वानिकी प्रशिक्षण केन्द्र, रामपुरमण्डी में WWF- India के सौजन्य से Raptor Conservation Programme के अन्तर्गत अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मनाया गया।
देहरादून:
दिनांक 06 September 2025 को अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस (International Vulture Awareness Day – IVAD) मनाया।
इस अवसर पर आयोजित सत्र में गिद्धों के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्व तथा पिछले 30 वर्षों में उनकी चिंताजनक गिरावट पर चर्चा की गई।
अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस हर वर्ष सितम्बर के पहले शनिवार को विश्वभर में मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य गिद्धों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है, क्योंकि यह पक्षी आज सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल हैं।
भारत में गिद्धों की संख्या पिछले तीन दशकों में 90% से अधिक घट चुकी है, जिसका मुख्य कारण डाइक्लोफेनाक नामक पशु चिकित्सा दवा और अन्य मानवजनित खतरे रहे हैं।
गिद्ध प्राकृतिक "सफाईकर्मी " की भूमिका निभाते हैंए जो मृत पशुओं के अवशेषों को खाकर बीमारियों के प्रसार को रोकते हैं।
कार्यक्रम में प्रक्षिक्शों के साथ एक संवादात्मक सत्र भी हुआ,
अनुदेशक वानिकी प्रशिक्षण केंद्र रामपुरमंडी श्री विजय सिंह नेगी ने अपने संदेश में कहा कि गिद्धों का संरक्षण केवल एक पक्षी प्रजाति को बचाना नहीं है।
बल्कि यह पूरे पारिस्थितिक तंत्र और मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
गिद्धों की घटती संख्या को रोकने के लिए संरक्षण संगठनों, सरकारी विभागों और स्थानीय समुदायों का संयुक्त प्रयास अत्यंत आवश्यक है।
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