Halloween party ideas 2015

            

 सेलाकुई  :



  रविवार को  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर सेलाकुई में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि में हरित संगम कार्यक्रम  की गोष्टी का आयोजन हुआ |


 जिसमे  पर्यावरण को कैसे बचाया जा सकता है | कही  महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चाएं हुयी | जिसमे  चंदन, प्रांत पर्यावरण संयोजक मुख्य वक्ता  रहे | इसमे कार्यक्रम का सचलान बलवन्त ,पर्यावरण  मित्र ने किया | इस मौके पर जयकृत, पियूष , योगेश सेमवाल, ज्ञान  सिंह राणा , रविंद्र रमोला, अनिल नौटियाल, सभी नगर कार्यकारिणी मौजूद रही,

  

     महाकुम्भ में स्नानार्थियों की संख्या का आंकडा देश की आधी जनसंख्या के करीब पहुंचता जा रहा है। 

.अभी तक 50 करोड से अधिक श्रध्दालुओं ने प्रयागराज के संगम तट पर डुबकी लगाकर सनातन के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है। 



मेला के प्रशासनिक तंत्र ने व्यवस्था के नाम पर आगन्तुकों को आम, खास और अतिखास के वर्गीकरण में रखा है। इस विभाजनकारी व्यवस्था में तपस्या, साधना और धार्मिक मापदण्ड नहीं बल्कि प्रभाव, दबाव और दबदबे का प्रतिशत आंका जा रहा है।


 राजतंत्र से जुडी कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के अलावा प्रभावपालिका का भी वर्चस्व स्पष्ट रूप से ठहाके लगा रहा है।

 सरकारी वाहनों के साथ-साथ पदनाम लिखी निजी गाडियों का उपयोग स्वजनों तथा परिजनों को कुम्भ स्नान स्थल तक पहुंचाने हेतु खुलकर हो रहा है। 


सरकारी अधिकारी, भाई-भाई का नारा बिना शोर के ही लग रहा है। जहां आम श्रध्दालु मीलों पैदल चलकर संगम तट पर पहुंच रहे हैं वहीं अनाधिकृत लोगों को ढोने में लगे वाहनों पर अवैध ढंग से पदनाम की प्लेट लगाकर वीआईपी घाट तक सायरन बजाती गाडियां आस्था पर भी सांसारिक की चोट करने में जुटी हैं। इन अनियमितताओं की शिकायतों के मायने समाप्त हो चुके हैं। 


अनेक उत्तरदायी अधिकारी स्वयं अपने स्वजनों की व्यवस्था करने में पद का विधि विरुध्द उपयोग कर रहे हैं। यही हाल ट्रेनों में भी है जहां आरक्षण करवाने के बाद भी यात्रियों को अपनी सीट प्राप्त करना असम्भव हो रहा है। शयनयान के साथ-साथ वातानुकूलित डिब्बों में भी भीड का कब्जा देखने को मिल रहा है। रेल विभाग व्दारा केवल प्रथम श्रेणी के वातानुकूलित डिब्बे को ही सुरक्षा प्रदान की जा रही है। महाकुम्भ क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन की घोषणा निर्मूल साबित हो रही है। सरकारी वाहनों में बैठे अनाधिकृत लोगों को सुरक्षाकर्मी स्वयं घाट तक पहुंचा रहे है। कथित वीआईपी बनकर पुण्य लूटने की मंशा लेकर आने वालों की संख्या में निरंतर बढोत्तरी दर्ज हो रही है। ऐसा ही नजारा सरकारी अधिकारियों के लिए नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराये गये अतिआधुनिक सुविधायुक्त कार्टे•ा परिसर में भी देखने को मिल रहा है। साधना से मोक्ष की कामना के सिध्दान्त तंत्र ने बदलकर अब प्रभाव से पुण्य लूटने की होड की व्यवहारिक मान्यता स्थापित कर दी है। यूं तो स्वाधीनता के बाद ही सनातन को विकृत करने हेतु अनेक प्राविधानों को संविधान में रख दिया गया था। मंदिरों, तीर्थों, साधना स्थलियों, जागृत शक्ति क्षेत्रों आदि में दान की राशि के आधार पर विशेष दर्शन, विशेष, पूजा प्रसाद आदि की सुविधाओं को कानून बनाकर लागू कर दिया था। हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर स्वेच्छा दान, सुविधा दान, विशेष दान और अब साइबर दान से प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग स्थान के विकास के अलावा भी सरकारी तंत्र व्दारा किया जा रहा है। अनेक सनातनी शक्ति स्थलों पर बनाये गये न्यासों पर गैर सनातनी लोगों की तैनाती भी की जाती रही है। मर्यादाओं को तार-तार करने वाले अनेक कृत्य समय-समय पर सामने आते रहे हैं, जिन्हें लालफीताशाही के दबंग अधिकारियों व्दारा बेशर्मी से दबाया जाता रहा है।  ऐसे ही कारकों का बाहुल्य अब महाकुम्भ में भी देखने को मिल रहा हैं। मौनी अमावस्या के हादसे के बाद भी वीआईपी और वीवीआईपी कल्चर पर किसी प्रकार की रोक नहीं लग रही है। वीआईपी घाट की छोटी-बडी नावों पर अधिकारियों, नेताओं, दबंगों, पहुंचवालों तथा पैसेवालों की पकड बनी हुई है। वहां के निर्धारित नियम तो कब के हवा हो चुके हैं। आम आगन्तुकों हेतु मेला प्राधिकरण ने प्रति व्यक्ति नाव का किराया 150 रुपये निर्धारित किया है जबकि उससे कई गुना ज्यादा की वसूली खुलेआम हो रही है। अरैल घाट पर तो वहां मौजूद अधिकारियों के सामने ही नाविकों व्दारा की जा रही मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। श्रध्दालुओं के समर्पण पर मनमानियों का कुठाराघात रोके बिना सनातन का श्रंगार सम्भव नहीं है। सर्वे भवन्तु सुखिन: का वेद वाक्य अपनी किस्तों में हो रही मौत से व्यथित है। स्व: से लेकर स्वजनों तक सीमित होती ज्यादातर अधिकारियों की मानसिकता नेे व्यवस्था को विकृत कर दिया है। लोगों का मानना है कि इस नागफनी बन चुकी विकृति को उखाडने के लिए कट्टरता, सामूहिकता और आक्रामकता जैसे हथियारों की महती आवश्यकता होती जा रही है। अहिंसा परमोधर्म: का उपदेश केवल सनातन को स्वीकार करने वालों पर ही लागू किया गया है जबकि गैर सनातनियों ने अपने धर्म की आड में दिये गये उपदेशों की विस्तारवादी व्याख्यायें करके विपरीत सिध्दान्त गढ लिये हैं। वहां पर संविधान की न्यायिक व्यवस्थायें मौन हो जातीं है। आश्चर्य तो तब होता है जब सनातनी चिन्हों को शरीर पर धारण करने वाले अनेक खद्दरधारी ही सनातनी व्यवस्था के वैदिक स्वरूप पर ही प्रश्नचिन्ह अंकित करने लगते हैं। राजनेताओं का एक बडा गिरोह स्वाधीनता के बाद से ही चंदल लगाकर संदल की चिता पर सनातन को बैठाने हेतु बेचैन है। यह केवल धार्मिक जगत के संदर्भ में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीयता के परिपेक्ष में भी देखने को मिलता रहा है। अतीत गवाह है कि अनेक अवसरों पर राष्ट्रदोहियों को कवच देने के लिए राजनीति जगत के अनेक माफिया खुलकर सामने ही नहीं आये बल्कि आन्दोलन के नाम पर अपने खास सिपाहसालारों से रक्तरंजित कृत्य भी करवाये। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि सनातन को मुद्दा बनाकर उसके पक्ष-विपक्ष में चिल्लाने वाले केवल और केवल स्वयं का प्रचार करके निजी लाभ कमाने में जुटे हैं। जब तक वास्तविकता के नजदीक पहुंचकर सत्य के दिग्दर्शन के प्रयास नहीं होंगे तब तक चन्द चालबाजों की चालों से आम आवाम की सुकोमल भावनायें आहत होतीं रहेंगी, शोषण को सफलता मिलती रहेगी और होता रहेगा धर्म के नाम पर अधर्म का तांडव। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।



Dr. Ravindra Arjariya

Accredited Journalist

for cont. - 

dr.ravindra.arjariya@gmail.com


 *मुख्यमंत्री धामी ने संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान एवं छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम में 261 संस्कृत  विद्यार्थियों को किया सम्मानित*


*सरकार संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का कर रही है कार्य- मुख्यमंत्री*

CM honored 261 sanskrit students


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा से जुड़े हुए 261 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।


उन्होंने संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान में 2024- 25 हेतु 10 वीं और 12 वीं के  कुल 24 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः रु 5100,  रु 4100 और रु 3100 रुपए की धनराशि दी गई।


डॉ भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति- जनजाति संस्कृत छात्रवृत्ति योजना 2024 - 25 हेतु कुल 148 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

इसी प्रकार से मुख्यमंत्री ने गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना 2024- 25 के अंतर्गत कुल 89 छात्राओं को सम्मानित किया।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा के छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। कहा कि उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से संस्कृत विद्यालयों में अध्यनरत बालिकाओं के प्रोत्साहन हेतु प्रथम बार *गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना* का शुभारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत संस्कृत विद्यालय में अध्यनरत सभी वर्गों की बालिकाओं को 3012 रुपए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। 

*डॉ भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रवृत्ति योजना* के अंतर्गत 3012 रु वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।


संस्कृत शिक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने के लिए *संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान योजना* संचालित की जा रही है। जिसके तहत हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में संस्कृत शिक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले तीन-तीन विद्यार्थियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 5100, 4100 और 3100 रुपए की धनराशि प्रदान की जा रही है।  कहा कि प्रदेश के 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार के माध्यम से सरकार प्रतिवर्ष अखिल भारतीय शोध सम्मेलन, अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन, अखिल भारतीय वेद सम्मेलन, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, संस्कृत शिक्षा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशाला, संस्कृत छात्र प्रतियोगिता आदि विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर देव भाषा संस्कृत के प्रचार - प्रसार हेतु निरंतर प्रयत्नशील है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपनी प्राचीन मौलिक विरासत और संस्कृति के उत्थान के तौर से गुजर रहा है। भारत के प्राचीन वैभव और गौरव को प्रदर्शित करने वाली पहचान और प्रतीकों का संरक्षण और संवर्धन हो रहा है। उत्तराखंड भी हर दिशा में नवाचार के दौर से गुजर रहा है। उत्तराखंड में स्थानीय स्तर पर लिए जाने वाले निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर भी मार्गदर्शन का कार्य कर रहे हैं। विकास के नित नए आयाम स्थापित किया जा रहे हैं। कहा कि उत्तराखंड के प्रवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं  कि उनके पूर्वजों की देवभूमि तेजी से उन्नति के दौर से गुजर रही है। 


कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सरिता कपूर, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज आदि उपस्थित थे।

देहरादून;

In national game  health department  done 24 hrs work



*राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में स्वास्थ्य विभाग का अहम योगदान, खिलाड़ियों के लिए 24 घंटे डटा रहा स्वास्थ्य विभाग, सचिव स्वास्थ्य ने डा. आर राजेश कुमार ने की मेडिकल टीम की सराहना*


देहरादून। 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने भी चाक-चौबंद प्रबंध किये थे। खिलाड़ियों के उपचार और उन्हें सुविधाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी की थी। स्वास्थ्य विभाग की टीमें सभी खेल स्टेडियमों और निकटस्थ स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात रही। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए चाक चौंबद व्यवस्थायें की गई थी। “38वें राष्ट्रीय खेल हमारे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवमयी क्षण थे। खिलाड़ियों और मेहमानों को उच्चतम स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हमारी प्रमुख प्राथमिकता थी, और हम इसे हर स्तर पर सुनिश्चित करने में सफल रहे। हमारी टीम ने खिलाड़ियों और मेहमानों की हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल रखा गया।” 


स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही थी। उन्होंने कहा देहरादून, टिहरी, नैनीताल, हरिद्वार, उधमसिंहनगर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, पौड़ी, और चंपावत जनपदों में हुई खेल प्रतियोगिताओं के दौरान खिलाड़ियों को जरूरत पड़ने पर तुरंत उपचार मुहैया कराया गया। उन्होंने कहा अधिकांश मामले मसल्स पेन, मोच, खेल के दौरान हल्की चोट लगना, डिहाईड्रेशन, बुखार व बदन दर्द के थे। 


स्वास्थ्य सचिव ने बताया स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमें 9 जनपदों के 11 इंवेंट स्थलों में चौकस रही। मेडिकल टीम किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार के अनुसार मेडिकल टीमें स्वास्थ्य केंद्र और स्टेडियम में 24 घंटे तैनात रही। उन्होंने खेलों के दौरान बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सभी डाक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और अन्य सहयोगियों की सराहना की। उन्होंने कहा 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए 141 टीमों का गठन किया गया था, जिनमें राज्य स्तर पर नोडल अधिकारियों और जिला स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों को तैनात किया गया था। राज्य नोडल अधिकारी, उप नोडल अधिकारी, सह नोडल अधिकारी और जिला नोडल अधिकारी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित प्रबंधन किया गया। खिलाड़ियों की चिकित्सा देखभाल के लिए महाराणा प्रताप स्टेडियम, रायपुर और धन्वंतरि ब्लॉक, देहरादून में 10 बैडेड अस्पताल संचालित किए गए थे, वहीं आईजीआईसीएस स्टेडियम, गोला पार हल्द्वानी में दो बैडेड अस्पतालों का संचालन हुआ। 


स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इस आयोजन में 150 डॉक्टर, 300 नर्सिंग स्टॉफ, 25 फिजियोथेरेपिस्ट, 30 फार्मासिस्ट और 50 वार्ड ब्वॉय तैनात थे। साथ ही 115 एंबुलेंस राष्ट्रीय खेलों के दौरान तैनात की गई थी, जो विभागीय और 108 सेवा के तहत संचालित थीं। इसके अलावा, 05 बैड एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा विभाग में रिजर्व रखे गए थे, और हैली एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी। साथ ही 50 चिकित्साधिकारियों को एम्स ऋषिकेश में कैपिसिटी बिल्डिंग प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

आज का राशिफल

*दिनांक:- 16/02/2025, रविवार*

चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,

फाल्गुन

Rashifal today 16 feb 2025


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय रात्रि 21:35


*सर्वार्थ, अमृत सिद्धि योग 28:30तक 



*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


अभ्यासाध्दार्यते विद्या कुलं शीलेन धार्यते ।

गुणेन ज्ञायते त्वार्यः कोपो नेत्रेण गम्यते ।।

।। चा o नी o।।


जो वैदिक ज्ञान की निंदा करते है, शास्र्त सम्मत जीवनशैली की मजाक उड़ाते है, शांतीपूर्ण स्वभाव के लोगो की मजाक उड़ाते है, बिना किसी आवश्यकता के दुःख को प्राप्त होते है.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: गुणत्रयविभागयोग :- अo-14


सर्वद्वारेषु देहेऽस्मिन्प्रकाश उपजायते ।,

ज्ञानं यदा तदा विद्याद्विवृद्धं सत्त्वमित्युत ॥,


जिस समय इस देह में तथा अन्तःकरण और इन्द्रियों में चेतनता और विवेक शक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिए कि सत्त्वगुण बढ़ा है॥,11॥,


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

राजमान प्राप्त होगा। नए अनुबंध होंगे। नई योजना बनेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। कार्य में व्यय की अधिकता रहेगी। दांपत्य जीवन में भावनात्मक समस्याएँ रह सकती हैं। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें।


🐂वृष

धनार्जन होगा। संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। परिवार के सहयोग से दिन उत्साहपूर्ण व्यतीत होगा। योजनानुसार कार्य करने से लाभ की संभावना है। आर्थिक सुदृढ़ता रहेगी। बेचैनी रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।


👫मिथुन

व्यापार-व्यवसाय सामान्य रहेगा। दूरदर्शिता एवं बुद्धि चातुर्य से कठिनाइयां दूर होंगी। राज्य तथा व्यवसाय में सफलता मिलने के योग हैं। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। पुराना रोग उभर सकता है। चोट व दुर्घटना से बचें। वस्तुएं संभालकर रखें। बाकी सामान्य रहेगा।


🦀कर्क

पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। कुछ मानसिक अंतर्द्वंद्व पैदा होंगे। पारिवारिक उलझनों के कारण मानसिक कष्ट रहेगा। धैर्य एवं संयम रखकर काम करना होगा। यात्रा आज न करें।


🐅सिंह

व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कानूनी मामले सुधरेंगे। धन का प्रबंध करने में कठिनाई आ सकती है। आहार की अनियमितता से बचें। व्यापार, नौकरी में उन्नति होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रखें।


🙍‍♀️कन्या

रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। व्यावसायिक समस्या का हल निकलेगा। नई योजना में लाभ की संभावना है। घर में मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। जीवनसाथी से संबंध घनिष्ठ होंगे।


⚖️तुला

ऐश्वर्य पर व्यय होगा। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। राजकीय कार्य में परिवर्तन के योग बनेंगे। आलस्य का परित्याग करें। आपके कामों की लोग प्रशंसा करेंगे। व्यापार लाभप्रद रहेगा। नई कार्ययोजना के योग प्रबल हैं।


🦂वृश्चिक

यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के योग हैं। वाणी पर संयम आवश्यक है। जीवनसाथी से मदद मिलेगी। सामाजिक यश-सम्मान बढ़ेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।


🏹धनु

भागदौड़ रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधूरे कामों में गति आएगी। व्यावसायिक गोपनीयता भंग न करें। गीत-संगीत में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। पुराना रोग उभर सकता है। शोक समाचार मिल सकता है।


🐊मकर

पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पारिवारिक उन्नति होगी। सुखद यात्रा के योग बनेंगे। स्वविवेक से कार्य करना लाभप्रद रहेगा।


🍯कुंभ

पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।


🐟मीन

भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। लाभ होगा। मान-प्रतिष्ठा में कमी आएगी। कामकाज में बाधाएँ आ सकती हैं। कर्मचारियों पर व्यर्थ संदेह न करें। आर्थिक तंगी रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य कमजोर होगा।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*

  


प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा है कि, स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की रीडिंग या बिलिंग संबंधित शिकायतों में अप्रत्याशित तरीके से कमी आएगी। साथ ही वर्तमान में स्मार्ट मीटर बिना शुल्क के बदले जाएंगे.

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शनिवार को मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि स्मार्ट मीटर अत्याधुनिक बिजली मीटर है जिसका कन्ट्रोल उपभोक्ता के हाथ में रहता है। इससे आपको पल पल बिजली उपयोग की जानकारी, सभी जरूरी सूचनाएं, बिजली उपयोग की तुलना, भुगतान के कई विकल्प मिल जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो भारत सरकार के सहयोग से भी सभी राज्यों में चलाया जा रहा है। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि अभी यूपीसीएल के उपभोक्ता शिकायत निवारण केंद्र के साथ ही सीएम हेल्पलाइन और विभागीय शिविरों में सबसे अधिक शिकायतों बिलिंग और रीडिंग को लेकर आती हैं। अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद 

मीटर रीडिंग में मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा, इससे बिलिंग सम्बन्धी शिकायतों में अप्रत्याशित कमी आएगी। उपभोक्ता को खपत का विवरण मोबाइल एप पर उपलब्ध, होगा जिससे वो अपनी बिजली खपत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे। साथ ही 

विद्युत फाल्ट व सप्लाई बाधित होने की सूचना भी तुरंत विभाग तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि रूफ टॉप सोलर लगाने पर यही मीटर नेट मीटर की तरह कार्य करेगा।


मीटर बदलने पर कोई शुल्क नहीं 

प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि पुराने मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलने पर कोई इंस्टॉलेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।

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 वर्तमान में भारत सरकार के निर्देश पर पोस्ट पेड मीटर ही लगाए जा रहे हैं। फिर भी कोई उपभोक्ता स्वैच्छा से प्री पेड मीटर की सेवाएं लेना चाहता हैं तो उन्हें घरेलू कनेक्शन पर वर्तमान में लागू विद्युत दरों पर 4 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को 3 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 


उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग मंत्रिगणों, विधायकों और अधिकारियों के आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान शुरु करेगा। घर बैठे मीटर को मोबाइल ऍप या ऑनलाइन रिचार्ज करने पर बिजली बिल पर लगने वाले ब्याज या लेट फीस से छुटकारा। 

.प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कहा कि छुट्टियों के दिनों में या रात में बैलेंस खत्म होने के बाद भी बिना रूकावट बिजली की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होने बताया कि योजना के तहत जून 2026 तक 15.88 लाख उपभोक्ताओं सहित 59212 ट्रासंफार्मर और 2602 फीडर के मीटर बदले जाने हैं।

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 निर्धन, असहाय, बालिकाऐं ही हमारे वास्तविक जीवन की ‘नंदा सुनंदा’ देवीः डीएम

देहरादून;

Nanda sunanda scheme  for girls ,DM Dehradun




जिलाधिकारी सविन बंसल ने गरीब अनाथ, असहाय बालिकाओं स्नातक, स्नात्तकोत्तर एवं कौशल शिक्षा की जिम्मेदारी उठाते बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके लिए डीएम ने बालिकाओं की शैक्षणिक भविष्य संवारने के लिए जनपद में प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ शुरू किया है, जिसमें बालिकाओं के चयन के लिए multimultidisciplinary ( बहु विषयक ) समिति बनाई है, जिससे चयन निष्पक्ष, पारदर्शी एवं वास्तविक हो। 

जनपद में प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ का आज जिलाधिकारी सविन बंसल एवं मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने 07 बालिकाओं को संयुक्त रूप से रू0 244731 का चैक वितरण कर योजना का विधिवत शुभारंभ किया। अनाथ रोशनीं, असहाय एवं गरीब बेटियों रोनक, शशांक, मीना, आकांश, मानसी साहू एवं विधि  को “नन्दा सुनंदा प्रोजेक्ट“ और “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ“ योजना के तहत, जिला प्रशासन द्वारा वित्तीय सहायता दी गई। इन बालिकाओं का चयन उनकी विषम परिस्थितियों को देखते हुए किया गया है, ताकि वे उच्च शिक्षा/कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म निर्भर बन सकें। जिनमें अनाथ रोशनी को श्री गुरू राम राय विश्वविद्यालय, देहरादून से बी.एससी (योगिक साइंस) कोर्स हेतु रू0 28,975 की सहायता राशि दी गई। जबकि सहाय एवं गरीब, रोनक राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से स्नातक की पढाई हेतु रू0 25,000, शशांक को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 12वीं अध्ययन हेतु रू0 15,000,  मीना को पूजा मेकओवर, ठाकुरपुर चौक, डांडी, मोथरोवाला, देहरादून से ब्यूटीशियन कोर्स हेतु 50,000, अकांक्षा को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 12वीं अध्ययन हेतु रू.15,000, मानसी साहू को उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून से पीएचडी की पढ़ाई हेतु रू. 52,500 तथा  विधि को उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून से होटल मैनेजमेंट का कोर्स  हेतु रू0 58,256 की अर्थिक सहायता दी गई। 

योजना के शुभारंभ अवसर पर जिलाधिकारी से बालिकाओं ने साझा किया अपने भावी भविश्य निर्माण की संकल्प, वही जिलाधिकारी ने उत्सुकता से जाना बालिकाओं के सपनों की उड़ान की बाते, कहा कि आप सभी के सपनों को साकार करने में जिला प्रशासन हर संभव मदद करेंगे। साथ ही जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी, डीपीओ (आईसीडीएस) का विशेश आभार जताते हुए कहा कि इस नेक आडिया को मूर्त रूप देने में उत्साह पूर्वक सहयोग किया।   

जिलाधिकारी के ‘प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा’ से जिले की गरीब, अनाथ एवं असहाय तथा अन्य विषम परिस्थितियों में अध्ययन कर रही बालिकाओं को उच्च शिक्षा स्तर तक शिक्षित करने एवं कौशल शिक्षा प्रदान करते हुए रोजगार से जोड़ा जाएगा। समिति के सदस्यों द्वारा अग्रिम कार्यवाही किये जाने की सहमति के क्रम में गरीब, अनाथ एवं असहाय तथा अन्य विषम परिस्थितियों में अध्ययन कर रही बालिकाओं को न्यूनतम स्नातक स्तर तक शिक्षित किये जाने एवं कौशल शिक्षा प्रदान करते हुए रोजगार से जोड़ने हेतु कार्ययोजना निर्धारित की गई है। बालिकाओं का चयन जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविरों में जनपद में विभिन्न सरकारी कार्यालयों के माध्यम ये प्राप्त प्रार्थना पत्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के अधीन बालिका गृहों में निवासरत बालिकायें, जनपद की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से सर्वे के आधार पर किया जाएगा।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने यह अभिनव कार्य जनपद नैनीताल में डीएम रहते भी कर चुके है, उक्त प्रोजेक्ट के तहत उन्होने 60 बालिकाओं को शैक्षणिक विकास में समृद्ध, सशक्त, सुदृढ़ कर भविश्य को संवारा है। 

जिलाधिकारी का यह अभिनव कार्य जनपद देहरादून के उन बालिकाओं के लिए सपने साकार करने का एक सुनहरा अवसर है, जो आर्थिकीय तंगी, पारिवारिक असहाय के चलते स्कूली शिक्षा छोड़कर अपना जीवन व्यतीत कर रही है। प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ उन बालिकाओं की सपनों को साकार करने में जिलाधिकारी का यह प्रयास सार्थक साबित होगी। 

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी न्यायिक कुमकुम जोशी, डीपीओ (आईसीडीएस) जितेन्द्र कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी पूनम चमोली, प्रशासनिक अधिकारी कपिल कुमार सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी गण उपस्थित थे। 




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