हरिद्वार:
रुड़की हरिद्वार विकास प्राधिकरण के द्वारा एक अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर की गई कार्यवाही के अंतर्गत धीरवाली मोहल्ला ,ज्वालापुर में रमेश चौहान और दिनेश चौहान को दो बार नोटिस दिया गया इसके बावजूद भी उसने अपना अवैध निर्माण कार्य जारी रखा।
82 वर्षीय बुजुर्ग के द्वारा लगातार मई 2025 से दी गयी शिकायत पर दबंगों के हौंसले इतने बढ़े हुए है कि तीसरी बार शिकायत किए जाने पर एई सेमवाल द्वारा पुलिस को भेजा गया और प्राधिकरण से एक पर्यवेक्षक को भी स्थान पर भेजा गया ।
जिस पर अवैध निर्माणकर्ता ने आपत्ति जताते हुए पर्यवेक्षक के साथ उल्टा गाली गलौज की और उनके साथ बुरा व्यवहार किया, परंतु अवैध निर्माण कार्य को जारी रखा । मई से हो रही इस शिकायत पर थ कहकर की प्रोसेसिंग में चल रहा है, कुछ भी करने से बच रहे है।
जबकि पूर्व में एई प्रशांत सेमवाल का कहना है कि इस प्रकार के मामले में अगला कदम सीलिंग की कार्यवाही होगा क्योंकि शिकायतकर्ता ने अपने समस्त प्रपत्र प्राधिकरण में दिखाए है। परंतु ,अवैध निर्माणकर्ता बिना नक्शा पास कराए और तीन बार नोटिस दिए जाने के बाद भी विभाग के आदेश को मानने को तैयार नही है।
हद तो तब हो रही है जब जूनियर इंजीनियर प्रिया सैनी ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं और उनका कहना है कि अवैध निर्माणकर्ता बार-बार पैरों में पड़कर और अपने गरीब होने की झूठी दुहाई देकर और अपने घर की महिलाओं को आगे कर कार्यवाही को पूर्ण करने नहीं दे रहे हैं । इससे उनके मन में आत्मीयता की भावना जागृत होती है अतः बार-बार नोटिस जाने जारी होने के बावजूद भी विभाग सही से अपना कार्य नहीं कर पाया है।
जबकि 82 वर्षीय बुजुर्ग का कहना है कि 50 साल से चल रहे इस केस में कोर्ट अब 29 सितंबर 2025 को फैसला देनेवाला है। न्यायपालिका प्रक्रिया से पहले से ही क्षुब्ध है और अब विभाग की कार्यवाही भी समय पर नही होने से वे अत्यंत निराश है।
अवैध निर्माणकर्ता विभाग कर्मियों और शिकायतकर्ता को मरने मारने पर उतारू है। पुलिस और प्राधिकरण विभाग भी ऐसे दबंगो का कुछ नही कर पा रहे है जबकि शिकायतकर्ता दो से तीन बार शिकायत कर चुके है।
एसएमएस सवाल उठता है कि जहां एक और देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण की प्रतिदिन अवैध निर्माणों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई जा रही है वहीं दूसरी ओर रुड़की हरिद्वार विकास प्राधिकरण एक छोटे से मामले पर भी कार्यवाही करने में अक्षम नजर आ रहा है और उसमें इतना समय लग रहा है जिससे अवैध निर्माण करता को पूरा समय मिल रहा है और वह निर्माण करने से बाज नहीं आ रहा है।
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