*नौगांव ब्लॉक में 184 गाँवों के बावजूद एक भी खेल मैदान न होना राज्य की खेल नीति की गंभीर विफलता को दर्शाता है। युवाओं की यह माँग पूरी तरह जायज़ है और सरकार को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।*
--- स्थिति की गंभीरता:
- *184 गाँवों वाला नौगांव ब्लॉक* उत्तरकाशी जिले का एक बड़ा प्रशासनिक क्षेत्र है, लेकिन एक भी समुचित खेल मैदान नहीं_ है।
- यह स्थिति न केवल खेल प्रतिभा के दमन का कारण बन रही है, बल्कि युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास में भी बाधा बन रही है।
- स्थानीय युवाओं का आरोप है कि *खेल मंत्री रेखा आर्य* और *विधायक दुर्गेश लाल* ने पर्वतीय क्षेत्रों की खेल आवश्यकताओं की अनदेखी की है।
राज्य सरकार की योजनाएँ — लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग:*
- उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि _सभी जिलों में बहुउद्देशीय हॉल और खेल मैदान बनाए जाएंगे_, विशेषकर 50,000 से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी खेलों को युवाओं से जोड़ने की बात कही थी और 2024 के बजट में खेलों के लिए प्रावधानों का ज़िक्र किया था।
- लेकिन नौगांव ब्लॉक जैसे क्षेत्रों में इन घोषणाओं का कोई असर नहीं दिखता न योजना, न बजट, न निर्माण।
जनता और युवाओं की माँगें:
*प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम एक खेल मैदान* का निर्माण हो।
*स्थानीय युवाओं की भागीदारी* से खेल समितियाँ बनाई जाएँ जो ज़रूरतों की पहचान करें।
*खेल मंत्री और विधायक* को _जन संवाद_ के लिए आमंत्रित किया जाए ताकि वे ज़मीनी हकीकत को समझें।
*मनरेगा, जिला योजना और CSR फंड* के माध्यम से खेल मैदानों के लिए संसाधन जुटाए जाएँ।
आगे की रणनीति:*
- *ऑनलाइन और ऑफलाइन हस्ताक्षर अभियान* शुरू कर सरकार तक आवाज़ पहुँचाई जाए।
- *स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया* पर इस मुद्दे को लगातार उठाया जाए।
- *RTI के माध्यम से जानकारी* ली जाए कि नौगांव ब्लॉक के लिए अब तक खेल बजट में क्या प्रावधान हुए हैं। समाज सेवक सोवत राणा ने कहा कि इस प्रकार नौगांव को खेलो से जोड़ने की मुहिम चलाई जाएगी।
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