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 देहरादून में सहकारिता मेला 2025 का भव्य आयोजन

 देहरादून :  

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अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष–2025 तथा उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में आयोजित सहकारिता मेला–2025 का भव्य शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक गतिविधि नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन, ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है, जहां सामूहिक हित को सर्वोपरि रखा जाता है। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में सहकारिता की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, इसी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “सहकार से समृद्धि” के संकल्प को साकार करने के लिए देश में अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया, जिससे इस क्षेत्र को नई दिशा मिली है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सहकारिता सुधारों के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन चुका है। प्रदेश की सभी 670 सहकारी समितियां पूरी तरह डिजिटल हो चुकी हैं। बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण की शुरुआत उत्तराखंड से हुई, जिससे किसानों और आम लोगों को सेवाओं का लाभ घर बैठे मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब मोबाइल फोन के माध्यम से ही अधिकांश सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां अब केवल ऋण देने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाइयां, कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में बीमा, पेंशन, बिजली बिल भुगतान, आधार एवं अन्य डिजिटल सेवाएं भी प्रदान कर रही हैं। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी सहकारी समितियों का डेटा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर अपलोड किया गया है।

महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सहकारिता समितियों और स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत किसानों, महिला समूहों और सहकारी संस्थाओं को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। महिला सहकारिता और स्वयं सहायता समूहों को पांच–पांच लाख रुपये के ब्याजमुक्त ऋण दिए जा रहे हैं, जिससे महिलाएं “लखपति दीदी” बनकर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम कर रही हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नाबार्ड द्वारा प्रकाशित “स्टेट फोकस पेपर 2026–27, उत्तराखंड” का विमोचन किया तथा सहकारी समूहों को ब्याजमुक्त ऋण के चेक वितरित किए। उन्होंने विश्वास जताया कि सहकारिता मेला आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में एक जनआंदोलन बनेगा।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, अपर सचिव एवं निबंधक सहकारिता सविता कपूर, अपर निबंधक मेहरबान बिष्ट, ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, उप निबंधक रमिंद्री मंद्रवाल , सहायक निबंधक बलवंत मनराल, सहकारिता विभाग के अधिकारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।


*मुख्यमंत्री ने किया नाबार्ड के राज्य फोकस पेपर 2026-27 का विमोचन*


दिनांक 23 दिसंबर 2025 को नाबार्ड व राज्य सरकार द्वारा देहरादून में आयोजित सहकारिता मेला 2025 के दौरान उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड द्वारा तैयार राज्य फोकस पेपर 2026-27 का विमोचन किया।  

इस अवसर पर माननीय सहकारिता मंत्री श्री धन सिंह रावत, श्री नरेश बंसल, राज्य सभा सांसद, श्री खजान दास, विधायक, राजपुर, श्री सौरभ थपलियाल, महापौर, नगर निगम, देहरादून, श्री मेहरबान सिंह बिष्ट, निबंधक, सहकारी समितियां, उत्तराखंड, श्री पंकज यादव, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड, आदि उपस्थित थे।  

यह दस्तावेज़ राज्य के प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए ऋण क्षमता का व्यापक आकलन प्रस्तुत करता है, वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए  ₹65,916 करोड़ अनुमानित है, जो की  पिछले वर्ष की तुलना में 20.50% अधिक है ।

जिला स्तर पर तैयार पोटेंशियल लिंक्ड क्रेडिट प्लान (PLPs) के आधार पर तैयार यह दस्तावेज़ संतुलित कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए एक रोडमैप है, जिसमें कृषि, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, बुनियादी ढांचा और जलवायु परिवर्तन पहलों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। नाबार्ड ने राज्य सरकार को समावेशी विकास के लिए ऋण योजना और विकासात्मक हस्तक्षेपों में सहयोग देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

राज्य फोकस पेपर बैंकों और नीति-निर्माताओं के लिए वार्षिक ऋण योजना (ACP) को अंतिम रूप देने और सतत विकास की रणनीतियाँ तैयार करने में एक मार्गदर्शक दस्तावेज़ के रूप में कार्य करेगा।

इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री ने नाबार्ड की इस प्रयास की सराहना की तथा सभी हितधारकों को इस दस्तावेज़ को विभिन्न विभागों की योजनावों में समेकित करने के लिए प्रेरित किया।


देहरादून

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*धामी सरकार की उधमसिंहनगर जनपद को बड़ी स्वास्थ्य सौगात, रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज को 300 बेड और 100 एमबीबीएस सीटें*


*उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम, रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से बदलेगा तराई-भाबर का स्वास्थ्य परिदृश्य*


*रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से सिडकुल कर्मचारियों को सीधा स्वास्थ्य लाभ, औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को अब दुर्घटना, गंभीर बीमारी या आपातकालीन स्थिति में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा दूर*


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सशक्त मार्गदर्शन और चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट दिशा-निर्देशों में उत्तराखण्ड ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य की ओर अग्रसर धामी सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर को 300 बेड चिकित्सालय एवं 100 एमबीबीएस सीटों की स्वीकृति प्रदान की है। इस मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से तराई-भाबर क्षेत्र के साथ-साथ सीमांत और पर्वतीय क्षेत्रों के लाखों लोगों को सुलभ, आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह संस्थान न केवल बेहतर उपचार सुविधाओं का केंद्र बनेगा, बल्कि चिकित्सा शिक्षा, जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों, आपदा प्रबंधन और रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड को नई मजबूती प्रदान करेगा। रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज प्रदेश की स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक दूरदर्शी और प्रभावी कदम है।  कुल मिलाकर, राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और रोजगार-तीनों क्षेत्रों में उत्तराखण्ड को एक मजबूत आधार प्रदान करेगा और प्रदेश के समग्र विकास में निर्णायक भूमिका निभाएगा।



*बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार*

300 बेड चिकित्सालय के संचालन से क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। मरीजों को जांच, उपचार और देखभाल की बेहतर व्यवस्थाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। जिससे इलाज की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होगा। इससे आम जनता को भरोसेमंद और समयबद्ध स्वास्थ्य सेवाएं मिल पायेंगी।


*24×7 आपातकालीन एवं गंभीर रोगों का उपचार*

राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर में 24×7 आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होने से दुर्घटनाओं, गंभीर बीमारियों और जटिल मामलों में त्वरित उपचार संभव हो पायेगा। एक ही संस्थान में इमरजेंसी और विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को तत्काल राहत मिलेगी।


*विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थायी तैनाती*

मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थायी उपलब्धता से अब मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों या अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता नहीं पडेगी। इससे न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि मरीजों को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा परामर्श भी मिल सकेगा।


*सिडकुल क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत*

रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के संचालन से उधमसिंहनगर जनपद के सिडकुल क्षेत्र में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को अब दुर्घटना, गंभीर बीमारी या आपातकालीन स्थिति में इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। 300 बेड चिकित्सालय में 24×7 आपातकालीन सेवाएं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता से उन्हें त्वरित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं नजदीक ही मिल सकेंगी। इससे कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा का मजबूत सहारा मिलेगा।


*सीमांत, ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों को सीधा लाभ*

दो राज्यों का सीमांत क्षेत्र होने के कारण यहां के मरीजों को पहले इलाज के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। अब राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर के संचालन से उन्हें नजदीक ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों से सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी पर बढ़ते मरीजों के दबाव में भी कमी आएगी। गंभीर रोगियों को दिल्ली या देहरादून रेफर करने की मजबूरी अब काफी हद तक कम होगी।


*जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों और आपदा प्रबंधन को मजबूती*

यह मेडिकल कॉलेज जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा। टीकाकरण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, संक्रामक रोग नियंत्रण जैसे कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी। साथ ही आपदा की स्थिति में त्वरित और कुशल चिकित्सा प्रतिक्रिया संभव होगी, जिससे जनहानि को न्यूनतम किया जा सकेगा।


*चिकित्सा शिक्षा में नया अवसर*

प्रत्येक वर्ष 100 एमबीबीएस सीटों की उपलब्धता से उत्तराखण्ड और देश के विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर प्राप्त होंगे। यह मेडिकल कॉलेज राज्य को चिकित्सा शिक्षा के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।


*रोजगार सृजन और पलायन में कमी*

मेडिकल कॉलेज के संचालन के साथ नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज, फार्मेसी और फिजियोथेरेपी जैसे सहबद्ध संस्थानों की स्थापना की संभावनाएं भी सशक्त हुई हैं। इससे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मचारियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे क्षेत्र में पलायन की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।


*स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान* 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि हम एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर का संचालन उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा देगा। 300 बेड चिकित्सालय और 100 एमबीबीएस सीटों के साथ यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सीमांत, ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को समय पर बेहतर उपचार मिलेगा। साथ ही चिकित्सा शिक्षा, जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों और आपदा प्रबंधन में राज्य की क्षमता सशक्त होगी, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य रैंकिंग में भी सुधार सुनिश्चित होगा।

मुख्यमंत्री ने कुमाऊं रेजीमेंट केंद्र रानीखेत पहुंचकर अमर बलिदानियों को अर्पित की श्रद्धांजलि*


*मुख्यमंत्री ने सैनिकों एवं अग्निवीरों के साथ संवाद कर किया उत्साहवर्धन*


*केन्द्र में प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं, आधुनिक हथियारों एवं वीर नारियों के कल्याण की गतिविधियों का भी किया अवलोकन*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं रेजीमेंट केंद्र, रानीखेत पहुंचकर अमर बलिदानियों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों एवं अग्निवीरों के साथ संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने केंद्र  में प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं, आधुनिक हथियारों एवं वीर नारियों के कल्याण की गतिविधियों का अवलोकन भी किया।


कुमाऊं रेजीमेंट मुख्यालय के अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्य अधिकारियों एवं सैनिकों के परिवारजनों से भी भेंट की।  सैनिकों एवं अग्निवीरों के संवाद के दौरान मुख्यमंत्री के कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारतीय सेना पहले से अधिक सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर बनी है। आज हमारी सेना दुश्मनों की गोलियों का जवाब गोलों से देकर देश की सीमाओं की मजबूती से रक्षा कर रही है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों तथा अमर बलिदानियों के आश्रितों के सम्मान और कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेंशन एवं आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि वीर परिवारों को हर स्तर पर सम्मान, सुरक्षा और संबल मिल सके।


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