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 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य सभा सांसद श्री नरेश बंसल के नेतृत्व में बार एसोसिएशन देहरादून के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने विभिन्न मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। जिस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।


इस दौरान राज्य सभा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह


धामी से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में बार एसोसिएशन देहरादून के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की।


इस दौरान देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मनमोहन कंडवाल, श्री राजवीर, अन्य लोग मौजूद रहे।


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से एयर फोर्स ऑडिट ब्रांच देहरादून में ही यथावत रहने देने और ग्वालदम–नंदकेसरी–थराली–देवाल–मुन्दोली–वाण मोटर मार्ग के रख-रखाव का कार्य लोक निर्माण विभाग से ही कराए जाने का अनुरोध किया। 


मुख्यमंत्री धामी ने अवगत कराया कि एयर फोर्स ऑडिट ब्रांच लंबे समय से देहरादून में बिना किसी व्यवधान के संचालित हो रही है। प्रदेश की सीमाएँ चीन व नेपाल से लगने तथा यहां सेना व सुरक्षा बलों के अनेक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान होने के कारण देहरादून का सामरिक महत्व अत्यंत अधिक है। उन्होंने रक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि एयर फोर्स ऑडिट ब्रांच देहरादून से ही यथावत संचालित रहे, इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएँ।


मुख्यमंत्री ने ग्वालदम –नंदकेसरी– थराली–देवाल–मुन्दोली–वाण मोटर मार्ग के रख-रखाव एवं अनुरक्षण का कार्य भविष्य में भी उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग (PWD) के पास ही बनाए रखने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग विश्वप्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा का प्रमुख रूट है, जिसकी अगली यात्रा वर्ष 2026 में प्रस्तावित है। प्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक आस्था से जुड़े इस महत्वपूर्ण आयोजन की सुचारू व्यवस्था के लिए मार्ग का रख-रखाव स्थानीय स्तर पर लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाना अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों, समन्वय तथा त्वरित कार्य निष्पादन के दृष्टिगत लोक निर्माण विभाग ही इस मार्ग के रख-रखाव के लिए सर्वोत्तम विभाग है तथा इससे आगामी यात्रा सहित स्थानीय आवागमन को भी बड़ी सुविधा मिलेगी।


रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत विषयों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया।


 *देहरादून में ऑडिट दिवस-2025 का हुआ आयोजन* 


• 16 से 29 नवम्बर तक होगा ऑडिट जागरूकता गतिविधियों का आयोजन

• देहरादून में चित्रकला, रंगोली, कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ, वॉकथॉन एवं ऑडिट मेला आयोजित

देहरादून : 16 नवम्बर का दिन भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के देहरादून स्थित तीनों कार्यालयों में ऑडिट दिवस के रूप में मनाया गया। इसके साथ ही 16 से 29 नवम्बर तक चलने वाली ऑडिट के प्रति जागरूकता सम्बन्धी गतिविधियों का शुभारम्भ किया गया। इस दौरान सुशासन के एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में ऑडिट की महत्ता के प्रति जनसामान्य तथा हितधारकों में जागरूकता के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।


सुशासन में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) के योगदान तथा देश के सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थान के गौरवशाली इतिहास और लम्बी विकास-यात्रा को अभिचिह्नित करने के लिए भी ये दिवस मनाया गया। 


इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम ऑडिट दिवस-2025 नई दिल्ली स्थित कैग मुख्यालय में उप-राष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) उत्तराखण्ड मोहम्मद परवेज आलम तथा महालेखाकार (लेखापरीक्षा) उत्तराखण्ड श्री संजीव कुमार ने प्रतिभाग किया। देहरादून स्थित सभी कार्यालयों के कार्मिकों ने भी कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लिया।


ऑडिट दिवस की गतिविधियों के अंतर्गत कौलागढ़ स्थित ऑडिट भवन में बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, महिलाओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता, कार्मिकों एवं हितग्राहियों के लिए कार्यशालाएं, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण पर संगोष्ठियां, एक वॉकथॉन, कौलागढ़ परिसर में ऑडिट मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस दौरान संस्थान की समस्त हितग्राहियों तक पहुँच तथा उनके साथ संबंधों की प्रगाढ़ता पर विशेष ध्यान केन्द्रित रहेगा।

 नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम 2025 में देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के मेधावी छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री विश्वास व्यक्त किया कि इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने बहुमूल्य अनुभव प्राप्त किए होंगे। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उनके विद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और बताया कि इस तरह के शैक्षिक भ्रमण अब राज्य स्तर पर भी शुरू किए जा रहे हैं


मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान से नई चीजें सीखने का अवसर मिलता है। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन का अनुभव साझा किया करते हुए बताया कि उनके पिताजी के सेना से सेवानिवृत्त होने के समय वे 9वीं कक्षा के छात्र थे और 10वीं उत्तीर्ण करने के लिए अकेले खटीमा से नैनीताल एक्सप्रेस पकड़कर सागर गए थे। यह उनका पहला शैक्षिक भ्रमण था जिसने उन्हें सतत सीखने की प्रेरणा दी। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में उद्देश्य निर्धारित करने और स्वअनुशासन अपनाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी भारत के भविष्य के कर्णधार हैं और युवाओं के कंधों पर देश की जिम्मेदारियां आएंगी। पढ़ाई का समय पुनः नहीं आता, इसलिए परिश्रम, कौशल और नियमों का पालन करते हुए लक्ष्य प्राप्त करना आवश्यक है।


मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि लेखन प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाना चाहिए। कभी अपने लक्ष्यों से भटकें नहीं। स्वामी विवेकानंद का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर असीम शक्ति है, जिसे पाने के लिए स्वयं पर विश्वास करना, एकाग्र रहना और लगातार प्रयास करते रहना जरूरी है। l उन्होंने छात्रों को समय प्रबंधन के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। ऐसा करने से विद्यार्थी अपनी गलतियों में सुधार कर सकेंगे और समय का सही उपयोग कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि जीवन में चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा जरूरी हैं, इनके बिना जीवन प्रेरणाहीन बन जाएगा।


उल्लेखनीय है कि देवप्रयाग विधानसभा से विधायक श्री विनोद कंडारी ने आठ वर्ष पूर्व इस पहल की शुरुआत की थी। इस वर्ष भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण 2025 के तहत देवप्रयाग के मेधावी छात्रों ने ऐतिहासिक साबरमती आश्रम का भ्रमण किया। इस अवसर पर छात्रों के साथ उनके शिक्षक-शिक्षिकाएं भी उपस्थित थे।

 नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास में उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखण्डी अधिवक्ताओं के साथ संवाद किया। 



lइस दौरान उन्होंने राज्य के विकास हेतु अधिवक्ताओं के साथ गहन विचार-मंथन किया। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था को सुदृढ़, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और नीतिगत पहलों की जानकारी साझा की।


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि सरकार ने राज्य के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक और कठोर कानून लागू किए हैं। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 26,500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली और 100 से अधिक नकल माफिया जेल भेजे गए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों और जनसांख्यिकी के संरक्षण के लिए सरकार सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून लागू कर चुकी है। “ऑपरेशन कालनेमी” के तहत अवैध गतिविधियों और लैंड जिहादियों पर कार्रवाई कर 10,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि मुक्त कराई गई, 300 अवैध मदरसे और 1000 से अधिक अवैध संरचनाएं हटाई गईं। नए कानून के तहत मदरसा बोर्ड समाप्त कर दिया गया है और जो मदरसे सरकारी सिलेबस नहीं पढ़ाएंगे, उन्हें बंद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान का भी उल्लेख किया, जो प्रशासनिक समन्वय, तकनीकी दक्षता और मानवीय संवेदनशीलता का उदाहरण है। उन्होंने राज्य में औद्योगिक और आर्थिक विकास की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। जी20 बैठकों का सफल आयोजन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए, जिनमें से डेढ़ वर्ष के भीतर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतारी गई हैं। नीति आयोग की 2023-24 की रिपोर्ट में उत्तराखण्ड 79 अंकों के साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है। बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान 2024 में राज्य को पांच प्रमुख सुधार श्रेणियों में ‘टॉप अचीवर्स’ का पुरस्कार मिला, और हिमालयी राज्यों में वित्तीय प्रदर्शन में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पर्यटन क्षेत्र में भी राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। आपदाओं के बावजूद इस वर्ष लगभग 51 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा पूरी की। सरकार ने “शीतकालीन यात्रा” की शुरुआत की, जिससे पर्यटक धार्मिक स्थलों के साथ अन्य पर्यटन स्थलों का भी आनंद ले सकेंगे। राज्य में रेल परियोजना, रोपवे विकास और हेलीपोर्ट निर्माण जैसी पहलें आधुनिक परिवहन नेटवर्क का निर्माण कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण और तकनीक के संतुलन के लिए ‘इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी’ नीति को अपनाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि खेल और युवा सशक्तिकरण के क्षेत्र में सरकार सक्रिय है। 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड ने 103 पदक जीतकर सातवां स्थान प्राप्त किया। राज्य के उदीयमान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, खेल सामग्री, प्रोत्साहन राशि और उन्नत सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।


मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि उत्तराखण्ड ने अपनी 25 वर्षों की विकास यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अब राज्य के लिए अगले 25 वर्षों की दिशा निर्धारित करने का समय है। इस नए युग में उत्तराखण्ड की नीतियों और विकास रणनीतियों को और अधिक सुदृढ़, न्यायसंगत और जनहितकारी बनाने हेतु उन्होंने विधिक बंधुओं से अपने बहुमूल्य सुझाव, मार्गदर्शन और अनुभव साझा करने का हार्दिक आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विधिक समुदाय के सहयोग से उत्तराखण्ड एक ऐसा मॉडल राज्य बनेगा, जो न्याय, विकास और सुशासन के क्षेत्र में देश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।


इस अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार की मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द सिंह, भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज, उत्तराखण्ड के उप महाधिवक्ता श्री जतीन्द्र कुमार सेठी, दिल्ली बार काउंसिल सचिव श्री विक्रम सिंह पंवार, भाजपा दिल्ली प्रदेश लीग सेल कन्वेनर श्री नीरज गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री कुलदीप सिंह परिहार, उत्तराखण्ड के अपर महाधिवक्ता श्री राहुल वर्मा, सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती सुनीता वर्मा सहित श्री रोहित डंडरियाल, श्री जर्नादन त्रिपाठी, सुश्री अदिति रावत, श्री वरुण बडोला आदि अधिवक्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता श्री विजय जोशी ने किया।

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