Halloween party ideas 2015

 पेयजल शिकायतों का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम किया जाए*


सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल आपूर्ति के संबंध में जिलाधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। उन्होंने राज्य के हर गांव और शहर में पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की योजना में तेजी लाने, न्यूनतम समय में ट्यूबवेल को रिप्लेस करने, फायर हाइड्रेट को सुचारू रखने, कैचमेंट एरिया में वनीकरण और चेक डैम बनाने, सारा के साथ समन्वय बनाकर स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने और जल संवर्धन की नीति तैयार करने, दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर पंप का प्रयोग कर जलापूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। 


सीएम श्री धामी ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस साल अत्यधिक गर्मी की संभावना है। इसके लिए समस्त डीएम पेयजल किल्लत वाले स्थानों को चिन्हित कर कार्य योजना तैयार करे, कि किस प्रकार से उन क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही स्कूलों, पंचायतों और सोशल मीडिया के माध्यम से जल बचाने का संदेश फैलाया जाए।  उनहोंने कहा कि गर्मियों में फॉरेस्ट फायर की घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिए जंगलों से जाने पेयजल योजनाओं से वाल्व बनाए जाएं जिससे आग को तत्काल बुझाया जा सकें। 

CM instructions for cHardhaam, Nanda Rajjjaat ,


सीएम श्री धामी ने पेयजल के टोल फ्री नंबर को हर हाल में चालू रखने के निर्देश दिए। साथ ही टोल फ्री नंबर में दर्ज शिकायतों का समय से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। पानी का दुरुपयोग न हो इसके लिए सघन चैकिंग अभियान भी चलाया जाए। उन्होंने पानी की  लीकेजों को चिन्हित कर तत्काल मरम्मत तथा मरम्मत के लिए बफर सामाग्री एवं श्रमिकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। साथ ही मोटर पम्प, विद्युत उपकरण एवं पाईप स्पेयरस, के खराब होने पर उन्हें तुरंत सही किया जाए एवं जल की शुद्धता का भीविशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेंकरों की निगरानी एवं प्रभावी व्यवस्था हेतु टेंकरों पर जी०पी०एस० इनेबल सिस्टम की व्यवस्था हो एवं प्राइवेट टैंकरो हेतु पानी की दरें भी निर्धारित की जाएं।


सीएम ने कहा कि बरसात के जल को रोककर छोटे डैम और बैराज बनाए जाएंगे। इससे बरसात का पानी बर्बाद होने से बचेगा और गर्मियों के सीजन में जल का  सदुपयोग हो पाएगा। इसके लिए सभी डीएम तीन सप्ताह के भीतर अपने जिलों के स्थलों को चिन्हित कर प्रस्ताव उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही जिलों में सीरीज ऑफ चेक डैम बनाए जाने की भी योजना है। उन्होंने कहा पहाड़ों में अभी भी कई स्थानों पर घोड़े खच्चरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है,उन स्थलों के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए। 


बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, आयुक्त श्री विनय शंकर पांडे, सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, श्री रणवीर सिंह चौहान, श्री विशाल मिश्रा, श्रीमती अपूर्वा पांडेय सहित कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत और सभी जिलों के डीएम वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।


मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुरक्षित यात्रा की तैयारी में जुटा परिवहन विभाग


देहरादून;


 चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यात्रा रूटों पर किसी भी प्रकार की असुविधा और दुर्घटनाओं के खतरे को टालने के लिए 13 या इससे अधिक यात्री क्षमता के व्यावसायिक (कमर्शियल) वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। दूसरे राज्यों के ऐसे वाहनों को 15 दिन के लिए ही ग्रीन कार्ड मिलेगा जबकि उत्तराखंड के वाहनों के लिए पूरी यात्रा अवधि के लिए यह कार्ड मान्य होगा। आज शुक्रवार से ग्रीन कार्ड बनाने का काम शुरू भी कर दिया गया है। अभी 15 वाहनों के आवेदन आ चुके हैं।


ऋषिकेश के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेशानुसार परिवहन विभाग चारधाम यात्रा में सुरक्षित परिवहन व्यवस्था की तैयारियों में जुटा है। इसी उद्देश्य से ग्रीन कार्ड की व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया गया है। चालक को पर्वतीय मार्गों पर वाहन चलाने में दक्ष होना चाहिए। सभी प्रकार के कमर्शियल (व्यावसायिक) वाहनों को विभाग के तकनीकी अधिकारी के निरीक्षण रिपोर्ट के बाद ही ग्रीन कार्ड जारी किया जा रहा है। चालक के पास वाहन का फिटनेस प्रमाणपत्र, बीमा, प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र, परमिट से संबंधित सभी दस्तावेज होने अनिवार्य हैं।


*दूसरे राज्यों के चालकों के लिए हिल एंडोर्समेंट अनिवार्य*

चार धाम यात्रा पर आने वाले कमर्शियल वाहन चालकों के लिए अब हिल एंडोर्समेंट अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए चालक को आनलाइन आवेदन कर टेस्ट देना होगा। ऑनलाइन टेस्ट फॉर्म मिलने पर उसे संभागीय परिवहन अथवा सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद आवेदक की पर्वतीय रूट पर ड्राइविंग में दक्षता की परीक्षा होगी। जो परीक्षा में पास होगा, उनके लाइसेंस में हिल एंडोर्समेंट कर दिया जाएगा।


*दुर्घटना से बचाव के लिए कुछ अन्य मुख्य बिंदु*


-यात्रा मार्गों पर रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक व्यावसायिक (कमर्शियल) वाहनों के चलने पर पूरी तरह रोक रहेगी।

-चालक जूते या ट्रेकिंग शूज पहनकर ही वाहन चलाएं।

-वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से हो।

-वाहन के पृष्ठ भाग में त्रिकोणीय रेडियम बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।

-वाहन सुरक्षित स्थान पर ही पार्क करें।

उत्तराखण्ड देश का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म डेस्टिनेशन बनने की राह पर- सीएम धामी* 

 *अब  OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मो तथा वेब सीरीज को भी अनुदान* 

 *पर्यटन विभाग की मदद से नए शूटिंग स्थलों को चिन्हित किया जा रहा* 

उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म डेस्टिनेशन बनाने के संकल्प को दोहराते हुए सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार इस विषय में अत्यंत गंभीर है और ठोस रणनीति के साथ कार्य कर रही है | सीएम श्री धामी ने बताया कि हाल ही में हमारी सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मो तथा वेब सीरीज को भी अनुदान देने का प्राविधान किया है | नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, सोनी लाइव, जी तथा जियो हॉटस्टार पर रिलीज होने वाली फिल्मो और वेब सीरीज को अनुदान देने की व्यवस्था की गई है | 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को  देहरादून के सिल्वर सिटी मॉल में आयोजित गढ़वाली फीचर फ़िल्म "मेरी प्यारी बोई " के प्रीमियम में शामिल हुए |


  फिल्म की सफलता के लिए निर्माता-निर्देशक सहित पूरी टीम को बधाई देते हुए  सीएम श्री  धामी ने  कहा कि राज्य सरकार फिल्म निर्माण से जुड़े हर क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। फिल्म निर्माण से राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार की नई गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ ही राज्य के पर्यटन को भी नई मजबूती मिल रही है। 



सीएम श्री धामी ने बताया कि पर्यटन विभाग की मदद से नए शूटिंग स्थलों को चिन्हित कर उन्हें शूटिंग के लिए बढ़ावा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, ताकि फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी बढ़ावा दिया जा सके।


सीएम श्री धामी ने  कहा कि उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए हर संभव मदद दी जाएगी. राज्य सरकार ने नई फिल्म नीति-2024 लागू की है, जिससे यहां फिल्म बनाना और भी आसान हो गया है. फ़िल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के उत्तराखण्ड  भा रहा है | सिंगल विंडो सिस्टम के तहत शूटिंग की अनुमति दी जा रही है, जिससे प्रक्रिया तेज और सरल हो गई है. इसके अलावा, हिंदी और संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को उत्तराखंड में व्यय राशि का 30 फीसदी खर्च या अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है. बड़ी बजट (50 करोड़ रुपये से अधिक) और विदेशी फिल्मों पर भी राज्य में हुए खर्च का 30 फीसदी या अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलता है. यह योजना न केवल फिल्मों को प्रोत्साहित कर रही है बल्कि राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है|   राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के लिए राज्य में व्यय की गई राशि का अधिकतम 2 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।  सीएम श्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में शूटिंग के लिए कई खूबसूरत डेस्टिनेशन हैं. सरकार का मकसद है कि फिल्म इंडस्ट्री को बेहतर सुविधाएं देकर राज्य को फिल्म निर्माण का हब बनाया जाए |



सीएम श्री धामी ने कहा कि राज्य में फिल्मांकन के लिए बहुत अच्छा माहौल है। फ़िल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए जनता के साथ-साथ सरकारी विभागों से भी पूरा सहयोग मिला।  उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए कई मनमोहक डेस्टिनेशन हैं। पहाड़ों में भरपूर प्राकृतिक सुंदरता वाले कई स्थान हैं। राज्य का हर डेस्टिनेशन फिल्मांकन के लिए उपयुक्त है। आदि कैलाश, चकराता और माणा जैसे कई आकर्षक स्थान उत्तराखंड में हैं।



उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर देश भर से फिल्म निर्माता फिल्म शूटिंग के लिए राज्य में आ रहे हैं।

यहां फिल्मांकन की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार लगातार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। अभी तक 200 से अधिक फिल्मों की शूटिंग  उत्तराखंड में हो चुकी है |  नई फिल्म नीति राज्य में फिल्मों को बढ़ावा दे रही है। बॉलीवुड के साथ-साथ स्थानीय बोलियों पर आधारित फिल्मों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।



इस अवसर पर मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल एवं फ़िल्म की पूरी टीम सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।


लोक उत्सव के रूप में मनाई जाएगी नंदा राजजात यात्रा : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी*


*2026 में होनी है नंदा राजजात यात्रा*


*यात्रा में बेहतर भीड़ प्रबंधन, पर्यावरण की दृष्टि से प्रबंधन, सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए एसओपी बनाई जाए*


2026 में प्रस्तावित नंदा राजजात यात्रा को लोक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। स्थानीय लोगों की यात्रा में अधिकतम सहभागिता हो और सरकार सहयोगी की भूमिका में रहे। नन्दा देवी राजजात यात्रा से संबंधित अभिलेखों को संरक्षित किया जाएगा। यात्रा के अभिलेखों को लिखने एवं उनका संरक्षण गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय की मदद से किया जाएगा। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में नन्दा राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में दिए। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड की धरोहर है। उन्होंने अधिकारियों को नन्दा देवी राजजात यात्रा का देश विदेश में व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। भारतीय दूतावासों के माध्यम से भी संपूर्ण विश्व में नन्दा देवी राजजात यात्रा को पहुंचाया जाएगा, साथ ही उन्हें इस यात्रा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। इस यात्रा के माध्यम से विदेशों से भी उत्तराखंड को जोड़ते हुए इसे ऐतिहासिक रूप देना है। उन्होंने कहा कि राजजात यात्रा में उत्तराखंड की संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा, वाद्य यंत्रों की छाप दिखनी चाहिए। इसके लिए संस्कृति विभाग को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग लोक कलाकारों के लिए इस प्रकार की व्यवस्था बनाए जिससे उनको लगातार भुगतान हो। 


मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव को भी कार्ययोजना में शामिल करने की बात कही। जिससे बेहतर तरीके से यात्रा का संचालन हो। उन्होंने कहा कि यात्रा का मार्ग उच्च हिमालयी क्षेत्र और संवेदनशील है। यात्रा में बेहतर भीड़ प्रबंधन, पर्यावरण की दृष्टि से आपदा प्रबंधन, सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए एसओपी बनाई जाए। यात्रा मार्ग के साथ ही वैकल्पिक मार्गो का चिन्हीकरण और सुधार, आबादी वाले गांव में छोटी छोटी पार्किंग, पेयजल, शौचालय, इको टेंट कॉलोनी, गाड़- गदेरो का सौंदर्यीकरण, विद्युत आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्ग में बेहतर नेटवर्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यात्रा मार्ग में अस्थाई और स्थाई कार्यों को चिन्हित करते हुए स्थाई संरचनाओं की एक माह के भीतर शासकीय स्वीकृति प्रदान कराते हुए कार्य शुरू कराने के भी निर्देश दिए। आपदा विभाग को भू स्खलन वाले क्षेत्रों के चिन्हीकरण के साथ ही आवश्यतानुसार मार्ग में पर्याप्त मात्रा में जेसीबी, पोकलैंड के साथ ही ऑपरेटर तैनात रखने के भी निर्देश दिए। 


बैठक में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने बताया कि 2026 में भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से यात्रा शुरू होगी। लगभग 20 दिन की 280 किलोमीटर की यात्रा होती है । यह मां नंदा की मायके से ससुराल की यात्रा है, जो  नौटी के पास स्थित कासुवा से होमकुंड तक की है। 



बैठक में विधायक श्री अनिल नौटियाल , विधायक श्री भूपाल राम टम्टा, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांश, सचिव श्री नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, श्री शैलेश बगोली, श्री पंकज पांडेय, श्री सचिन कुर्वे, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पांडे, श्री विनोद कुमार सुमन सहित अन्य सचिवगण मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.