कार्तिक मास को सभी महीनों का राजा कहा गया है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार भगवान कृष्ण कहते हैं कि जितने भी मास हैं, उनमें कार्तिक मास मैं ही हूं। कार्तिक मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
कार्तिक मास में ही सभी महत्वपूर्णं त्योहार होते है, यही कारण है कि कार्तिक मास में ही मां लक्ष्मी और अमृत कलश लिए हुए भगवान धन्वंतरी का समुद्र मंथन के समय इस सृष्टि में प्राकट्य हुआ था।
देवोत्थान का समय भी एकादशी शुक्ल पक्ष को होता है। इसी के बाद सब शुभ कार्यों का आरंभ माना गया है।
कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार के गंगाघाटों के साथ ही अन्य नदियों के तट पर आस्था की डुबकी लगाने हज़ारों लोग पंहुचे।
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ ही पूजा-अर्चना की। हर की पैड़ी पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी। वहीं, ऋषिकेश में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर त्रिवेणी घाट सहित लक्ष्मण झूला स्वर्ग आश्रम और अन्य गंगा तटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
बाहर से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां गंगा स्नान के लिए पहुंचे हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर दान पुण्य का भी काफी महत्व माना गया है।
कार्तिक पूर्णिमा का स्नान सभी गंगा स्नान में प्रमुख माना जाता है। इस स्नान पर सबसे अधिक भीड़ जुटती है। यही कारण यहा कि तड़के से ही हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
पुण्यकाल शुरू होते ही स्नानार्थियों की भारी भीड़ घाटों पर दहाई पड़ी। इसलिए पिछले दिन से ही लोग हरिद्वार पहुंचने लगे थे।
स्नान के चलते हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट आदि घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा। सनातनी मान्यता के अनुसार श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन और गंगा अभिषेक भी किया।
स्नान के बाद हरिद्वार के मंदिरों के दर्शन और पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूनानक जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी ने हमें सच्चाई, न्याय और मानवता की राह पर चलने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि गुरूनानक जी ने समाज की बुराईयों को दूर करने के लिए अपने उपदेशों एवं शिक्षा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। गुरूनानक जी के उपदेश हमें समाज में भाईचारा, सद्भाव और एकता को बढावा देने की भी प्रेरणा देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने समाज में ऊंचनीच, भेदभाव, वैमनस्यता को दूर करने के लिए अथक प्रयास किए। उनकी शिक्षा आज भी प्रासंगिक है और समाज का मार्गदर्शन कर रही है। उनके उपदेशों में मानव कल्याण की कामना की गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि हमें इस पावन अवसर पर गुरुनानक देवजी के संदेशों को आत्मसात कर मानव कल्याण तथा देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदारी निभाने का संकल्प लेना होगा।
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