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 हरिद्वार:

Minning in Ganga , haridwar under chandi ghaat is illegal

हरिद्वार:


कल मातृ सदन द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित कर हरिद्वार में गंगा नदी के निकट अवैध खनन की विभीषिका को लेकर प्रशासन की भूमिका पर गंभीर प्रश्न उठाए गए। 


परम पूज्य श्री गुरुदेव स्वामी श्री शिवानंद जी महाराज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रशासन पर माफियाओं से मिलीभगत और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हरिद्वार का उत्तराखंड के साथ आना अभिशाप हो गया और यहाँ के माफियापरस्त मुख्यमंत्री गंगा और पर्यावरण के सबसे बड़े द्रोही बनकर सामने आए हैं।उनका कहना है कि


1. कल रात, सैसा स्टोन क्रशर के पीछे ग्राम बिशनपुर कुंडी में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की योजना बनाई गई थी। हालांकि, मातृ सदन द्वारा दी गई पूर्व सूचना जो वीआईपी ग्रुप समेत अन्य ग्रुप पर साझा की गई और प्रेस के माध्यम से इसे उजागर करने के बाद, प्रशासन ने एक दिखावटी "छापेमारी स्टंट" का आयोजन किया जिसमें उप-जिलाधिकारी श्री अजय वीर सिंह और खनन अधिकारी श्री काजीम रजा चारों तरफ विडिओग्राफी करते हुए मौके पर जाते दिखाई देते हैं और ये दिखाने की चेष्टा करते हैं कि कहीं खनन नहीं हुआ, जबकि माफियाओं को पहले ही इसकी सूचना प्रशासन की तरफ से लग गई थी और उस स्थान से 1 किलोमीटर के अंदर ही नटराज स्टोन क्रशर के पश्चिम में रातभर भारी मशीनों से 5-6 घंटे तक अवैध खनन हुआ। यह प्रशासन और माफियाओं के बीच गहरी सांठगांठ को स्पष्ट दर्शाता है। इससे ये भी स्पष्ट है कि जिलाधिकारी श्री कर्मेंद्र सिंह माफियाओं द्वारा लाए गए अधिकारी हैं और उन्हीं के हितों के लिए कार्य कर रहे हैं।

 एसडीएम मनीष कुमार सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए है उनका कहना है कि  नायब तहसीलदार से पदोन्नत होकर हरिद्वार में लगातार नियुक्त हो रहे मनीष कुमार माफियाओं के साथ हर प्रकार के लेन-देन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 

खनन अधिकारी श्री काजिम रजा और एसडीएम श्री अजय वीर सिंह ने छापेमारी की मात्र दिखावटी कार्रवाई की और माफियाओं को पहले ही सूचना देकर खनन स्थल बदलने का मौका दे दिया।


उन्होंने आरोप लगाया कि नटराज क्रशर के मैनेजर नरेश कश्यप, विकास पाल, अंकित पाल, और बिशनपुर के प्रधान सन्नी, जो शाकुंभरी क्रशर के मालिक हैं, इस अवैध खनन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।

  प्रशासन माफियाओं को संरक्षण दे रहा है, जबकि गंगा का संरक्षण करना चाहिए।

 मातृ सदन द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो और साक्ष्य को एनएमसीजी व अन्य संबंधित विभागों को भेज दिया गया है। 

पूज्य गुरुदेव ने यह भी कहा कि हरिद्वार में अवैध खनन पर प्रशासन द्वारा हाई कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र पूर्णतः झूठे हैं। 

आनेवाली तारीख पर जिलाधिकारी इसका भी जवाब देने के लिए तैयार रहें। 

साथ ही  जिलाधिकारी  हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह, एसडीएम मनीष कुमार सिंह, श्री अजय वीर सिंह और खनन अधिकारी काजिम रजा को तुरंत निलंबित करने की और इनकी संपत्ति की जांच की मांग भी की है।  हरिद्वार में समस्त स्टोन क्रशरों को तत्काल बंद करने

और हाई लेवल कमेटी द्वारा माफियाओं और उनसे जुड़े अधिकारियों की संपत्ति और लेन-देन की जांच की बात भी कही।

गंगा और पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर त्वरित और कठोर कदम उठाने का शासन और सरकार से आग्रह किया।


उन्होंने चेतावनी दी है यदि प्रशासन ने  तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो मातृ सदन इस मामले को सक्षम न्यायालय और राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी और जरूरत पड़ी तो अनशन भी करेगी।

 गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए मातृ सदन किसी भी हद तक संघर्ष करने को तैयार है।

इससे पहले भी शिवानंद महाराज जी चंडी घाट के नीचे होने वाले खनन की आज्ञा पर आक्रोशित हुए थे। उनका कहना है कि गंगा की अविरल धारा को छेड़ने का मतलब विपत्ति को बुलावा देना है। सीएम धामी और पीएम मोदी से उन्होंने आग्रह किया कि गंगा को खनन माफियाओं के हाथो में न जाने दे। साथ ही साधु संतों को भी इसके लिये आगे आने को कहा।



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