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 कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए समुचित प्रबंधन के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान  कैंचीधाम मेले की व्यापकता और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि तात्कालिक उपायों से मेले के वर्तमान संचालन को बेहतर बनाया जाए, वहीं मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से स्थायी एवं सुदृढ़ प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप से आगे तक लगभग 3 किलोमीटर मार्ग पर हो रही कटिंग कार्य को युद्धस्तर पर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए, ताकि यातायात व्यवस्था को और बेहतर किया जा सके।


जिलाधिकारी नैनीताल श्रीमती वंदना सिंह ने जानकारी दी है कि प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम मेले में श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिवर्ष तेजी से बढ़ रही है। एक साल में लगभग 24 लाख श्रद्धालुओं ने कैंची धाम  में  दर्शन किए, जबकि पूर्व वर्षों में यह संख्या औसतन 8 लाख के आसपास रही थी। इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में और अधिक वृद्धि की संभावना है।


जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि कैंची धाम की धारण क्षमता कम है, जबकि मेले के दौरान क्षमता से अधिक कई गुना श्रद्धालु आते है। इस वर्ष  2.5 लाख से 03 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए व्यवस्थित प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने भविष्य में  कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था लागू करने एवं अधिकतम सीमा निर्धारित करने का सुझाव दिया, जिससे यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जा सके।


इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी अंशुमान, वर्चुअल माध्यम से आईजी कुमाऊं श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, एस.एस.पी  नैनीताल श्री पी. एस. मीना उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए गुप्तकाशी एवं ज्योर्तिमठ में एक्सिस बैंक की नई शाखाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया। 


मुख्यमंत्री ने गुप्तकाशी एवं ज्योर्तिमठ में एक्सिस बैंक की नई शाखाओं के शुभारंभ पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे सीमांत क्षेत्रों में आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार होगा। यह कदम वित्तीय समावेशन साथ क्षेत्रीय विकास को गति प्रदान करेगा। गुप्तकाशी और ज्योर्तिमठ दोनों ही चार धाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। इन स्थानों पर बैंक की शाखाएं खुलने से स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालुओं को भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार, प्रदेश में सभी बैंकों के आवश्क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हर संभव मदद करेगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योर्तिमठ में भारत सरकार के सहयोग से 1700 करोड़ से भी अधिक की लागत से पुर्नावास की योजना का काम गतिमान है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विकसित भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है। यह संकल्प तभी पूरा होगा, जब अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा से जोड़ जा सकेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जन धन योजना, मुद्रा योजना, जैसी अनेक योजनाएं से देश के प्रत्येक नागरिक को बैंकिंग सेवा से जोड़ने का काम किया है। देश में 55 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए हैं। अब इन खातों के माध्यम से किसी भी योजना के लाभार्थियों का पैसा सीधे उनके खातों में पहुंच रहा है। 


मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार वित्तीय समावेशन को सशक्त करने के लिए कार्य कर रही है। वित्तीय अनुशासन बनाने में देवभूमि उत्तराखंड दूसरे स्थान पर आया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में हमारे प्रदेश का प्रथम स्थान आया है। राज्य सरकार का प्रयास है बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा जैसी सेवाओं हर नागरिक तक पहुंचे। राज्य सरकार ई गवर्नेंस, मोबाइल एप, डिजिटल सेवाओं को गांव गांव तक पहुंचा रही है। जिससे लोगों का जीवन आसान हो रहा है। 


इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट, विधायक श्री बंशीधर भगत,  डॉ. मोहन सिंह बिष्ट,  श्रीमती आशा नौटियाल, एक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक श्री अमिताभ चौधरी, अपर सचिव श्री मनमोहन मैनाली मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में वन्यजीव बोर्ड की 21वीं बैठक के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को वनों के संरक्षण के साथ ही वन संपदाओं को लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि ईकोलॉजी और ईकोनॉमी में संतुलन बनाते हुए आगामी 10 सालों के लिए विस्तृत प्लान करते हुए वन क्षेत्रों के आस-पास ईको-टूरिज्म की गतिविधयों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को कम करने के साथ ही ऐसी घटनाओं में त्वरित मुआवजा वितरण के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाए। 


मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि हल्द्वानी में जू एण्ड सफारी के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि वन विश्राम भवनों का रख-रखाव पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के जीर्णोधार से संबंधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने नवाचार पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड वनों की बहुलता वाला प्रदेश है, इसलिए वन संपदाओं को आर्थिकी से जोड़ने के प्रयास किये जाए, इसके लिए वन विभाग और वित्त विभाग बैठक करें। महासीर के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। 


मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संरक्षित क्षेत्रों के अन्तर्गत एवं संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी. परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तान्तरण एवं अन्य प्रकरणों पर कुल 25 निर्णयों पर अनुमोदन दिया गया। जिन्हें राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को भेजा जायेगा। बैठक में श्री रूद्रनाथ यात्रा मार्ग को ई.डी.सी के माध्यम से संचालित किये जाने एवं केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, गोपेश्वर के क्षेत्रान्तर्गत मिनी ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना के लिए भी सैद्धांतिक सहमति दी गई। 


 बैठक में जानकारी दी गई कि 20वीं बोर्ड बैठक से अब तक राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा उत्त्राखण्ड की महत्वपूर्ण 22 परियोजनाओं पर सहमति दी जा चुकी है। बैठक में जानकारी दी गई कि विगत 03 वर्षों में 75 हजार से अधिक बंदरों का बंध्याकरण किया जा चुका है। इस वर्ष 27 वन प्रभागों में 40 हजार बंदरों के बंध्याकरण का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा गत बैठक में दिये गये निर्देश के क्रम में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना के बाद प्रभागीय वनाधिकारी मौके पर पहुंचते हुए और पीड़ित परिवार को तत्काल अनुमन्य राशि प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 19.55 करोड़ रूपये का मुआवजा प्रदान किया गया। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024 के अन्तर्गत राज्य में चार नये ईको पर्यटन जोन प्रारंभ किये गये हैं। 


वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। वन संपदाओं के सही उपयोग और इसे लोगों की आजीविका से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें नये डेस्टिनेशन विकसित करने की दिशा में कार्य करने होंगे। 


बैठक में विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री दीवान सिंह बिष्ट, प्रमुख सचिव वन श्री आर. के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव श्री आर.के.मिश्रा, सचिव श्री बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, श्री नीरज खैरवाल और सबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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