देहरादून, 21 जुलाई।
*धामी सरकार का अल्टीमेटम : मरीजों की जिंदगी से नहीं होगा खिलवाड़, रैफर प्रक्रिया होगी जवाबदेह*
*स्वास्थ्य सचिव ने दिए निर्देश– रैफरल पर CMO-CMS की काउंटर साइन अनिवार्य, SOP तैयार करने के निर्देश*
*ज्वाइनिंग न करने वाले डॉक्टरों को नोटिस, होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई : डॉ. आर. राजेश कुमार*
राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और मरीज-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सोमवार को सचिवालय स्थित सभागार में सभी 13 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) और उप-जिला अस्पतालों के प्रमुख अधीक्षकों (CMS) के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की।
*मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया होगी जवाबदेह, हर रेफरल पर देना होगा ठोस कारण*
स्वास्थ्य सचिव ने रैफरल प्रणाली को लेकर खासतौर पर नाराजगी जताई और इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अब अस्पतालों से मरीजों को अनावश्यक रूप से रेफर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि अस्पतालों की लापरवाही या संसाधन प्रबंधन की कमी के कारण मरीजों को बिना किसी स्पष्ट कारण के रेफर कर दिया जाता है, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है। उन्होंने निर्देश दिए कि हर रेफरल की जिम्मेदारी संबंधित CMS पर होगी। हर रेफरल को CMS की काउंटर-साइनिंग के साथ वैध और ठोस कारणों से ही किया जाना अनिवार्य होगा। यदि किसी केस में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई या कारण अपर्याप्त पाया गया तो उस अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया कि रैफरल से संबंधित एक स्पष्ट SOP तैयार की जाए, ताकि पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ रेफरल की प्रक्रिया अपनाई जा सके।
*आपातकालीन एंबुलेंस सेवा 108 नहीं मिली तो स्थानीय संसाधनों से हो मरीज की मदद*
बैठक में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को लेकर भी व्यापक चर्चा हुई। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने निर्देश दिए कि अगर किसी परिस्थिति में मरीज को समय पर 108 एंबुलेंस सेवा और विभागीय एंबुलेंस सेवा दोनों उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो स्थानीय अस्पतालों को तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि CMO और CMS की यह जिम्मेदारी होगी कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज को अस्पताल या उच्च चिकित्सा सुविधा तक ले जाने के लिए सरकारी अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सेवा उपलब्ध कराई जाए। हमारी प्राथमिकता मरीज की जान है, न कि प्रक्रिया की जटिलता। इसके लिए पहले से एक स्थानीय एंबुलेंस नेटवर्क और संसाधन सूची भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए।
*मृतकों के परिजनों को नहीं उठाना पड़ेगा शव ले जाने का बोझ*
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस गंभीर समस्या की भी ओर ध्यान दिलाया कि कई बार मृत्यु के बाद मृतक के परिजनों को शव को घर ले जाने में काफी परेशानी होती है, खासकर जब जनपद में मोर्चरी वाहन या शव वाहन उपलब्ध नहीं होता। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी स्थिति में संबंधित अस्पताल प्रशासन या CMO स्वयं संसाधन जुटाकर यह सुनिश्चित करें कि शव को सम्मानपूर्वक परिजनों तक पहुंचाया जाए। एक परिवार को और कष्ट न झेलना पड़े, यह हमारी नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है ।
ज्वाइनिंग न करने वाले डॉक्टरों को नोटिस, होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन डॉक्टरों को पोस्ट-पीजी ट्रेनिंग के बाद 13 जून को स्थानांतरण आदेश जारी किए गए थे और उन्होंने अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उन्हें तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। डॉ. कुमार ने कहा कि सेवा शर्तों की अवहेलना को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आवश्यकतानुसार संबंधित डॉक्टरों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। बैठक में महानिदेशक सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपागी, निदेशक डॉ. सी.पी. त्रिपाठी, अनुसचिव अनूप मिश्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में शहरी विकास विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए इस काम में जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले नगर निकायों को प्रोत्साहित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के साथ ही स्ट्रीट लाईट, सीवर लाईन, पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन, ई वेस्ट के निस्तारण सहित नागरिक सुविधाओं की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जांय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नगर निकायों के राजस्व बढ़ाने के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नए पार्कों के निर्माण के साथ ही पुराने पार्कों के सौंदर्यीकरण व बेहतर रख-रखाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। शहरी विकास विभाग के अधीन संचालित 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता वाली योजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य किया जाय।
बैठक में सचिव शहरी विकास श्री नितेश झा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त देवभूमि रजत जयंती पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्कों में योग, वॉक और ओपन जिम की सुविधा भी होगी। 9 नवंबर 2026 तक सभी पार्क बनकर तैयार हो जाएंगे। नगर क्षेत्रों में प्रतिवर्ष पचास लाख लीटर वर्षा जल संचय करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। राज्य के सभी 11 नगर निगमों में केन्द्रीयकृत नित्रंण व प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से स्ट्रीट लाईट प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।
बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव श्री गौरव कुमार, सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मनोज पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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