*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया खेल महाकुंभ की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारंभ
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के पदक विजेता खिलाड़ियों को भी सीधी भर्ती के पदों पर अन्य खिलाड़ियों की तरह चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। साथ ही खेल महाकुंभ में जनपद स्तर पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को भी स्पोर्ट्स किट प्रदान की जाएगी।
रविवार को युवा कल्याण निदेशालय में खेल महाकुंभ - 2024 की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त घोषणाएं की हैं। उन्होंने इस अवसर पर डेफ ओलंपिक में स्कीइंग प्रतिभाग करने वाली खिलाड़ी अमीषा चौहान को 50 लाख की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया। एथलेटिक्स में 27वीं नेशनल फेडरेशन में स्वर्ण पदक जीतने वाली सोनिया को 02 लाख और 22वें नेशनल फेडरेशन जूनियर में राहुल सरनालिया को स्वर्ण पदक जीतने पर 01 लाख रुपए का प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल महाकुंभ विशिष्ट आयोजन है। इसमें खिलाड़ियों को ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक, जनपद होते हुए, राज्य स्तर तक प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिलता है। इससे राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने में मदद मिल रही है। साथ ही खेल महाकुंभ युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के साथ ही अनुशासन और टीम वर्क की भावना विकसित करने में भी योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष खेल महाकुंभ में सवा तीन लाख से अधिक खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था, इस बार का आयोजन इस रिकॉर्ड को तोड़ने का काम करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बार के खेल महाकुंभ में विभिन्न स्तर के विजेता खिलाड़ियों को डीबीटी के माध्यम से 11 करोड़ रुपए से अधिक की पुरस्कार राशि वितरित की जाएगी। इसलिए खिलाड़ी आगे आकर अपनी प्रतिभा प्रदर्शन करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने का काम रही है। इसी क्रम में नई खेल नीति लागू करते हुए, आम खिलाड़ियों के सामने आने वाली चुनौती का हर संभव समाधान किया गया है। राज्य सरकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी दे रही है। मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की स्थापना करते हुए, पूर्व में दी जाने वाली नकद राशि में वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समय बदल गया है, अब अभिभावक से लेकर शिक्षक तक खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने का काम हर रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार पढ़ाई के साथ खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री उदयीमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत आठ वर्ष की आयु से ही चयनित खिलाड़ियों को 1500 रुपए और 14 से 23 वर्ष तक के खिलाड़ियों को दो हजार रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति के साथ उपकरण खरीदने के लिए प्रतिवर्ष दस हजार रुपए की धनराशि प्रदान कर रही है। साथ ही दिव्यांग खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को भी समान अधिकार दिए जा रहे हैं। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नौकरियों में फिर से खेल कोटा बहाल कर दिया है। इस बार के बजट में युवा शक्ति को ध्यान में रखते हुए, युवा कल्याण, खेल कूद, उच्च शिक्षा के लिए 1700 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए खेल अवस्थापना जुटाने के लिए सरकार नए खेल मैदान, स्टेडियम बनाने के साथ ही जिम और ट्रैक भी बनवा रही है। अब सरकार खेल विश्वविद्यालय बनाने का भी निर्णय ले चुकी है, शीध्र ही इसका शिलान्यास करते हुए कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय और शीतकालीन खेलों की मेजबानी मिली है, इसके लिए आधारभूत सुविधाएं जुटाने का काम पूरा कर लिया गया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए, प्रदेश सरकार पदक विजेता खिलाड़ियों को, उनकी पुरस्कार राशि के बराबर अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी। इसलिए प्रदेश के खिलाड़ी मेहनत करते हुए राष्ट्रीय खेलों में अपना और अपने प्रदेश का नाम रौशन करने का काम करें।
खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने खेल और खिलाडियों के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। नौकरियों में खेल आरक्षण से लेकर, खेल विश्वविद्यालय और गर्ल्स स्पोर्ट़्स कॉलेज की स्थापना के निर्णय लिए गए हैं।
इस अवसर पर रायपुर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, खेल निदेशक श्री प्रशांत आर्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता एवं प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक श्री प्रकाश झा ने भेंट की।
उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्मांकन के लिए इच्छा जाहिर की। श्री प्रकाश झा ने कहा कि फिल्म जगत के लोगों का उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए तेजी से रूझान बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने फिल्म निर्माता-निर्देशक श्री प्रकाश झा का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें राज्य में फिल्मांकन के लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनेक डेस्टिनेशन हैं। उत्तराखण्ड में नई फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति प्रदान की जा रही है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में फिल्मों को बढ़ावा देकर पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।
इस अवसर उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ एवं महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सागरताल नालापानी, देहरादून में बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा आयोजित '50वाँ खलंगा मेला' में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खलंगा मेला आयोजन समिति को 5 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की।
' 50वाँ खलंगा मेला स्मारिका' का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों, वीरांगनाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा हमारे वीर पूर्वजों के अप्रतिम साहस का एवं हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा ये मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। हमारे देश की ऐतिहासिक धरोहरें हमारे गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को मजबूत करने का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में रखना, इसका बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। निश्चित ही ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को इन गोरखा समाज की परंपराओं को संजोए रखने तथा अपने पूर्वजों की वीरता और बलिदान को याद रखने में सहायक सिद्ध होंगे।
इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, बलभद्र ख़लंगा विकास समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा,श्री कुलदीप बुटोला, श्री विश्वास डाबर, श्री विजय बलूनी, श्री पदम सिंह, ब्रिगेडियर राम सिंह थापा एंव लोग मौजूद रहे।
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