केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू की जाय - मुख्यमंत्री।
शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में किराये में दी जायेगी 10 प्रतिशत छूट।
मुख्यमंत्री जनपदों में रात्रि प्रवास कर करेंगे जन सुनवाई।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू की जाय और इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। इन शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटलों में रूकने पर किराये में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री अगले सप्ताह शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा भी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखण्ड के रजत उत्सव वर्ष में सशक्त उत्तराखण्ड की कार्ययोजना के लिए सभी विभागों को अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिये थे। इसकी समीक्षा भी मुख्यमंत्री अगले सप्ताह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों की अपेक्षाओं और आशाओं के अनुरूप राज्य को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की देवतुल्य जनता के सहयोग से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने कि लिए राज्य सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क दुर्घटना सुरक्षा नियमावली जल्द बनाई जाए। पुलिस महानिदेशक को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि रात्रिकालीन गश्त बढ़ाई जाए और सड़क सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों में पुलिस बल भी बढ़ाया जाए। देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग्स फ्री राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को गहन अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। नशीले पदार्थों को बेचने वालों पर नियमित निगरानी रखने और इसमें संलिप्त पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। किराये पर रह रहे बाहरी लोगों का नियमित सत्यापन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही जनपदों का भ्रमण और रात्रि प्रवास करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री जन सुनवाई के साथ की विकास कार्यों का निरीक्षण और नगर निकायों और सरकारी कार्यालयों में विभिन्न व्यवस्थाओं और स्वच्छता कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। इसके लिए उन्होंने रोस्टर जारी करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी अंशुमान एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
*सुगम यातायात – 15 हजार वाहनों की पार्किंग क्षमता विकसित कर रही है धामी सरकार*
*विकास प्राधिकरणों के जरिए 182 स्थानों पर बनाई जा रही है वाहन पार्किंग*
*एमडीडीए, ऋषिकेश और देहरादून में बना रहा है दो हज़ार गाड़ियों की पार्किंग*
देहरादून। उत्तराखंड में वर्ष भर पयर्टकों और तीर्थयात्रियों की आवाजाही लगी रहती है। ऐसे में प्रदेश सरकार यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए सड़क चौड़ीकरण के साथ ही, प्रमुख तीर्थों, शहरों और पयर्टन स्थलों पर पार्किंग स्थलों का निर्माण कर रही है। वर्तमान में विभिन्न विकास प्राधिकरणों के जरिए 182 स्थानों पर 15 हजार से अधिक वाहनों की पार्किंग सुविधा तैयार की जा रही है। जिसमें से 34 जगह पार्किंग स्थल तैयार हो चुके हैं। एमडीडीए ऋषिकेश और देहरादून में दो हजार गाड़ियों की पार्किंग बना रहा है।
उत्तराखंड में हाल के समय में ऑल वेदर रोड, एक्सप्रेस वे और स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में उच्चीकृत किए जाने के साथ ही पीएमजीएसवाई नेटवर्क के जरिए रोड कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। इसका असर चारधाम यात्रा के साथ ही पयर्टन सीजन में उमड़ती रिकॉर्ड भीड़ के रूप में नजर आ रहा है। लेकिन इसी के साथ प्रमुख शहरों से लेकर पयर्टन स्थलों पर जाम की समस्या नजर आने लगी है। इसी समस्या के निदान के लिए उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (ऊडा ) विभिन्न विकास प्राधिकरणों के जरिए युद्धस्तर पर 182 स्थलों पर कुल 15857 वाहन क्षमता की पार्किंग सुविधा तैयार कर रहा है। इसमें वर्तमान तक 34 स्थलों को तैयार करते हुए 2102 वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। जबकि 47 अन्य पर निर्माण कार्य प्रारंभ भी हो चुका है। शेष पर कार्यवाही विभिन्न स्तरों पर जारी है।
*पहली बार टनल पार्किंग*
पर्वतीय भू भाग होने के कारण, उत्तराखंड में भूतल और मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए जगह का संकट रहता है। इसलिए प्रदेश सरकार पहली बार, टनल पार्किंग का विकल्प आजमाने जा रही है। इसमें पहाड़ के अंदर सुरंग तैयार कर पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी। इसके लिए बागेश्वर, लक्ष्मणझूला, उखीमठ, कैम्प्टी फॉल, नैनबाग, तपोवन, उत्तरकाशी, यमुनोत्री मार्ग (उत्तरकाशी), नैनीताल (दो स्थानों पर) में टनल पार्किंग तैयार की जा रही है। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (ऊडा) के मुख्य प्रशासक डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक टनल पार्किंग उत्तराखंड के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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*उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों और पयर्टकों का कीमती समय जाम में बर्बाद न हो इसके लिए प्रमुख पड़ावों पर पार्किंग निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारियों को इसके लिए भूमि चयन प्राथमिकता पर करने को कहा गया है। इसका लाभ स्थानीय निवासियों को भी मिलेगा।*
*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*
कुल प्रस्तावित पार्किंग – 182
सरफेस – 57
मल्टी स्टोरी – 107
ऑटोमेटेड – 09
टनल – 10
कुल वाहन क्षमता – 15857
पूर्ण हो चुकी हैं - 34
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