*पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के 47वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन*
देहरादून:
पब्लिक रिलेशन सोसाइटी आफ इंडिया (पीआरएसआई) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में देश और प्रदेश के विकास और चुनौतियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर मंथन चल रहा है। अधिवेशन के दूसरे दिन के तीसरे सत्र में जीसीटी के लिए ‘पाजिटिव इंपैक्ट आन इकानोमिक प्रोसेपेक्टिव आफ इंडिया‘ विषय पर मंथन हुआ। इसमें बताया गया कि एक राष्ट्र, एक कर लागू होने से देश में आर्थिक सुधार हुआ है और देश के परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
*भारतीय राजस्व सेवा की वरिष्ठ अधिकारी कस्टम कमिश्नर बी सुमिदा देवी ने* वन नेशन वन टेक्स और जीएसटी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी घटने से उद्योगों को कर भार में कमी, इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ, और अनुपालन में आसानी जैसे सकारात्मक प्रभाव मिले हैं, जिससे व्यवसायों की लागत घटी और मुनाफा बढ़ा है। वहीं एक देश, एक कर प्रणाली ने कई अप्रत्यक्ष करों को हटाकर एक समान बाजार, पारदर्शिता, और लॉजिस्टिक्स में सुधार किया, जिससे व्यापार आसान हुआ। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें घटने से उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जीसीटी दरें कम होने सेलागत में कमी और मुनाफा वृद्धि हुई है। कम कर दरों से छोटे व्यापारियों को अधिक लाभ हुआ, जिससे वे अपने व्यवसाय में निवेश कर पाए और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है। कुशल लॉजिस्टिक्स के कारण कृषि उत्पादों के परिवहन की लागत घटी, जिससे थोक विक्रेताओं और किसानों को फायदा हुआ।
*इस मौके पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक रिलेशन के संस्थापक मेजर अतुल देव ने* परम्परागत पीआर से लेकर आधुनिक दौर में पीआर टूल्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में पब्लिक रिलेशन के सामने कई चुनौतियां हैं। उनके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रांड निर्माण और उसके प्रबंधन की चुनौती है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के विकास से पीआर का वैश्वीकरण हो रहा है। जनसंचार ने गति और पहुंच में क्रांति ला दी है, लेकिन इसके साथ ही फेक न्यूज़, प्राइवेसी और सामाजिक ध््राुवीकरण जैसी गंभीर चुनौतियां भी पैदा हुई हैं, जिनका समाधान आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसपी सिंह उपाध्यक्ष पीआरआई एस के देहरादून चैप्टर के कुशल प्रबंधन की सराहना की और कहा कि अगले वर्ष यह सम्मेलन भुवनेश्वर में होगा और वहां के चैप्टर को और अधिक मेहनत करनी होग
*भारत-रूस के बीच बेहतर जनसंचार की वकालत*
पीआरएसआई के अधिवेशन के दूसरे दिन के चौथे सत्र में भारत-रूस व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में मंथन किया गया। इस सत्र को वीआईपीएस न्यू दिल्ली की डीन प्रोफेसर चारुलता सिंह ने मोडरेट किया। मंथन के दौरान मॉस्लोव एजेंसी के डायरेक्टर जनरल मिशेल मास्लोव, डिजिटल एजेंसी इंटेरियम की इंटरशेनल मैनेजर मिस यूलिया देवीदेनको और एना तालानीना ने भारत-रूस के संबंधों के बारे में विस्तृत बातचीत की। मास्लोव ने कहा कि दोनों देश परम्परागत दोस्त हैं। उन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों की सराहना की और कहा कि भारत एक समृद्ध देश के तौर पर उभर रहा है। भारत और रूस के बीच परम्परागत सैन्य संबंधों के अलावा अब फार्मा, एग्रीकल्चर, टूरिज्म और खाद्य उत्पादों के बीच व्यापार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा दोनों देशों के बीच यदि पब्लिक रिलेशन बेहतर हो जाएं तो जो भाषाई दिक्कत है और जानकारी का अभाव है, उसे दूर किया जा सकता है। यूलिया और एना ने रूस की डिजिटल सेवाओं और सोशल मीडिया के बारे में जानकारी दी।
*05 पुस्तकों का किया गया विमोचन*
पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक, मॉस्लोव एजेंसी के डायरेक्टर जनरल मिशेल मास्लोव ने छठवें सत्र की अध्यक्षता की। इस सत्र में 05 पुस्तकों का विमोचन किया गया। वहीं इस मौके पर डॉ अमिता व डॉ संतोष कुमार वघेल की पुस्तक हस्ती मिटती नहीं उनकी-एक कारवां जो बढ़ता रहा का विमोचन किया गया। वहीं बद्रा चैेप्टर के राजेश जी की पुस्तक विकसित भारत व जंनसंपर्क का भी विमोचन किया गया। वहीं भोपाल के डॉ पंकज मिश्रा की पुस्तक जनसामन्य में कानून संबधी खबरों में समाचार पत्रों की भूमिका पर लिखी गई पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इसके साथ ही मीडिया मैनेजमैंट-मेजर पॉलिटिक्ल मध्यप्रदेश शोध पत्र का भी विमोचन किया गया।
**पीआरएसआई के अधिवेशन में बिखरे लोक संस्कृति के रंग
पीआरएसआई के अधिवेशन में देर शाम को उत्तराखंड के लोक संस्कृति के रंग बिखरे। इस मौके पर गढ़वाली, कुमाऊं और जौनसारी गीतों ने समां बांधा। देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधि यहां की संस्कृति से रूबरू हुए। इस मौके युवा दिलों की धड़कन सौरभ मैठाणी, विवेक नौटियाल, रेनूबाला और विपिन कुमार के गीतों पर देशभर के प्रतिनिधि भी थिरके। वहीं, हंसा ग्रुप और अल्मोड़ा स्वाल घाटी रंगमंच ने छोलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दीं।
देहरादून
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण तभी संभव है जब वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों। उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं को रोजगार, उद्यमिता और निर्णय प्रक्रिया में समान अवसर नहीं मिलेंगे, तब तक समावेशी विकास की कल्पना अधूरी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनसंचार और पब्लिक रिलेशन आज देश और प्रदेश के विकास का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है, जिसके जरिए सरकार और जनता के बीच मजबूत संवाद स्थापित किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी रविवार को सहस्रधारा रोड स्थित होटल द एमराल्ड ग्रैंड में आयोजित पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के 47वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने पीआरएसआई की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था सरकार की नीतियों, योजनाओं और विकास कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने में एक सशक्त सेतु का कार्य कर रही है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज का युग सूचना और संवाद का है। जनसंचार के माध्यम से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि पीआर और कम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पीआर इंडस्ट्री का आकार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ यह चुनौती भी है कि सूचना विश्वसनीय, पारदर्शी और प्रभावी तरीके से जनता तक पहुंचे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने पीआरएसआई के माध्यम से जनसंचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभिन्न एजेंसियों, संस्थानों और व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।
*जनसंचार देश के विकास की रीढ़ : डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’*
पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के 47वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि जनसंचार और कम्युनिकेशन देश के विकास की रीढ़ बन चुका है। उन्होंने कहा कि पीआरएसआई जैसी संस्थाएं सरकार और समाज के बीच संवाद की कड़ी को मजबूत कर रही हैं। यह अत्यंत सराहनीय है कि देशभर से पब्लिक रिलेशन इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्र होकर भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं पर मंथन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बदलते तकनीकी परिदृश्य में पीआर इंडस्ट्री को नवाचार, डिजिटल माध्यमों और विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान देना होगा, ताकि लोकतंत्र की जड़ें और अधिक मजबूत हो सकें।
*उत्तराखंड ने 25 वर्षों में तय की विकास की लंबी यात्रा : पद्मश्री डॉ. बी.के. संजय*
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. बी.के. संजय ने उत्तराखंड राज्य के 25 वर्षों की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बीते ढाई दशकों में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन और आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में उत्तराखंड ने नए मानक स्थापित किए हैं। मूलभूत सुविधाओं में लगातार सुधार हुआ है और राज्य विकास के नए आयाम छू रहा है।
*स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को राष्ट्रीय सम्मान*
सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा प्रदान किया गया। सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार किया गया है तथा दुर्गम क्षेत्रों के लिए एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मुख्यमंत्री के नेतृत्व और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को समर्पित है। हमारा लक्ष्य राज्य के अंतिम छोर तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है।
*सम्मेलन में गणमान्य जनों की उपस्थिति*
इस अवसर पर पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए। सम्मेलन के दूसरे दिन गेल के सीईओ संदीप गुप्ता, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री एवं एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, प्रो. दुर्गेश पंत, संयुक्त निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार अनुपम त्रिवेदी, डॉ. हिमांशु शेखर, सीआईएमएस के चेयरमैन एडवोकेट ललित जोशी, डॉ. सुरभि दहिया, समिदा देवी, मेजर अतुल देव, सी. रविंद्र रेड्डी सहित देशभर से आए पीआर और मीडिया जगत के अनेक प्रतिष्ठित प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
.png)

एक टिप्पणी भेजें