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 इण्डस्ट्री 4.0 के अनुसार प्रदेश के 13 संस्थानों का उच्चीकरण टाटा टैक्नोलॉजी प्राईवेट लिमिटेड के माध्यम से किया जाना है, जिस हेतु प्रदेश के कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में आयोजित बैठक में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अधिकारियों द्वारा टाटा टैक्नोलॉजी प्राईवेट लिमिटेड के अधिकारियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।

Employment minister Saurabh Bahuguna signed MOU with Tata technology pvt limited


        बता दें कि उच्चीकरण हेतु चयनित प्रदेश के 13 संस्थानों में 3 जनपदों हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल में 2-2 संस्थान तथा 7 जनपदों देहरादून, उत्तरकाशी, नई टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत व अल्मोडा़ में 1-1 संस्थान शामिल हैं। एमओयू के अनुसार प्रत्येक आईटीआई में टीटीएल द्वारा सुझाए गये लेआऊट के अनुसार बिजली, पानी, फर्नीचर, एसी, जनरेटर आवश्यक पीसीसी, आरसीसी, एपोक्सी कोटिंग आदि मूलभूत सुविधाओं सहित 10 हजार वर्ग फुट की कार्यशाला का निर्माण राज्य सरकार को किया जाना है, जिस हेतु नाबार्ड से स्वीकृत रू0 79.0955 करोड की धनराशि के सापेक्ष प्रथम किश्त रू0 21.36 करोड माह नवम्बर 2024 में निर्गत किये गये हैं तथा निर्माण कार्य गतिमान हैं।


    सिविल कार्य के अतिरिक्त प्रत्येक आईटीआई के उच्चीकरण हेतु एमओयू में उपलब्ध कराये गये बिल ऑफ मेटिरियल के अनुसार उपकरण, साज सज्जा, मशीनरी, कम्प्यूटर आदि की स्थापना टाटा टैक्नोलॉजी द्वारा की जानी है जिस पर रू0 32.58 करोड़ प्रति संस्थान का व्यय होगा, इस प्रकार 13 संस्थानों पर रू0 423.54 करोड का व्यय होगा।


13 आईटीआई पर आने वाले व्यय का 87 प्रतिशत (रू० 368.48 करोड) टाटा टेक्नोलॉजी द्वारा वहन किया जायेगा तथा शेष 13 प्रतिशत (रू0 55.06 करोड $ जीएसटी) रू0 64.97 करोड राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

     प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु टाटा टैक्नोलॉजी द्वारा प्रथम दो साल तक 2 प्रशिक्षक एवं तीसरे साल 1 प्रशिक्षक रखा जायेगा।


    चयनित संस्थानों में राज्य के युवाओं की रोजगारपरकता में वृद्धि हेतु 6 दीर्घअवधि (1 से 2 वर्षीय)  मैकेनिकइलेक्ट्रिक व्हीकल, एडवांस सीएनसी मशीनिंग, इंडस्ट्रियल रोबोटिक एंड डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, बेसिक डिजाइनर एंड वर्चुअल वेरीफायर, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कंट्रोल एंड ऑटोमेशन, आर्टिजन यूजिंग एडवांस्ड टूल्स एवं इन दीर्घ अवधि पाठ्यक्रमों से सम्बन्धित 23 लघु अवधि (270 घण्टे से 390 घण्टे तक) के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे।

    मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुसार इस एमओयू से यह फायदा होगा कि बच्चों को आज की आधुनिक टेक्नालॉजी में प्रशिक्षित किया जायेगा तथा उन्हें देश ही नहीं विदेशों में भी जॉब के अवसर प्राप्त होगें। 


बैठक में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के सचिव सी रविशंकर, निदेशक संजय कुमार, ग्लोबल हैड एण्ड वाईस प्रेजीडेन्ट टाटा टेक्नोलॉजीज सुशील कुमार, नार्थ हैड टाटा टेक्नोलॉजीज रणधीर सिंह आदि उपस्थित थे।

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