श्री राम हमारे देश की संस्कृति का आधार है, भारत भूमि के श्वास है,उनका स्मरण मात्र ही हमारे सभी तापों को नष्ट कर देता है. अयोध्या की पवन भूमि पर जन्मे मर्यादा पुरुषोतम श्री राम के जन्मोत्सव को रामनवमी के रूप में देश भर में अनंत काल से मनाया जाता रहा है और मनाया जाता रहेगा.
अयोध्या और पूरे भारतवर्ष में श्रीरामलला के जन्मोत्सव किभव्य तैयारियां की गई है।
*मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी रामनवमी की बधाई*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रामनवमी के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी है। रामनवमी की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं, उनका आदर्श चरित्र हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम का व्यक्तित्व धैर्य, मर्यादा, त्याग, तपस्या, नैतिक आचरण, सदाचार व परोपकार से युक्त गुणों का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री राम ने स्वयं ब्रह्मस्वरुप होते हुए भी मानव रूप में हम सभी के कल्याण के लिए अवतार लिया तथा आदर्श व सद्चरित मनुष्य का जीवन कैसा होना चाहिए इस का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने जीवन में आई तमाम कठिनाईओं का सामना जिस आदर्शता के साथ किया वह मानव समाज के लिए सदैव प्रेरणा देने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्री राम के व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिये। राम नवमी का पावन पर्व हम सबके जीवन में सुख शांति व समृद्धि लाए इसकी भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।
ऐसे करें रामनवमी का पूजन, न भूलें हनुमान जी को
राम नवमी के दिन स्नान कर उत्तर दिशा में मंडप बनाकर राम दरबार की मूर्ति, प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। हनुमान जी को विराजमान करें। इस दिन भगवान राम का मय पंचायतन करना चाहिए। इस मंडप में विराजमान सीता, राम, लक्ष्मण, हनुमान जी का विविध उपचारों (जल, पुष्प, गंगाजल, वस्त्र, अक्षत, कुमकुम) आदि से पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद आरती का आयोजन करना चाहिए।
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