30 दिसंबर को धरना, 16 जनवरी 2026 को सचिवालय घेराव का ऐलान
देहरादून :
रविवार को राज्य आंदोलनकारी मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक कचहरी स्थित शहीद स्मारक में संपन्न हुई। बैठक में राज्य स्थापना दिवस के रजत वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के हित में की गई घोषणाओं पर अब तक शासनादेश जारी न होने को लेकर सरकार और सचिवालय के प्रति कड़ा आक्रोश व्यक्त किया गया। बैठक सुबह 11 बजे शुरू होकर दोपहर डेढ़ बजे तक चली। अध्यक्षता सत्या पोखरियाल ने की, जबकि संचालन पूर्ण सिंह लिंगवाल ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि रजत वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री ने पेंशन वृद्धि, विकलांग आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी, अटेंडेंट की व्यवस्था तथा चिन्हीकरण की तिथि छह माह बढ़ाने सहित कई अहम घोषणाएं की थीं, लेकिन डेढ़ माह बीतने के बावजूद उनका कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ। यह सचिवालय के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना है।
अध्यक्षता कर रहीं सत्या पोखरियाल ने कहा कि राज्य आंदोलन में शामिल रहे सभी लोगों का चिन्हीकरण होना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2010 में जिला स्तर पर गठित चिन्हीकरण समितियों द्वारा चयनित लोगों को आंदोलनकारी मानने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब भी कई पात्र लोग इससे वंचित हैं।
प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूरी ने कहा कि विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित कानून के तहत सभी चिन्हित आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन सचिवालय के अधिकारियों ने नौकरीपेशा आंदोलनकारियों के आश्रितों को इससे वंचित करने का आदेश जारी कर मूल अधिनियम का उल्लंघन किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर शीघ्र सुधारात्मक आदेश जारी करने की मांग की।
प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक से मुक्ति की मांग उठाई। पुष्पलता सिलमाना और द्वारिका बिष्ट ने आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट देने, आंदोलनकारी चिन्हीकरण में पांचवें मानक को शामिल करने तथा आगामी धरना-प्रदर्शनों में मातृशक्ति की अधिकतम भागीदारी का आह्वान किया।
बैठक के अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सचिवालय द्वारा शासनादेश जारी करने में बरती जा रही लापरवाही के विरोध में 30 दिसंबर को प्रथम चरण में दीन दयाल पार्क में धरना दिया जाएगा। यदि इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो 16 जनवरी 2026 को सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी, प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूरी, प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, केशव उनियाल, पुष्पलता सिलमाना, द्वारिका बिष्ट, अरुणा थपलियाल, राधा तिवारी, संचालक पूर्ण सिंह लिंगवाल सहित अनेक पदाधिकारी व बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।
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