लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती, सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक सुधारों का विराट उत्सव: त्रिवेंद्र
आज विकासनगर, देहरादून में लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर जी की 300वीं जयंती के पावन अवसर पर समस्त पाल-गडरिया समाज द्वारा एक भव्य रैली एवं जनसभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में हरिद्वार से सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। अध्यक्षता पूर्व राज्य मंत्री श्री खीम सिंह पाल और मुनेश पाल जी ने की।
इस अवसर को केवल एक समारोह न मानते हुए, इसे भारत की सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक सुधारों के उत्सव के रूप में मनाया गया। सांसद हरिद्वार श्री रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संपूर्ण भारतवर्ष में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को स्मरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में अनेक राजा-रानियों ने शासन किया, लेकिन देवी अहिल्याबाई एक ऐसी पुण्यश्लोका विभूति रहीं, जिन्हें आज भी राष्ट्र प्रातः स्मरणीय के रूप में पूजता है। उन्होंने कहा कि लोकमाता ने सती प्रथा के उन्मूलन, महिला शिक्षा के प्रोत्साहन, तथा स्त्रियों को संपत्ति में अधिकार दिलाने जैसे साहसिक कार्यों से समाज में व्यापक बदलाव लाया। श्री रावत ने कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों में देवी अहिल्याबाई का स्मरण पीढ़ियों से संस्कार के रूप में होता आया है।उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के जिस मजबूत भवन की नींव अहिल्याबाई होल्कर जी ने रखी, उसे वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने और अधिक मजबूती प्रदान की है — “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र को यथार्थ में बदलते हुए। श्री रावत ने ने सभी से आग्रह किया कि हम सभी देवी अहिल्या बाई होल्कर जी के आदर्शों को आत्मसात करें और समाज में समानता, शिक्षा और सेवा की भावना को आगे बढ़ाएं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में पाल-गडरिया समाज के लोग उपस्थित रहे|
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