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उत्तरकाशी;

Shri gangotri ,yamunotri dhaam kapat closed

*यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही चारधाम यात्रा का अंतिम सत्र सकुशल स्वामी*


*तीस दिन की यात्राकाल कम होने के बावजूद इस वर्ष यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि*


*जिल साहब ने यात्रा व्यवस्था से जुड़े लोगों के सहयोग से अगली यात्रा की वार्ता के लिए अभी से चयन की योजना बनाई*


*उत्तरकाशी, 03 नवम्बर 2024*


यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही चारधाम यात्रा का वर्तमान सत्र सकुशल समाप्त हो गया है। इस साल की यात्राकाल पिछले साल की तुलना में तीस दिन कम होने के बावजूद दोनों धामों में इस बार की यात्रा की दैनिक औसत संख्या 713 है। समान अवधि की तुलना करने पर इस बार भी दोनों धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में लगभग डेढ़ लाख की वृद्धि हुई है। 


गत वर्ष 22 अप्रैल 2023 को गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर 2023 को और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर 2023 को बंद किये गये थे। इस प्रकार गत वर्ष गंगोत्री में कुल 207 दिन और यमुनोत्री में 208 दिन की यात्रा अवधि रही। इस साल 10 मई 2024 को 177 दिनों की अवधि के बाद गंगोत्री के कपाट बंद हो गए हैं और आज 178 दिनों के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। इस प्रकार पिछले वर्ष की यात्रा की अवधि इस बार से तीस दिन अधिक थी।


इस साल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में कुल 1530028 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ और इन दोनों धामों में यात्रियों का दैनिक औसत 8620 रहा। जबकि गत वर्ष 30 दिन से अधिक अवधि की यात्राकाल में इन दोनों धामों में कुल 1640701 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ था और प्रतिदिन औसतन 7907 तीर्थयात्रियों की आमद हुई थी। इस प्रकार इस वर्ष जिले में प्रतिदिन औसत 713 यात्री अधिक आये हैं। 

इस साल के कपाटों की तारीख 10 मई से लेकर कपाट बंदियों की तारीख 2/3 नवंबर तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 149914 यात्री अधिक पाहुंचे हैं। पिछले साल 10 मई से लेकर 2/3 नवंबर तक दोनों धाम में कुल 1380114 यात्री आए थे। इस बार गंगोत्री धाम में 815273 और यमुनोत्री धाम में 714755 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है, जबकि पिछले साल इसी दौरान 764394 में गंगोत्री और 615720 में यमुनोत्री में तीर्थयात्री आए थे। इस प्रकार तीर्थयात्रियों की आमद में पिछले साल की तुलना में समान अवधि गंगोत्री में इस बार 100518 और यमुनोत्री में 99035 की वृद्धि हुई है।


चारधाम यात्रा के सफल, सुरक्षित और सुव्यवस्थित संचालन की शुरुआत इस बार जिले में दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। शुरूआती दौर में भारी भीड़ वाले तूफान के आने के कारण सामने आई झील का समाधान प्रशासन द्वारा किया गया और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया गया। जिससे इस बार अधिक यात्रियों की आमद के साथ पैसेंजर यात्रा हो गई। बेकार काल में मूर्तियों को बनाए रखने के लिए स्मारक स्थलों पर बड़ी संख्या में कारखाने और अन्य उपकरणों की स्थापना के लिए इस बार यात्रा बाधित नहीं हुई। प्रशासन द्वारा यात्री सुविधाएं और सुरक्षा को प्रमुखता से बताया गया क्योंकि इस बार यात्रा यात्रा पर यात्रा काफी कम रही और कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ। 


अन्य डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में चारधाम यात्रा को सकुशल व शेष अधिकारियों के साथ अलग-अलग यात्रा में शामिल किया, साथ ही मंदिर समिति के सदस्यों, तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय नागरिकों, तीर्थयात्रियों से जुड़े लोगों, घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी की यात्रा की। अफ़्रीका, होटल-होम स्टे-रेस्टोरेंट मठ, आश्रम और भंडारों के प्रतिष्ठान, परिवहन सेवा प्रदाता, सुरक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाएँ, संबंधित सामग्री, मीडिया सामग्री शामिल लोगों द्वारा प्रदान की गई सहायता टीम सहयोगी व्यक्तियों ने कहा है कि आगामी चारधाम यात्रा अधिक से अधिक समाविष्ट, सुरक्षित और सुव्यवस्थित को सहजता से अपनाने के लिए यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों को अलग से प्रयास करने की आवश्यकता होगी और अगली यात्रा की वार्ता में अभी से चयन करना होगा।

यमुनोत्री मंदिर के कपाट आज भाईदूज के पर्व पर धार्मिक परंपरा के अनुसार शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यमुनोत्री धाम में आज भगवान से विशेष पूजा-अभिषेक का क्रम जारी और अभिजीत उत्सव में दोपहर 12.05 बजे मंदिर के कपाट बंद कर यमुना जी की भोग मूर्ति की डोली में भगवान शनिदेव समेश्वर महाराज के दर्शन के लिए खरसाली गांव में पूजा-अर्चना की गई। ।। बड़ी संख्या में अनाथजन कपाट बंद और डोली यात्रा का साक्षी बनने के लिए यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। ।।

खरसाली गांव में स्थित यमुना जी की मूर्ति शीतलकाल के कपाट तक खरसाली में स्थित खिलौने की गुड़िया और किशोरजन यमुनोत्री मंदिर के कपाट तक खरसाली स्थित मंदिर में यमुना जी का दर्शन-पूजन कर सकते हैं।


इस अवसर पर विधायक संजय डोभाल, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, उप सभापति कुमार तिवारी, यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश प्रसाद उनियाल सहित मंदिर समिति के अन्य महासचिव और तीर्थ पुरोहितों के साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीण भी उपस्थित रहे।



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