देश के कई शहरों में 2017-18 की तुलना में 2024-25 में वायु गुणवत्ता में हुआ उल्लेखनीय सुधार: कीर्तिवर्धन सिंह
स्वच्छ वायु का अधिकार नागरिकों का मौलिक अधिकार है: त्रिवेन्द्र
नई दिल्ली;
हरिद्वार से सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा लोकसभा में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को लेकर पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की प्रगति, विस्तार योजना एवं प्रभाव की विस्तृत जानकारी साझा की।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनवरी 2019 में आरंभ किए गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) का उद्देश्य 24 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 130 शहरों में, जिनकी जनसंख्या 10 लाख से अधिक है और जहाँ वायु गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन हो रहा है, पीएम 10 के स्तर में सुधार लाना है।
मंत्री जी ने बताया कि 103 शहरों में PM 10 के स्तर में सुधार हुआ है, जबकि 22 शहरों ने राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) को प्राप्त कर लिया है। एनसीआर के 6 शहरों — दिल्ली, अलवर, फरीदाबाद, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ — में 2017-18 की तुलना में 2024-25 में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के 19 शहरों को इस योजना में शामिल किया गया, जिनमें से 15 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है। उन्होंने यह भी बताया है कि वायु गुणवत्ता सुधार के लिए की जा रही कार्रवाइयों में पक्की सड़कें, ईवी बसें, हरित गलियारे, शवदाहगृहों में स्वच्छ ईंधन, यांत्रिक सफाई, और जन-जागरूकता अभियान शामिल हैं। और आने वाले समय में उत्तराखंड के बड़े शहरों में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।
सांसद श्री रावत ने सरकार की इन पहलों की सराहना करते हुए कहा कि स्वच्छ वायु का अधिकार नागरिकों का मौलिक अधिकार है, और इसके लिए किए जा रहे योजनाबद्ध प्रयासों का असर अब देश के कई महानगरों में दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड के बड़े शहरों में भी वायु गुणवत्ता को हमें सुधार देखने को अवश्य मिलेगा।
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