मुख्यमंत्री योगी का भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा सराहना किया जाना एक गर्व का विषय है
जनपद ललितपुर की जेल की घटना पर जो पूर्व सांसद को वीआईपी व्यवस्था की जा रही है ।
जेल मैनुअल के अनुसार जेल प्रशासन को जेल डीआईजी को तत्काल निलंबित करना चाहिए ।
लखनऊ;
डॉक्टर मुरलीधर सिंह अधिवक्ता, मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ
द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गवई द्वारा पावरफुल मुख्यमंत्री बताना एवं एक प्रतिभाशाली नेता बताना सौभाग्य का विषय बताया गया है। उन्होंने कहा कि आज हमें विशेष रूप से सीएम योगी की टीम को बेहतर बनाना आवश्यक हैं
अधिकारी जनता के पत्रों का जवाब नहीं देते जबकि योगी स्वयं एक अच्छे नेता है। उनको मैं व्यक्तिगत रूप से 1996 से जानता हूं ।
इसी प्रकार प्रशांत कुमार जो डीजीपी रिटायर हुए हैं उनको भी अवनीश अवस्थी की तरह अपना विशेष सुरक्षा सलाहकार उन्हें बनाना चाहिए। प्रशांत कुमार बिहार के रहने वाले हैं तथा एक सौम्य अधिकारी है उनके कार्यकाल में वाराणसी जनपद में 94/95 में हमारे द्वारा कार्य भी किया गया है इसी अनुभव के आधार पर मुख्यमंत्री को बताना चाहते है कि उन्हें अपना सुरक्षा सलाहकार बनायेन।
ललितपुर जेल में कैद पूर्व सांसद को वीआईपी व्यवस्था दिया जाना जे।ल मैनुअल के खिलाफ है ।नियमानुसार डीआईजी जेल को तीन माह के अंदर निरीक्षण करना होता है । जो उनके द्वारा नहीं किया गया। क्या, साथ ही जिलाधिकारी ललितपुर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा भी प्रत्येक 3 माह में जेल का निरीक्षण नही किया जाना था। यदि नहीं किया गया इसमें पूरा शासन प्रशासन संदेह के घेरे में है। इससे पूर्वांचल के साथ-साथ बुंदेलखंड के माफियाओं का गठबंधन प्रतीत होता है।
इस पर सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ।
प्रदेश के बाहर के भी अपराधियों के गठबंधन से इनकार नहीं किया जा सकता ललितपुर का जेल एक संवेदनशील स्थान पर शहर के बीचों बीच स्थित है।
इस पर भी सतर्कता पर रखनी चाहिए जो इसे जिम्मेदार अधिकारी हो तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ।
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