देहरादून :
।एक ओर उत्तराखंड सरकार उपनल कर्मियों के नियमितीकरण की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारी राज्य बीमा योजना, उत्तराखंड में कार्यरत उपनल और आउटसोर्स कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। दिनांक 30 मार्च 2025 को जारी आदेश संख्या 1833 के अनुसार, राज्य में श्रम चिकित्सा सेवाओं से जुड़े विभिन्न पदों पर नियुक्त उपनल और आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवाएं 31 मार्च 2025 से समाप्त मानी जाएंगी।
इस आदेश के विरुद्ध राज्यभर के कर्मियों में रोष है। उनका कहना है कि जब माननीय मुख्यमंत्री स्वयं उपनल कर्मियों के स्थायीकरण की घोषणा कर चुके हैं, तो ऐसे में उनकी सेवाएं समाप्त करना सरकार की कथनी और करनी में अंतर को दर्शाता है।
उपनल और आउटसोर्सिंग के माध्यम से वर्षों से सेवा दे रहे कर्मी सीमित संसाधनों में भी पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे थे। उनकी सेवाएं अचानक समाप्त कर देना न केवल सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह प्रशासनिक असंवेदनशीलता को भी उजागर करता है।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कर्मचारी राज्य बीमा औषधालयों में दवाओं का वितरण तक बाधित हो गया है। कुछ स्थानों पर तो यह कार्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से करवाया जा रहा है, जो न केवल असंवैधानिक है बल्कि रोगियों की जान के साथ सीधा खिलवाड़ भी है।
कर्मियों और आम जनता की मांग है कि सरकार इस आदेश को तुरंत निरस्त करे और लंबे समय से कार्यरत कर्मियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए।
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