मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को लोहियाहेड अतिथि गृह, खटीमा में राष्ट्रीय एकता के प्रतीक, लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में Sardar@150 Campaign की तैयारियों के सम्बध में वर्चुअल बैठक की।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि एकता मार्च के सफल आयोजन के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों और महाविद्यालयों में सांस्कृतिक एवं जन जागरूकता कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किए जाए। उन्होंने कहा इस अभियान में युवाओं, महिलाओं, स्थानीय निकायों, एनसीसी, स्वयं सहायता समूहों, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी तय कार्यक्रमों की जानकारी राज्य स्तर पर साझा की जाए, ताकि अभियान का संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि Sardar@150 अभियान का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता का संदेश घर-घर तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के उनके संकल्प को जन-जन तक पहुँचाने के लिए इस कार्यक्रम को भव्य एवं प्रेरणादायक रूप में आयोजित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती को ऐतिहासिक रूप से मनाना है, ताकि देश की नई पीढ़ी उनके योगदान और विचारों से प्रेरणा ले सके। उन्होंने कहा सरदार पटेल ने अपने अदम्य साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति और कौशल से भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाया। उन्होंने कहा सरदार पटेल ने देश की विभिन्न रियासतों को जोड़कर एक भारत की नींव रखी। उनके प्रयासों से ही भारत एक अखंड और एकीकृत राष्ट्र के रूप में स्थापित हो सका है। मुख्यमंत्री ने कहा सरदार पटेल की कूटनीति और दूरदर्शिता का स्वतंत्र भारत के इतिहास में बड़ा योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सरदार पटेल के सपनों को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन के साथ भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल के सम्मान में गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कराया गया, जो विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है और भारत की एकता, अखंडता तथा राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के विचार आज भी देश को एकता, समरसता और सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरित करते हैं।
बैठक में बताया गया कि Sardar@150 Campaign के तहत राज्य के नागरिक माई भारत पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा रहे हैं। इसके अन्तर्गत सोशल मीडिया रील प्रतियोगिता, निबंध लेखन, क्विज और Sardar@150 young Leaders जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। साथ ही राज्य के 13 जिलों में 31 अक्टूबर से 16 नवम्बर के मध्य एकता मार्च के रूप में आयोजित होगा। यह एकता मार्च 3 दिन आयोजित होगा। जिसके तहत 8 से 10 किलोमीटर की पैदल यात्रा होगी। जिसमें कोई भी नागरिक प्रतिभाग कर सकता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय पदयात्रा दिनांक 26 नवम्बर से 06 दिसम्बर तक 152 कि.मी. की पदयात्रा करमसद (सरकार पटेल का जन्मस्थान) से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, केवड़िया तक निकाली जाएगी। इस यात्रा में राज्य के प्रत्येक जिले से 2 युवा प्रतिभाग करेंगे, जिनका चयन माई भारत पोर्टल से होगा।
इस अवसर पर जिला अधिकारी श्री नितिन भदौरिया, जिलाधिकारी चम्पावत श्री मनीष कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री मणिकांत मिश्रा, एवं वर्चुअल माध्यम से विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी एवं सभी जिलाधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जनपद के बनबसा स्थित गुदमी क्षेत्र में लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (LPAI) द्वारा लगभग ₹500 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली आधुनिक लैंड पोर्ट परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा यह परियोजना भारत-नेपाल के बीच सहयोग, व्यापार और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में बेहद सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस महत्वाकांक्षी परियोजना को उत्तराखंड सरकार के सहयोग से तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के आरंभ से ही पर्यावरणीय मंजूरी, प्रतिपूरक पौधारोपण और भूमि हस्तांतरण की सभी औपचारिकताएँ पूर्ण होती रही हैं। इस वर्ष पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लगभग 84 एकड़ वन भूमि को अंतिम स्वीकृति मिल चुकी थी, जिसके बाद परियोजना के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग ₹500 करोड़ की लागत से बनने जा रहा यह आधुनिक लैंड पोर्ट भारत और नेपाल के बीच व्यापार एवं यात्री आवागमन के लिए एक समेकित, सुविधाजनक और सुरक्षित प्रणाली विकसित करेगा। यहाँ कस्टम, सुरक्षा, व्यापार एवं बॉर्डर से जुड़ी सभी प्रमुख एजेंसियाँ एक ही परिसर में कार्य करेंगी, जिससे सीमा प्रबंधन में अधिक तेज़, पारदर्शी आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना केवल अवसंरचना निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सीमांत क्षेत्रों के आर्थिक परिदृश्य को बदलने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि रणनीतिक रूप से स्थित बनबसा लैंड पोर्ट सीमा पार व्यापार को भी सशक्त बनाएगा, कृषि व औद्योगिक उत्पादों के लिए एक औपचारिक प्रवेश द्वार तैयार करेगा और स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर उत्पन्न करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लैंड पोर्ट के माध्यम से किसानों और छोटे उत्पादकों को सीमा पार बाजारों तक सीधी पहुँच मिलेगी, जिससे परिवहन लागत घटेगी और उत्पादों का मूल्य संवर्धन संभव होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल भारत और नेपाल के आपसी संबंधों को और मजबूत करेगी, जिससे पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पारस्परिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भारत सरकार की क्षेत्रीय एकीकरण की दृष्टि और सुरक्षित, सतत सीमा विकास नीति के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि LPAI द्वारा डिज़ाइन प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसा पर्यावरण-अनुकूल मॉडल तैयार किया जाएगा जो आधुनिकता और प्रकृति संरक्षण का संतुलित उदाहरण बने।
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार, भूमि पोर्ट प्राधिकरण और राज्य के सभी विभागों, एजेंसियाँ को आपसी समन्वय से कार्य करने की बात कही, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र हो सके। उन्होंने कहा कि बनबसा लैंड पोर्ट परियोजना उत्तराखंड की सीमाओं को समृद्धि, सहयोग और अवसरों की नई पहचान देगी।
[24/10, 16:06] Ravi BijarNiya dipr Ravi BijarNia: *मुख्यमंत्री ने टनकपुर ( चंपावत) में भैया दूज (च्यूड़ा पूजन) समारोह में किया प्रतिभाग, महिलाओं ने किया पारंपरिक पूजन*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने एक दिवसीय जनपद चंपावत भ्रमण के दौरान बनबसा और टनकपुर क्षेत्र में स्थानीय महिलाओं द्वारा आयोजित भैया दूज (च्यूड़ा पूजन) समारोह में प्रतिभाग किया।
कुमाऊं की गौरवशाली परंपरा का प्रदर्शन कर महिलाओं ने पारंपरिक रूप से कुमाऊं का प्रसिद्ध ‘च्यूड़ा पूजन’ नाम से जाना जाता है। इस पवित्र अनुष्ठान के माध्यम से, महिलाओं ने मुख्यमंत्री की लंबी आयु, स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की। यह पूजन भाई-बहन के अटूट बंधन और लोक परंपराओं के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान महिलाओं द्वारा दिए गए अपार स्नेह और सम्मान के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएं हमारी पहचान हैं, और इन पर्वों के माध्यम से हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का अवसर मिलता है। मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर प्रदेश की सभी माताओं और बहनों को भैया दूज की शुभकामनाएं देते हुए राज्य के विकास और जनता के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
*टनकपुर स्थित शारदा घाट में मुख्यमंत्री ने की पूजा अर्चना।*
मुख्यमंत्री ने टनकपुर स्थित शारदा घाट पहुँचकर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेश में सुख शांति एवं कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा पूर्णागिरि क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को यह आरती अपनी ओर आकर्षित करती है। शारदा घाट में आने से धार्मिक भावनाओं का संचार और प्राकृतिक नजरों के दर्शन भी होते हैं। उन्होंने कहा इस आरती के शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बड़ी हैं, जिससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिला है।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ० जी एस खाती, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी/कार्मिक और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
[चंपावत में खोला जाएगा कृषि विश्वविद्यालय : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शारदा घाट, टनकपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹20.50 करोड़ की 10 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंतनगर की तर्ज पर चंपावत में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने एवं छीनीगोठ क्षेत्र में बाढ़ राहत एवं सुरक्षा कार्य किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छीनीगोठ एवं आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ राहत एवं सुरक्षा कार्य कराए जाने से यह क्षेत्र मानसून में होने वाले क्षत्रि से बच सकेगा और कृषि भूमि व सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की तर्ज पर चंपावत में एक नया कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय से स्थानीय युवाओं को कृषि एवं संबद्ध विज्ञानों में उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के अवसर मिलेंगे। यह कदम क्षेत्र में वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देगा और पर्वतीय कृषि अर्थव्यवस्था को नई पहचान प्रदान करेगा। उन्होंने कहा ये दोनों घोषणाएं चंपावत को शिक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ा रही है। आज शिक्षा स्वास्थ्य कृषि उद्यान रोजगार देने एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने हर क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। चंपावत जिले में भी विकास को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा चंपावत में विकास को आगे बढ़ते हुए इसे एक आदर्श जिले के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
इस अवसर पर दायित्वधारी श्याम नारायण पांडे, शंकर कोरंगा, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने किया ₹185.20 करोड़ से बनने वाले शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का शुभारंभ*
*शारदा कॉरिडोर — आस्था, धरोहर और विकास का संगम” : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शारदा घाट, टनकपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹185.20 करोड़ से बनने वाले शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा शारदा कॉरिडोर परियोजना हमारी आस्था, सांस्कृतिक, धरोहर और सतत विकास का केंद्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा शारदा कॉरिडोर का उद्देश्य बनबसा से माता रंकोची तक की घाटी को धर्म, प्रकृति और रोजगार के सुंदर संगम के रूप में विकसित करना है। यह भूमि अब केवल आस्था का केंद्र नहीं रहेगी, बल्कि यहाँ के लोगों के जीवन में आर्थिक समृद्धि और अवसरों की नई धारा भी प्रवाहित होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शारदा नदी के तट को पर्यावरण - संवेदनशील, स्वच्छ, सुरक्षित और आकर्षक स्वरूप देने के लिए शारदा घाट पुनर्विकास परियोजना के कार्य को प्रथम चरण के रूप (अनुमानित लागत ₹185.20 करोड़) में प्रारंभ किया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत सुरक्षित स्नान घाट, आरती स्थल, स्वच्छता एवं विश्राम की सुविधाएँ, सुंदर घाट, सुगम पहुँच मार्ग, पैदल पथ, प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण कार्य किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आरती स्थल अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीक से निर्मित होगा, जिसमें रेनवाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था और फ्लोर कूलिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएँ होंगी। बाढ़ प्रतिरोधी संरचनाओं से नदी के प्रवाह को नियंत्रित कर आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना धार्मिक पर्यटन, स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में नई गति लाएगी। उन्होंने इसे सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से एक अद्वितीय मॉडल बताया, जो पूरे क्षेत्र के लिए विकास का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शारदा कॉरिडोर परियोजना के कुछ क्षेत्र वन भूमि में आते हैं, जिनके भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया वन विभाग के साथ प्रगति पर है। यह परियोजना यूआईआईडीबी के माध्यम से संचालित की जा रही है। डांडा और चूका जैसे राजस्व भूमि वाले क्षेत्रों का हस्तांतरण भी शीघ्र पूरा किया जाएगा, जिससे कार्यों में विलंब न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि और माता रंकोची क्षेत्र, जो शारदा कॉरिडोर के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेंगे, वहाँ श्रद्धा के साथ-साथ वन, जीव-जंतु और प्रकृति शिक्षा का अनुभव भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पर्यावरण-संवेदनशील विकास का उदाहरण बनेगा, जहाँ नदी की पवित्रता, हरियाली और प्राकृतिक संतुलन सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि शारदा कॉरिडोर का विकास जन-सहभागिता, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन के साथ किया जाएगा। हर निर्णय में स्थानीय नागरिकों की राय और भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा, शारदा कॉरिडोर केवल भौगोलिक विकास नहीं है, यह हमारी आस्था और आत्मा का पुनर्जागरण है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसा उदाहरण बनेगा, जहाँ परंपरा और प्रगति, आस्था और आधुनिकता एक साथ चलें।
गौरतलब है कि शारदा कॉरिडोर के ₹185.20 करोड़ से बनने वाले शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत किरोड़ा नाला पारिस्थितिक कॉरिडोर (₹109.57 करोड़)- क्षेत्र की जैव विविधता संरक्षण और आपदा प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने हेतु पारिस्थितिक कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा। सिटी ड्रेनेज योजना – चरण 1 (₹62.11 करोड़): शहरी जल निकासी प्रणाली को सुदृढ़ कर बाढ़ की घटनाओं में कमी और वर्षा जल प्रबंधन को व्यवस्थित किया जाएगा। थाक गाँव तक वैकल्पिक मार्ग (₹5.34 करोड़)- कोर्बेट के अंतिम शिकार मार्ग के रूप में प्रसिद्ध यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और सुगम पहुँच मार्ग बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त कई अन्य कार्य भी इसमें सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, शंकर कोरंगा, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, सहित जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, अपर जिलाधिकारी कृष्णा नाथ गोस्वामी, अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
*मुख्यमंत्री ने टनकपुर ( चंपावत) में भैया दूज (च्यूड़ा पूजन) समारोह में किया प्रतिभाग, महिलाओं ने किया पारंपरिक पूजन*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने एक दिवसीय जनपद चंपावत भ्रमण के दौरान बनबसा और टनकपुर क्षेत्र में स्थानीय महिलाओं द्वारा आयोजित भैया दूज (च्यूड़ा पूजन) समारोह में प्रतिभाग किया।
कुमाऊं की गौरवशाली परंपरा का प्रदर्शन कर महिलाओं ने पारंपरिक रूप से कुमाऊं का प्रसिद्ध ‘च्यूड़ा पूजन’ नाम से जाना जाता है। इस पवित्र अनुष्ठान के माध्यम से, महिलाओं ने मुख्यमंत्री की लंबी आयु, स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की। यह पूजन भाई-बहन के अटूट बंधन और लोक परंपराओं के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान महिलाओं द्वारा दिए गए अपार स्नेह और सम्मान के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएं हमारी पहचान हैं, और इन पर्वों के माध्यम से हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का अवसर मिलता है। मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर प्रदेश की सभी माताओं और बहनों को भैया दूज की शुभकामनाएं देते हुए राज्य के विकास और जनता के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
*टनकपुर स्थित शारदा घाट में मुख्यमंत्री ने की पूजा अर्चना।*
मुख्यमंत्री ने टनकपुर स्थित शारदा घाट पहुँचकर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेश में सुख शांति एवं कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा पूर्णागिरि क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को यह आरती अपनी ओर आकर्षित करती है। शारदा घाट में आने से धार्मिक भावनाओं का संचार और प्राकृतिक नजरों के दर्शन भी होते हैं। उन्होंने कहा इस आरती के शुरू होने से क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बड़ी हैं, जिससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिला है।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ० जी एस खाती, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी/कार्मिक और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
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