*धराली आपदा अपडेट*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुरूप जिला प्रशासन के द्वारा धराली गाँव के आपदा प्रभावित 112 परिवारों को रु. 5 लाख प्रति परिवार के दर से तात्कालिक सहायता की धनराशि के चैक वितरित किये जा चुके हैं।
धराली में आपदा से प्रभावित क्षेत्र के स्थलीय निरीक्षण तथा इस घटना के संभावित कारणों को जानने के लिए शासन के द्वारा गठित विशेषज्ञों की टीम बुधवार को धराली पहॅूंची।
विशेषज्ञों की इस टीम में उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र (ULMMC) के निदेशक शांतनु सरकार, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की (CBRI) के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डी. पी. कानूनगो, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण(GSI) के निदेशक रवि नेगी, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर अमित कुमार एवं ULMMC के प्रधान सलाहकार मोहित कुमार शामिल हैं।
विशेषज्ञों की इस टीम ने आज प्रभावित क्षेत्र में अनेक स्थलों पर जाकर आपदा से हुए नुकसान, उसकी प्रवृत्ति एवं कारणों की मौके पर व्यापक पड़ताल की। टीम ने मलवे के नमूनों को भी परखा तथा खीरगाड के प्रवाह क्षेत्र और मलवे के प्रसार का भी जायजा लिया। विशेषज्ञ टीम ने स्थानीय लोगों से भी घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस टीम के स्थलीय निरीक्षण का सिलसिला गुरूवार को भी जारी रहेगा।
उत्तरकाशी:
धराली हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के बाद वहां से रेस्क्यू कर लाए गए स्थानीय लोगों को प्रशासन द्वारा दैनिक जरूरत का सभी समान वितरित किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आपदा से प्रभावित परिवारों तक दैनिक उपयोग की सभी जरूरी वस्तुएं पहुंचायी जाए।
आपदा प्रभावित ऐसे लोग जो जिला मुख्यालय सहित मातली, बड़ेथी, ज्ञानसु, नेताला, गणेशपुर और भेला टिपरी आदि गांवों में प्रवास कर रहे हैं , प्रशासन द्वारा उन सभी के संबंधित पीड़ित परिवारों तक उनके घर–घर जाकर खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जा रहा है। प्राप्त सूचना के अनुसार अभी तक कुल 171 किटों को प्रभावितों तक वितरित किया जा चुका है।
वितरित की गई प्रत्येक किट में 10 किलो चावल, 5 किलो आटा, 2 किलो दाल, 2 किलो नमक, एक तिरपाल, दो थाली सहित सभी जरूरी बर्तन, रसोई का तेल और खाना बनाने की सभी सामग्री सहित दैनिक उपयोग की सभी जरूरी वस्तुएं शामिल है।
उक्त सामग्री का वितरण धराली के लोगों द्वारा बनाई गई धराली जन कल्याण आपदा सेवा समिति के अध्यक्ष संजय पंवार व अन्य प्रतिधियों तथा स्थानीय प्रशासन जिसमें एक पटवारी तथा दो अमीन शामिल है के माध्यम से किया गया।
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