बिहार/लखीसराय;
रिपोर्ट: विवेक यादव
लखीसराय.आज जब भारत में नारी को देवी माना जाता है, जब उसे “मातृशक्ति” और “जननी” के रूप में पूजा जाता है, तब उसी भारत में एक शिक्षिका की आस्था, आत्मा और गरिमा को जिस बर्बरता से कुचला गया, वह “द्रौपदी के चीरहरण” की पुनरावृत्ति जैसा प्रतीत होता है।
बिहार के लखीसराय जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला शिक्षिका को घर और ज़मीन दिलाने का झांसा देकर न सिर्फ़ 50 लाख रुपये की ठगी की गई, बल्कि लगातार बलात्कार, मारपीट, अश्लील वीडियो बनाने और वायरल करने की धमकियाँ भी दी गईं। यह मामला नारी अस्मिता, कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के नाम पर देश-प्रदेश की चुप्पी पर करारा तमाचा है।
पीड़िता जो उत्क्रमित उच्च विद्यालय सिंघौल, लखीसराय में संगीत शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं, ने थाने में दायर शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि आरोपी अबोध कुमार, पिता-मिट्ठू ताँती, लोसघानी हाई स्कूल अभयपुर लखीसराय में BPSC से संगीत शिक्षक के रूप में नियुक्त है और काजी टोला, सूर्यगढ़ा का निवासी है , ने पहले उन्हें विश्वास में लिया, जमीन और घर दिलाने का झांसा दिया और फिर विभिन्न माध्यमों से कुल ₹50 लाख रुपये ठग लिए। इनमें नकद, चेक और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के साक्ष्य पीड़िता ने संलग्न भी किए हैं।
जब शिक्षिका ने अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की तो अबोध कुमार ने उन्हें अपने घर पर बुलाकर जबरदस्ती बलात्कार किया और धमकाया। यह शारीरिक शोषण कई बार दोहराया गया। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने चुपके से उनके अश्लील फोटो और वीडियो बनाए और धमकी दी कि अगर वह किसी से कुछ कहेगी, तो यह सब वायरल कर दिया जाएगा।
इस घटना को लेकर पीडिता के अंदर डर और दहशत का माहौल बना हुआ है। आरोपी ने न सिर्फ़ पीड़िता को, बल्कि उनके 14 वर्षीय बेटे को भी जान से मारने की धमकी दी। उसने खुद को एक प्रभावशाली व्यक्ति “प्रहलाद यादव का आदमी” बताया और धमकाया कि वह पीड़िता को बालु घाट कियूल नदी में में ज़िंदा गाड़ देगा और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
इतना ही नहीं, आरोपी ने शिक्षिका से जबरन उसका मोबाइल छीन कर उसके ही फोन से अश्लील मैसेज खुद को भेजे ताकि बाद में उसे बदनाम किया जा सके। उसने महिला को बैंक लोन के लिए गारंटर भी बनाया, जिससे पीड़िता अब और भी आर्थिक और मानसिक त्रासदी में फंसी हुई है।
अब तो सुशासन बाबू के राज में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का नारा साक्षात दिखाई देने लगा है । जहां बेटी पढ़ाओ तक मामला तो ठीक है लेकिन बेटी बचाओ को लेकर सरकार की योजना में घुन लग और दीमक लग गई है। यह मामला न केवल एक व्यक्ति विशेष की दरिंदगी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बिहार में महिलाएं—भले ही वे शिक्षिका जैसे गरिमामय पद पर हों—कितनी असुरक्षित हैं। यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के “नारी सशक्तिकरण” के नारों पर गहरे प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। लग रहा है की बिहार में लॉ एण्ड ऑर्डर विधवा हो गई है । क्या बिहार सरकार, महिला आयोग और कानून व्यवस्था अब भी सोती रहेगी? इस घटना के बाद समाज का हर संवेदनशील नागरिक यह पूछने को बाध्य है कि—क्या यही है “सुशासन” का चेहरा? क्या बिहार में कोई महिला सुरक्षित है? क्या अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है?
अब देखना यह है कि प्रशासन, महिला आयोग, शिक्षा विभाग और सरकार इस मामले में किस प्रकार की त्वरित, पारदर्शी और कठोर कार्रवाई करती है। यदि अबोध कुमार जैसे दरिंदों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल न्याय प्रणाली बल्कि समाज की नैतिकता पर भी कलंक होगा। यह कोई एक महिला की लड़ाई नहीं, यह हर बेटी, बहन और माँ की अस्मिता की लड़ाई है। अब वक्त है कि समाज इस अपराध के विरुद्ध एकजुट हो।
महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल, समाज को चाहिए सख्त कदम
यह मामला सिर्फ एक शिक्षिका का नहीं, बल्कि उन सैकड़ों महिलाओं की आवाज़ है जो डर, सामाजिक दबाव और बदनामी के भय से चुप रहती हैं।
इस मामले में IPC की गंभीर धाराएं लगाई जा सकती है जैसे:
धारा 376 (बलात्कार)
धारा 420 (धोखाधड़ी)
धारा 506 (धमकी)
धारा 354 (शारीरिक शोषण)
आईटी एक्ट 67 (अश्लील वीडियो प्रसारित करने की धमकी)
लागू होती हैं, जिनके तहत तत्काल गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई अनिवार्य है।
मुख्य मांगे और सुझाव:
आरोपी की अविलंब गिरफ्तारी की जाए
पीड़िता को सुरक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता दी जाए
आरोपी के स्कूल में जांच कमिटी गठित हो
महिला शिक्षकों और छात्राओं के लिए हेल्पलाइन और लीगल सपोर्ट यूनिट बने
यदि ऐसे अपराधों को समय रहते गंभीरता से न लिया गया, तो समाज में भरोसे और सुरक्षा की बुनियाद कमजोर हो जाएगी।
समाज को इस तरह की घटनाओं के प्रति संवेदनशील और जागरूक होना चाहिए। महिलाओं को अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की ठगी या शोषण होने पर तुरंत पुलिस और महिला आयोग को सूचित करना चाहिए।
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