बहुद्देश्यीय शिविर के जरिए प्रदेशवासियों को सरकारी योजनाओं का मिला लाभ*
*शिविरों के तहत विभिन्न योजनाओं के चेक और उपकरण भी वितरित किए गए*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने गत सप्ताह तीन साल का सफल कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में सेवा, सुशासन और विकास के तीन वर्ष थीम पर बहुउद्श्यीय शिविर आयोजित किए गए। जिसमें हजारों की संख्या में प्रदेशवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया। साथ ही राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से सफलता के मॉडल स्थापित करने वाले लाभार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
*किसान संघ को वितरित किया ड्रोन*
इस दौरान चम्पावत में कृषि विभाग द्वारा गोल्ज्यू किसान उत्पादक संघ को 75 प्रतिशत अनुदान पर ड्रोन वितरित किया गया। फार्म मशीनरी बैंक झालाकुड़ी के जय भूमियाल देवता स्वयं सहायता समूह को तीन पावर वीडर, तीन आटा चक्की सब्सिडी पर वितरित की गई। इसी तरह नंदा गौरा योजना के पांच लाभार्थियों को 50 – 50 हजार रुपए के चेक वितरित किए गए। लोहाघाट में अटल आवास योजना के 10 और बाराकोट में चार लाभार्थियों को 60 – 60 हजार रुपए के चेक वितरित किए गए। हरिद्वार जनपद में 11 शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 21 हजार से अधिक लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया गया।
*यूसीसी पंजीकरण और रोजगार*
बहुउद्देशीय शिविरों के तहत बड़ी संख्या में समान नागरिक संहिता के तहत पंजीकरण भी किए गए। अकेले उधमसिंह नगर में यूसीसी के तहत 23 पंजीकरण सम्पन्न किए गए। नैनीताल जिले के हल्द्वानी में आयोजित शिविर में सेवायोजन विभाग की ओर से 128 युवाओं को विभिन्न कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस दौरान प्रदेश में 236 से अधिक दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाए गए साथ ही करीब 300 दिव्यांगों को कृत्रिम उपकरण वितरित किए गए।
*महिला समूहों की बिक्री*
टिहरी जिले में आयोजित सुशासन सप्ताह के तहत आयोजित शिविरों में महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल लगाए गए, जिसके जरिए समूहों की कुल चार लाख 34 हजार रुपए की बिक्री हुई। इस दौरान उत्तरकाशी जिले में 92 महिला स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं के चेक वितरित किए गए, पौड़ी जिले में भी 10 स्वयं सहायता समूहों को कुल 15 लाख की धनराशि के चेक वितरित किए गए। सहकारी समिति की ओर से भी सात लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के 09 लाख 40 हजार का ऋण वितरित किया गया।
*प्रदेश सरकार हर तरह से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अधिकारियों को लगातार जन संवाद और दूर दराज के क्षेत्रों में विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी सरकार अंतोदय के विकास के लिए समर्पित है।*
*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड*
-विभागों द्वारा माह दिसम्बर तक बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च करने के सीएम धामी के निर्देश
राज्य के समावेशी विकास के लिए नये संसाधन जुटाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। विभागों द्वारा माह दिसम्बर तक बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च किया जाए। लक्ष्य के हिसाब से बजट प्राप्ति और खर्च की सचिव अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करें। हर माह मुख्य सचिव और तीन माह में मुख्यमंत्री स्वयं इसकी समीक्षा करेंगे। बजट खर्च की नियमित मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल सिस्टम लागू किया जाए। जीएसटी कलक्शन और बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में वित्त विभाग की समीक्षा के दौरान दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्राप्ति की दिशा में और प्रभावी प्रयास किये जाएं। केन्द्र पोषित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात तथा 70 और 30 के अनुपात की योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा जाए। विभागों द्वारा बजट का ससमय और सही तरीके से उपयोग हो इसके लिए नियोजन विभाग और वित्त विभाग अन्य विभागों के साथ नियमित बैठक करें। राज्य की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जाए। आगामी 10 सालों और 2050 में राज्य की गोल्डन जुबली वर्ष तक राज्य की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए। नवाचार और एआई की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के साथ मानव संसाधन की क्षमता विकास, शिक्षा स्वास्थ्य और खेल में निवेश करना होगा। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण करने के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सब्सिडी पात्र लोगों को ही मिले।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राजस्व के प्रमुख स्रोत राज्य कर, वन, ऊर्जा, जल कर की नियमित समीक्षा कर बजट लक्ष्यों की प्राप्ति की जाए। जल जीवन मिशन और अटल आयुष्मान योजनाओं के बेहतर संचालन के लिए इनका प्रभावों का विश्लेषण किया जाए। बाजार से उधार को कम करने के साथ ही अवस्थापना विकास पर अधिक ध्यान दिया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले तीन वर्षों में राज्य की जीएसडीपी वृद्धि दर लगातार 13 प्रतिशत से अधिक रही। इस वित्तीय वर्ष में खनन राजस्व में लगभग 400 करोड़ की वृद्धि हुई है। पूंजीगत व्यय में 11 हजार करोड़ से अधिक का व्यय हुआ है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट के सापेक्ष व्यय प्रतिशत 90 प्रतिशत रहा।
बैठक में उत्तराखण्ड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बागेली, श्री दिलीप जावलकर, अपर सचिव श्री हिमांशु खुराना और श्री मनमोहन मैनाली उपस्थित थे।
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