नई दिल्ली:
*सीबीआई कोर्ट ने पोलाची यौन उत्पीड़न मामले में नौ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई*
वर्ष 2019 में पोलाची (तमिलनाडु) में हुए यौन उत्पीड़न मामले में एक ऐतिहासिक फैसले में, अदालत ने सभी 9 आरोपपत्रित आरोपियों को कानून की विभिन्न धाराओं के तहत यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराया, जिसमें 8 पीड़ितों के साथ सामूहिक बलात्कार भी शामिल है।
वर्ष 2019 में बड़े हंगामे के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था। जांच के बाद 9 आरोपियों के खिलाफ कुल 3 आरोपपत्र दाखिल किए गए।
कुल 48 गवाहों और 206 दस्तावेजों की जांच की गई। इस संवेदनशील मामले की जांच सीबीआई ने अत्यंत सावधानी और वैज्ञानिक तरीके से की, जांच के दौरान सभी वैज्ञानिक साक्ष्यों को बड़ी मेहनत से एकत्र किया।
इसके अलावा, सभी 8 पीड़ितों को जांच के दौरान और विशेष रूप से नामित न्यायालय में आयोजित मुकदमे की कार्यवाही के दौरान सीबीआई द्वारा पर्याप्त भावनात्मक और नैतिक समर्थन दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़ितों की गोपनीयता और पहचान का उल्लंघन न हो।
गवाहों को भी उचित सुरक्षा दी गई और यह उल्लेख करना उचित है कि एक भी गवाह मुकर नहीं गया।
जांच के दौरान और मुकदमे के दौरान सीबीआई की समर्पित टीम के काम के परिणामस्वरूप सभी 9 आरोपियों को दोषी ठहराया गया, जो अपनी गिरफ्तारी की तारीख से लेकर मुकदमे की समाप्ति तक न्यायिक हिरासत में थे।
सभी आरोपियों को *मृत्यु तक आजीवन कारावास* की सजा सुनाई गई है। उन्हें अन्य अपराधों के लिए भी सजा सुनाई गई है।
साथ ही पीड़ितों को जिला कानूनी सहायता प्राधिकरण द्वारा भुगतान किए जाने वाले 85 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
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