कुछ किताबें केवल पढ़ी नहीं जातीं बल्कि वे अनुभव की तरह दिल में उतरती हैं। ‘The Emergency Diaries: Years that Forged a Leader’ ऐसी ही एक कृति है। यह उन सालों की साक्षी है जब बोलना गुनाह था और चुप रह जाना आत्मसमर्पण।
इन पन्नों में एक ऐसे व्यक्तित्व की छाया मिलती है, जिन्होंने उस सन्नाटे में भी अपने विचारों की मशाल जलाए रखी। संघर्ष की आंच में तपकर जो नेतृत्व आज विश्वमंच पर भारत की आवाज़ बन चुका है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की जीवनयात्रा का यह अध्याय पढ़ते हुए मन गर्व से भर उठता है।
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