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 बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंची।


•  डोली यात्रा मार्ग एवं एवं‌ श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में डोली का भब्य स्वागत

उखीमठ :

Srikedar nath doli reached omkareshwar


भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली  श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से सेना के बैंड के भक्तिमय  धुनों तथा स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ  समारोह पूर्वक आज दोपहर बाद शीतकाल गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच गयी है। 



इस अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा पंचमुखी डोली का भब्य स्वागत किया गया आज के दिन हेतु ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ जी की डोली के दर्शन किये।


श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली  के शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है तथा डोली यात्रा में शामिल सभी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने के बाद श्री  ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू है गयी है।


बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर शुभकामनाएं दी है।


बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि बीते रविवार 3 नवंबर भैयादूज को श्री केदारनाथ मंदिर  के कपाट बंद हुए थे।कल बीते सोमवार 4 नवंबर  को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली रामपुर से प्रस्थान कर  शायं को  श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी

आज  भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली  ने  श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रात: 9 बजे श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई । श्रद्धालुओं ने डोली का पूरे यात्रा मार्ग  गुप्तकाशी  बाजार, विद्यापीठ , कुंड,संसारी, उखीमठ मंदिर मार्ग पर  पुष्प वर्षा से स्वागत किया।


 श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचने पर बाबा केदारनाथ की डोली का भब्य स्वागत हुआ‌।

 


आज डोली के श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचने के अवसर पर बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, रणजीत सिंह राणा,अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,केदारनाथ मंदिर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रधान पुजारी शिवशंकर लिंग, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, धर्मेंद्र तिवारी ,अरविंद शुक्ला कुलदीप धर्म्वाण, प्रेम सिंह रावत, बीरेश्वर भट्ट, अभिरतन धर्म्वाण, अनूप तिवारी, रणवीर पुष्पवान, आचार्य संजय तिवारी, वेदप्रकाश त्रिवेदी, प्रकाश शुक्ला,हिमांशु बर्त्वाल सहित मंदिर समिति कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन  मौजूद रहे।


श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बीते 4 नवंबर सोमवार  दोपहर को बंद हुए तथा श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली ने कल चोपता प्रवास किया आज उत्सव डोली चोपता से भनकुन पहुंची तथा कल 6 नवंबर को भी भनकुन प्रवास करेगी। 7 नवंबर को पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी इसी के साथ श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी। 




इस अवसर पर  मठापति रामप्रसाद मैठाणी,डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, प्रबंधक बलबीर नेगी, चंद्र मोहन बजवाल, पुजारी विनोद मैठाणी, प्रकाश मैठाणी  रवीन्द्र मैठाणी आदि मौजूद रहे।


अब श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में  नियमित रूप से होंगे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली के दर्शन



देहरादून: 5 नवंबर। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं। कपाट बंद होने के बाद आज विभिन्न पड़ावों से होकर भगवान केदारनाथ की चांदी की पंचमुखी दिव्य चल विग्रह उत्सव मूर्ति डोली में विराजमान हो कर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच गयी है।


श्रद्धालुओं को अब बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में हो सकेंगे। पहले पंचमुखी उत्सव मूर्ति को ऊखीमठ पहुंचने पर भंडार गृह में रख दिया जाता था। इस कारण ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पंचमुखी मूर्ति के दर्शन नहीं हो पाते थे। 


इस संबंध में हक-हकूकधारियों तथा तीर्थ पुरोहितों ने श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय से अनुरोध किया था। तीर्थ पुरोहितों का कहना था कि पंचमुखी मूर्ति को भंडार गृह में रखने के बजाय शीतकाल में दर्शनों हेतु श्री ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में रखा जाए, ताकि ऊखीमठ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मूर्ति के दर्शनों का लाभ मिल सके। 


तीर्थ पुरोहितों व हक - हकुकधारियों के अनुरोध पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद बीकेटीसी ने निश्चय किया कि भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी मूर्ति को अब श्री ओंकारेश्वर मंदिर गर्भगृह में विराजमान किया जायेगा, जहां पंचमुखी मूर्ति की निरंतर‌ पूजा-अर्चना की जायेगी। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृती प्रदान कर दी है।


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