बेटियों के सशक्त होने से परिवार, समाज और देश सशक्त होगा - श्रीमती मुर्मु
राष्ट्रपति की उपस्थिति में बागेश्वर धाम में हुआ 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह, राष्ट्रपति ने उपहार देकर की नव दम्पतियों के सुखमय जीवन की कामना की
गढा (छतरपुर) डा. रवीन्द्र अरजरिया;
देश वुमेन डेवलपमेंट को लेकर अग्रसर है। ऐसे समय में बेटियों को सबल और सशक्त बनाने में सहयोग करना समाज और सरकार का कर्तव्य है। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने के लिए जन-जन को प्रतिबद्ध होना होगा। बेटियों के सशक्त होने से परिवार, समाज और देश सशक्त होगा। सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए संत समाज हरसंभव प्रयास करे।
उक्त उद्गार देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने श्री बागेश्वरधाम में शिवरात्रि महापर्व पर आयोजित षष्ठम् विशाल 251 सामूहिक कन्या विवाह महोत्सव के आशीवार्द समारोह में मुख्य अतिथि की गरिमा से व्यक्त किये।
उन्होंने धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और श्री बागेश्वर धाम सेवा समिति द्वारा कराए जा रहे सामूहिक कन्या विवाह समारोह की सराहना की। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने नव दम्पतियों को उपहार भी दिए। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि समारोह में नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी के लिए विभिन्न वस्तुओं के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई मशीन जैसी उपयोगी वस्तुएं भी उपहार में दी जा रही हैं। राष्ट्रपति ने सामूहिक कन्या विवाह समारोह को जन सहयोग से जनकल्याण का श्रेष्ठ उदाहरण बताया।
मुख्य अतिथि के उद्बोधन से पहले मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विशेष अतिथि की गरिमा से राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा स्वयं उपस्थित होकर प्रदेश के वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को वर्ष-2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की सिद्धि के लिए सभी प्रतिबद्ध हैं। देश के विकास के लिए सामाजिक चेतना आवश्यक है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज के लिए अनुकरणीय हैं। समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मध्यप्रदेश पधारने पर अभिनंदन करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि बागेश्वर धाम में हनुमान जी के आशीर्वाद से सामाजिक बुराईयों को दूर करने का निरंतर कार्य किया जा रहा है। समाज में विद्यमान जातिगत दीवारों को तोड़ना आज के समय की आवश्यकता है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री के प्रयासों से जातिगत बाधाएं टूटी हैं और अलग-अलग जातियों के दूल्हे एक साथ घोड़ी पर बैठे हैं। जातिगत विषमताओं के खिलाफ लड़ते हुए समाज के सामने, शासन-सत्ता और संत की त्रिवेणी की मौजूदगी में सामूहिक विवाह आयोजित कर बागेश्वर धाम नए कीर्तिमान बना रहा है। समाज में प्रेम, सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र बढ़ाने के ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करने की बहुत आवश्यकता है।
श्रीमती मुर्मु के सम्मुख जोड़ों की वरमाला रस्म संपन्न हुई। राष्ट्रपति ने सभी जोडों के वधुओं को साडी तथा वर को सूट भेंट करने के क्रम में प्रतीक स्वरूप 3 जोड़ों को उपहार भेंट किए। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी जोडों को प्रदेश सरकार की योजनानुसार 51-51 हजार रुपये की सहायता राशि भेंट करने की घोषणा की। इस सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुईं 251 बेटियों में से 108 बेटियां जनजातीय समुदाय की हैं। पीठाधीश्वर ने मुख्य अतिथि को पीठाधीश्वर ने अंगवस्त्र, तुलसी की माला, हनुमान यंत्र, बालाजी सरकार का विग्रह, धाम से जुड़ा साहित्य और स्मृति चिन्ह भेंट किये। इसके पहले मुख्य अतिथि ने धाम की देव प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ यज्ञ में भी भागीदारी दर्ज की। समारोह में मुख्य अतिथि, विशेष अतिथि के अलावा पातांजिल योग पीठ के आचार्य बालकृष्ण तथा गीता मनीषी ज्ञानानन्द जी महाराज सहित खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा भी मंचासीन रहे जबकि पंडाल में लगभग 20 देश के एन.आर.आई., देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे संत, वर-वधु के परिजन और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक सम्मिलित हुए।
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