे घटना पर लगातार नजर रखें और यदि राज्य के किसी नागरिक के प्रभावित होने की पुष्टि होती है तो परिजनों को हर आवश्यक सहायता—चिकित्सा, कानूनी, परामर्श अथवा अन्य किसी भी प्रकार की—तत्परता से प्रदान की जाए। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ पूर्ण संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है।

गोवा के नाइट क्लब में शनिवार को आग लगने से 25 लोगो की मौत की खबर, जिसमे उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के रहने वाले 27 साल के सतीश राणा भी शामिल

satish rana died in goa nightclub


टिहरी

 रिपोर्ट मनीष नेगी 



गोवा के नाइट क्लब में शनिवार  रात को आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई, इन 25 लोगों में पांच उत्तराखंड के भी थे।

 जिनके घर इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के रहने वाले 27 साल के सतीश राणा भी गोवा में कुछ सपने लेकर गए थे, लेकिन इस अग्निकांड ने उनकी भी जान ले ली. सतीश राणा घर में अकेले कमाने वाले थे।


सतीश राणा की मौत की खबर से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. गोवा के जिस नाइट क्लब में आग लगी थी, *सतीश राणा वहां पर बीते कई सालों से काम कर रहे थे, सतीश राणा मूल रूप से टिहरी गढ़वाल जिले के चाह गाडोलिया गांव के रहने वाले थे।

सतीश राणा के ऊपर अपने माता-पिता के साथ-साथ छोटे भाई की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी थी, 27 साल की उम्र में ही सतीश राणा ने अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी को उठा रखी थी।

 सतीश राणा की दो बहनें भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. परिजन अब सतीश राणा की शादी कराने का विचार कर रहे थे. लेकिन सतीश राणा का सपना अपने छोटे भाई को पढ़ा लिखाकर कामयाब बनाने का था. सतीश राणा की मौत ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि गांव वालों को भी गहरा सदमा दिया है।


बताया जा रहा है कि गोवा नाइट क्लब अग्निकांड में सतीश राणा बुरी तरह से झुलस गए थे. जिन्हे गंभीर अवस्था में उन्हें गोवा के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां पर उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई, सतीश का परिवार गांव में ही छोटी-मोटी खेती बाड़ी करते है।


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