महाकुम्भ से सीधा
कलाग्राम के शुभारम्भ के साथ सांस्कृतिक संगम का हुआ उद्घोष
महाकुंभ क्षेत्र, प्रयागराज (डा. रवीन्द्र अरजरिया)। कुम्भ नगरी में देश भर के कोने-कोने से आए कलाकारों, शिल्पकारों एवं कलाविदों को उनकी असाधारण प्रतिभा एवं चिरकालिक परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास किया गया है, जहां प्रदर्शन, दृश्य एवं साहित्यिक कलाओं के लिए एक ही स्थान पर मंच प्रदान किया गया है। आज इसी कलाग्राम का शुभारम्भ किया गया। महाकुम्भ के 45 दिनों में, कलाग्राम, गंगावतरण एवं समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करने वाले अनुभव क्षेत्रों, महाकुम्भ के विभिन्न पहलुओं को समाहित करने वाले प्रदर्शनी क्षेत्रों, कारीगरों के कौशल, शास्त्रीय एवं लोक कलाकारों के मंत्रमुग्धकारी प्रदर्शन, सात्विक व्यंजनों की सुगन्ध, एवं यहाँ तक कि विशेष खगोल रात्रि के माध्यम से रात्रि के आकाश का अवलोकन करने के अवसर के माध्यम से एक गहन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा। यहां बच्चों, युवाओं के लिए सेल्फी पांइट भी बनाया गया है। 635 फीट चौड़े एवं 54 फीट ऊँचे मुख्य प्रवेश द्वार से विस्मित होने के लिए तैयार रहें, जो शिल्प कौशल का एक अद्भुत निर्माण है। 12 ज्योतिर्लिगों के आकार में तैयार अनोखे कलाग्राम का उद्देश्य भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवंत मंच प्रदान करना है। कलाग्राम मंच, चार धाम को अपनी पृष्ठभूमि के रूप में जीवन्त करता है। इसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा निर्मित दो विशाल पट्टचित्र माँ दुर्गा एवं गणपति की कथा का वर्णन किया गया है। वही सात क्षेत्रों में हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और ब्रिक्री हेतु आकर्षक थीम पर आंगन बनाया गया है। आस्था की धरती पर सांस्कृतिक महाकुंभ का शुभारंभ 12 जनवरी से हुआ। कलाग्राम में समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, इसके लिए कलाग्राम, गंगा पण्डाल, झूसी, नागावासुकी एवं अरेल में विभिन्न मंचों पर 45 दिनों के लिए 14,632 कलाकार, संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों एवं सीसीआरटी द्वारा आयोजित प्रस्तुतियों में, प्रत्येक दिन पद्म एवं एसएनए पुरस्कार विजेता दिग्गजों से लेकर उदीयमान युवा प्रतिभाओं, लोक नर्तकों की रंगारंग मण्डली, भावपूर्ण शास्त्रीय शैली एवं मनोरंजक सेलिब्रिटी प्रदर्शन, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा मंचित नाट्य प्रदर्शन दर्शकों को मुग्ध करेंगे। कलाग्राम में कार्यक्रम पूर्वाहन 11:00 बजे से सायं 7:30 बजे तक तथा अन्य पण्डालों में सायं 4:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक होगा। सांस्कृतिक महाकुंभ के तहत स्थानीय उत्पादों को बढावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों से आए 84 शिल्पकार एवं 14 व्यंजनकार अपने-अपने स्टाल लगाये। वही एनसीजेडसीसी, प्रयागराज से 14 शिल्पकार एवं 7 व्यंजनकार अपने स्टाल लगाये। गंगा पंडाल में त्रिवेणी मार्ग पर बने गंगा पंडाल में 31 स्टार कलाकारों का जमावड़ा होगा जो अपने प्रस्तुतियों से दर्शकों को आनंदित करेंगे। मुंबई, मणिपुर, दिल्ली, भुनेश्वर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पं बंगाल, हैदराबाद, कोलाकाता आदि विभिन्न राज्यों से कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें। इस प्रकार सांस्कृतिक विरासत के लिए महाकुम्भ नगरी में एक सशक्त मंच प्रदान किया गया।
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