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 देहरादून के वरिष्ठ अधिवक्ता अमित तोमर द्वारा महिला पर एफआईआर दर्ज

ने उक्त महिला के खिलाफ पुलिस को शिकायत पत्र दिया था पुलिस ने उचित त्वरित कार्रवाई करते हुए सुसंगित BNS धाराओं में FIR दर्ज की है .




महिला पर आरोप है कि इन्होंने सोशल मीडिया पर अपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए राज्य के जनमानस के मध्य क्षेत्रीय भेदभाव फैलाने का प्रयास किया था ऐसा दूषित प्रयास राज्य की गरिमा को खंडित कर रहा था 

इस मामले में पुलिस प्रशासन निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने में प्रयासरत है ।


उत्तराखंड में रोज एनकाउंटर हो रहे। सभी आरोपियों को ठीक तीन इंच घुटने से नीचे पुलिस के शार्प शूटर गोली मार रहे और अगर एनकाउंटर की फर्द पढ़ लोगे तो आपके तोते उड़ जाएंगे। ये कुख्यात चोर उचक्के हमेशा पुलिस पर फायरिंग करते है जिसके प्रत्युत्तर में हमारे जांबाज़ खाकी के शेर फायरिंग करते है और ठीक घुटने से तीन इंच नीचे गोली मार देते है। आज तक किसी पुलिसकर्मी को कोई गोली लगना तो छोड़ो छू कर भी नहीं निकल पाई। इन निशानची पुलिसवालों को ओलिंपिक में भेजना चाहिए। इतनी गजब एक्यूरेसी?? सेल्यूट। 

ये एनकाउंटर करने वाले बेचारे सिपाही–दरोगा लेवल के लोग है जिनको चौकी थाने और मेडल के प्रलोभन में शायद उच्च पुलिस अधिकारी फांसते होंगे और इस्तेमाल करने के बाद भगा देते होंगे। क्योंकि जेल तो यही बेचारे सिपाही दरोगा ही जाते है। अब ये उच्च पुलिसकर्मी भी धामी भाई के आदेश पर ही काम करते होंगे अर्थात् धामी को लगता है कि यदि वो योगी को कॉपी – कैट करेगा तो उसको भी जनता प्यार करेगी और फर्जी इनकाउंटर पर भी ताली पीटेगी। पर उत्तराखंड एक पूर्ण शिक्षित प्रदेश है जहां यह थोथी बहादुरी और छिछोरे एनकाउंटर पर लोग प्रश्न पूछने का जिगर रखते है और पुलिसिया प्रणाली पर हँसते है।


सभी सिपाही दरोगा भाइयों से विनती है कि कोई भी एनकाउंटर करने से पहले अपना ज़मीर टटोल ले। किसी निर्दोष को गोली ना मारे क्योंकि जब आप पर मुकदमे होंगे तो आपके उच्च अधिकारी आसपास भी नहीं होंगे और मुख्यमंत्री तो कई बदल चुके होंगे। 

#विरुद्ध


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